यहां साक्षात वास करते हैं भगवान ‘हनुमान’, दिखते हैं ऐसे चमत्कार की यकीन नहीं कर पाएंगे आप
हमारे भारत देश में कई ऐसे चमत्कार देखने को मिलते हैं जिसकी की कल्पना नहीं की जा सकतीं हैं| ऐसे ही लोगों की मान्यता हैं की देवभूमि के इस धाम में भगवान हनुमान साक्षात विराजमान हैं। इसके अलावा लोग मानते हैं की यहां आने वालों लोगों की सारी तमन्ना पूरी होती हैं और उनकी बिगड़ी किस्मत संवर जाती है। यदि इस बात पर आपको यकीन नहीं तो आप खुद ही एक बार आकर देख लीजिए…
उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित बाबा नीम करौली के बारे में ऐसी मान्यता हैं की कैंची के इस धाम से कोई भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता हैं। इस धाम पर मांगी गयी हर तमन्ना पूरी होती हैं| यहाँ के लोगो का मानना हैं की बाबा भगवान हनुमान के अवतार हैं। बाबा नीम करौली में सिर्फ आम लोगों की ही आस्था नहीं हैं बल्कि बड़ी-बड़ी हस्तियों की भी आस्था हैं|
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बाबा की पुण्यतिथि के अवसर पर हर साल यहां 15 जून को भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में केवल भारत देश के ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लाखों श्रद्धालु आते हैं। बाबा के इस धाम में भक्तों की आस्था यूं ही नहीं है। बाबा नीम करौली ने कई ऐसे चमत्कार किए हैं जिसको देखकर भक्त हैरान हो गए थे|
वहाँ के निवासियों के के अनुसार, एक बार धाम में आयोजित भंडारे में घी की कमी पड़ गई थी। घी की कमी को देखकर बाबा जी ने आदेश दिया की नीचे बहती नदी से कनस्तर में जल भरकर लाया जाए और जब उसे प्रसाद बनाने हेतु उपयोग में लाया गया तो वह जल घी में परिवर्तित हो गया।
लोग एक और ऐसी ही चमत्कार की चर्चा करते हुये बताते हैं की बाबा नीम करौली महाराज ने तपती धूप में एक भक्त को बादल की छतरी बनाकर दीये| जिसके बाद वह भक्त आराम से अपने गंतव्य को जा सका। बाबा के इन चमत्कारों के ऊपर रिचर्ड एलपर्ट (रामदास) ने एक किताब ‘मिरेकल ऑफ़ लव’ लिखी हैं|
इस किताब में ‘बुलेटप्रूफ कंबल’ नाम से एक घटना का जिक्र किया गया है। किताब के मुताबिक ‘एक बुजुर्ग दंपत्ति का बेटा खो गया।लेकिन एक दिन अचानक से वह वापस आ गया। लड़के ने बताया कि करीब महीने भर पहले एक दिन वह दुश्मन फौजों के साथ घिर गया था।
रातभर गोलीबारी हुई। उसके सारे साथी मारे गए लेकिन वह अकेला बच गया। तब उस दंपत्ति ने बताया कि, बेटे के खोने पर वे नीम करौली बाबा के पास गए थे। जहां बाबा रात को कंबल ओढ़कर सो गए। रातभर वे तड़पते रहे और सुबह कंबल नदी में प्रवाहित करने के लिए कहा। उसी सुबह उनका बेटा वापस आ गया।,