अब आधार कार्ड को लेकर बदल गए हैं यह नियम, हर किसी को जानना है बेहद जरूरी
वर्तमान समय में आधार कार्ड को लेकर कई नियम-कानून बनाए जा रहे हैं, दरअसल बीते दिनों कुछ ऐसे आदेश जारी किए गए थे, जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी, खास कर उन लोगों को जिनके पास आधार कार्ड नहीं है| बता दें कि कुछ दिनों पहले सरकार द्वारा एक नियम जारी किए गए थे, जिसमें कहा गया था कि बैंक अकाउंट खुलवाने और सिम कार्ड लेने के लिए आधार कार्ड का होना जरूरी हैं| इस नियम के लागू होते ही लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी क्योंकि आधार कार्ड ना होने की वजह से ना वो बैंक में अकाउंट खुलवा पा रहे थे और ना ही कोई नया सिम कार्ड ले पा रहे हैं|
लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुये सरकार द्वारा एक नए नियम की मंजूरी दे दी गयी हैं| इस नियम के मुताबिक नया बैंक अकाउंट खुलवाने और नए सिम लेने के लिए आधार कार्ड की जरूरत नहीं हैं| आधार कार्ड को लोग अपने आईडी प्रूफ में स्वैच्छिक रूप से दे सकते हैं ना की बाध्यता स्वरूप| लोग अपने आधार कार्ड का उपयोग स्वैच्छिक रूप से आईडी प्रूफ के लिए कर सकते हैं| दरअसल बैंक खाता खुलवाने या सिम कार्ड लेने के लिए आधार कार्ड को आईडी प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल को लेकर सरकार की ओर से लाए गए बिल के राज्यसभा से पास नहीं होने पर सरकार यह अध्यादेश लेकर आई है। जिससे आधार कार्ड की बाध्यता को खत्म किया जा सके|
आधार के गलत इस्तेमाल पर होगा 1 करोड़ तक का जुर्माना
नए अध्यादेश की मंजूरी के साथ ही सरकार ने आधार कार्ड के गलत इस्तेमाल संबंधी एक नए नियम बनाए हैं| इस नए नियम के मुताबिक यदि जो भी व्यक्ति या संस्था आधार एक्ट के नियमो का पालन नहीं करता हैं तो उसे या कंपनी को एक करोड़ तक का जुर्माना भी लग सकता हैं| इसके अलावा इस राशि को ना जमा करने पर रोजाना दस लाख का अतिरिक्त जुर्माना लगाने का प्रावधान हैं| नए आधार और अन्य कानून संशोधन अध्यादेश के लागू होने का बाद सेवा प्रदाता कंपनियां स्वैच्छिक तौर पर आधार को आईडी के तौर पर देने वाले लोगों की बुनियादी बायोमेट्रिक जानकारी और आधार संख्या का भंडारण नहीं कर पाएंगी। जिससे लोगों को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं होगा|
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ये नियम भी लागू हुए
(1) इस नए अध्यादेश के लागू होने के बाद आधार धारक की सहमति से आधार संख्या का ऑफलाइन या अन्य तरीके से भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन किया जा सकता है। इसके लिए कार्ड धारक की मंजूरी आवश्यक होगी|
(2) नाबालिग आधार धारक 18 साल की आयु पूरी करने पर अपनी आधार संख्या को रद्द करा सकता है और नया आधार संख्या जारी करवा सकता हैं|
(3) नया अध्यादेश आधार एक्ट की धारा-57 पर प्रभावी नहीं होगा। दरअसल धारा-57 प्राइवेट कंपनियों की आधार डाटा के इस्तेमाल की इजाजत देती है।
(4) पहचान सत्यापन के लिए दिए गए आधार डाटा के इस्तेमाल पर तीन साल की जेल और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा।
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