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भविष्य में कुछ ऐसा दिखेगा बनारस, राइट्स ने दिखाई तस्वीरें| Rights showed Banaras of the future

भविष्य में कुछ ऐसा दिखेगा बनारस, राइट्स ने दिखाई तस्वीरें| Rights showed Banaras of the future

नए साल की शुरुआत होने वाली है और इसी शुरुआत के साथ शहर को कई नई सौगात मिलने जा रही है। आने वाले अगले बीस सालों में बनारस का काया कल्प बदलने के लिए यातायात के साधन क्या होने चाहिए इस पर गुरुवार को मंथन हुआ। दिल्ली-लखनऊ समेत विभिन्न शहरों में मेट्रो की सेवा के सपने को साकार करने वाली रेलवे की संस्था राइट्स ने बताया कि बनारस में कहां कहां और कौन कौन से यातायात के साधन होने चाहिए।

सुविधाओं का ब्लू प्रिंट

भविष्य में कुछ ऐसा दिखेगा बनारस, राइट्स ने दिखाई तस्वीरें| Rights showed Banaras of the future

कमिश्नरी सभागार में कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई बैठक में साल 2041 तक जनसंख्या के दबाव के अनुसार राइट्स ने अपना प्रजेंटेशन तैयार किया। कंपनी के इस ब्लू प्रिंट में बीएचयू से भेल यानी तरना तक लाइट मेट्रो के संचालन पर प्लान किया गया है। इसमें 14 से 16 स्टेशन होंगे। रोप-वे को गोदौलिया, रथयात्रा, कैंट रेलवे स्टेशन, सिटी रेलवे स्टेशन और खिड़कियां घाट तक चलाए जाने का विचार है।

बनारस के इन मार्गों पर होगा संचालन

शहर को जल परिवहन के जरिए यातायात के साधन में शामिल किया गया है। इसमें खिड़किया घाट से गंगा में सामने घाट तक जल परिवहन का लाभ देने की बात कही गई है। खिड़किया घाट से ही कैंट तक वरुणा कॉरिडोर को भी यातायात के रूप में इस्तेमाल करते दिखाया गया। इससे खिड़िकिया घाट बड़ा जंक्शन बन जाएगा। गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट तक ई-रिक्शा चले। प्रस्ताव में शहर में रैपिड बस सहित सामान्य बसों के संचालन को भी जोड़ा गया है।

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भविष्य में कुछ ऐसा दिखेगा बनारस, राइट्स ने दिखाई तस्वीरें| Rights showed Banaras of the future

12 हजार करोड़ की लागत

संस्था राइट्स के अनुसार इस प्रोजेक्ट को जमीं पर उतारा गया तो 12 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। कंपनी ने माना कि साल 2041 तक शहर की आबादी 38 लाख होगी। लाइट मेट्रो, वाटर-वे और रोप-वे से बनारस में 12 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा।
जिले के अधिकारियों ने राइट्स के अधिकारियों को लाइट मेट्रो, रोप-वे के रनिंग खर्चे और यातायात से प्राप्त राजस्व के आकलन को भी प्रोजेक्ट में शामिल करने का सुझाव दिया गया। जिससे शहर वासियों को सुविधाओं की नई सौगात मिलेगी।

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