भारत में इस तरह पैर जमा रही हैं आॅनलाइन डेटिंग कंपनियां, दिल टूटने पर होता है ज्यादा का फायदा
देखा जाए तो पिछली जणगणना के अनुसार भारत में तकरीबन 8 करोड़ से अधिक लोग अविवाहित हैं और उन्हे अभी भी अपने हमसफर की तलाश हैऔर इसे देखते हुए ऑनलाइन डेटिंग की सुविधा उपलब्ध कराने वाली ढेरो कंपनियों ने इस मौके का एकदम मौके से फायदा उठाया है और आपको यकीन नही होगा की आज भारत आॅनलाइन डेटिंग के लिए एक बड़ा बाजार बन चुका है।
आपकी जानकरी के लिए बताते चलें की 2011 के बाद से ही अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में ऑनलाइन डेटिंग का चलन अपने उफान पर था। टिंडर, ओकेक्यूपिड जैसे ऑनलाइन डेटिंग स्टार्टअप्स ने इस दौरान लोगों के बीच खूब लोकप्रिय हुआ जहां पर लोगों ने इन ऐप्स के जरिए दोस्त, पार्टनर, पति-पत्नी भी आसानी से ढूंढ लिया। हालांकि लोगों को तो मज़ा आया ही और उन्हे उनके पार्टनर भी मिले मगर इस दौरान इन ऐप्स ने भी ढेर सारा पैसा भी बनाया।
वैसे आपको बता दें की शुरू से ही भारत के लिए ऑनलाइन डेटिंग का बाजार अच्छा नहीं माना जा रहा था, मगर वो शुरुआती दौर था। जबकि आज देशभर में टिंडर, ट्रूलीमैडली, आईक्रशआईफ्लश, आय्ल जैसे तमाम ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स ने करीब 8 करोड़ से ज्यादा लोगों का बाजार अपने लिए तैयार किया है और इस संख्या को ध्यान में रखकर ही आॅनलाइन डेटिंग के बिजनस मॉडल्स तैयार किए जा रहे हैं।
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एक रिसर्च के अनुसार, 2011 की जनसंख्या में बताए गए आंकड़ों से लगभग आधी संख्या 2018 में ऑनलाइन डेटिंग कंपनियों की उपभोक्ता बन चुकी है और इसके इन्ही उबफोकताओं की मदद से आज 2018 में की कमाई करीब 1 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा रही है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि ऐसा भी माना जा रहा है की आने वाले 4 वर्षों में ये लाब का अप्रतिशत तकरीबन 10 % तक बढ़ जाएगा।
आज सभी के हाथ में स्मार्टफोन है, फ्री का इंटरनेट है और सबसे बड़ी बात ये है की ज़्यादातर लोग अपना ज्यादा समय फोन और इंटरनेट पर ही बिताते हैं मगर फिर भी ऐसा देखा गया है की भारत में लोग अब भी डेटिंग के मामले में ऑनलाइन विकल्प ढूंढ़ने से कतराते हैं, मगर इसके अलावा इसी देश में ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो बेझिझक ऑनलाइन डेटिंग का सहारा लेकर अपने लिए स्थाई, अस्थाई साथी की तलाश में जुटे रहते हैं। आपको जानकारी हैरानी होगी की इसमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय ऐप टिंडर है जिसका भारत में एक महीने की आमदनी 1-2 करोड़ रुपये से भी ज्यादा रहा है।
हालांकि दिल टूटने से भी इन ऐप्स को काफी फायदा होता है क्योंकि ऐसा होने पर यूजर दोबारा ऐप को इस्तेमाल करता है और कंपनियों को इससे फायदा होता है। एक बार स्थाई साथी मिल जाने पर यूजर ऐप का इस्तेमाल बंद कर देता है जो कंपनी के लिए घाटे का सौदा है, लेकिन यह एक बिज़नेस है और किसी भी बिजनेस में बिना रिस्क लिए आप सफल तो नहीं हो सकते हैं और वैसे भी ऑनलाइन डेटिंग का ये बाज़ार ऐसा बाज़ार है जो कभी भी ठंडा नहीं पड़ सकता।