रमजान 2019 : इस दिन से शुरू हो रहा है रमजान, रोजा रखने से पहले जान लें कुछ विशेष नियम
इस्लाम धर्म में रमजान, रहमतों का महिना कहा जाता हैं और रमजान के दिनों मे मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं और पूरे महीने अल्लाह की इबादत करते हैं| बता दें कि इस साल रमजान की शुरुआत 7 मई, मंगलवार से हो रहा हैं| दरअसल रोजा रखना सिर्फ भूखा रहना नहीं होता हैं बल्कि अपनी इंद्रियों पर काबू करना होता हैं| इतना ही नहीं रोजा रखने से लिए एक खास नियम का पालन करना पड़ता हैं और यदि उस नियम से रोजा ना रखा जाए तो आपका रोजा कुबूल नहीं किया जाता हैं| ऐसे में आइए रोजा रखने के खास नियम के बारे में जानते हैं|
(1) रोजे रखने की अहमियत
रमजान का महिना 29 और 30 दिनों का होता हैं, इस दौरान सभी मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं| रमजान के महीने में, इंसान अपनी बुरी आदतों से तौबा करता हैं और बीते दिनों में की गयी गलतियों के लिए माफी मांगता हैं, ऐसा कहा जाता हैं कि इस महीने में खुदा इंसान की सभी गलतियों को माफ कर देते हैं|
(2) सिर्फ भूख-प्यास ही नहीं ये बातें भी मानें
रोजा रखने का यह मतलब नहीं हैं कि आप सिर्फ भूखे रहे बल्कि आप अपने इंद्रियों का भी रोजा रखे यानि उनके ऊपर काबू रखे, जैसे बुरा ना देखे, बुरा ना सुने और ना ही किसी को ऐसी बात बोले, जिससे उस इंसान को तकलीफ हो|
(3) रोजा रखना हर मुसलमान के लिए है जरूरी
रोजा रखना, हर मुसलमान के लिए जरूरी होता हैं| इस दौरान हर मुसलमान को सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक भूखा रहना पड़ता हैं| इसके अलावा रमजान के महीने में शौहर अपने शरीके हयात से संबंध नहीं बनाता हैं और ना ही इसके बारे में सोचता हैं, इन चीजों से दूर रहने की शख्त हिदायत दी जाती हैं|
(4) सहरी और इफ्तार का नियम
रोजा रखने के लिए सबसे पहले सहरी खाई जाती हैं और यह सहर शब्द से बना हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ सुबह होता हैं| सहरी के समय लोग भोर में उठकर कुछ खाते-पीते हैं और फिर पूरे दिन कुछ भी नहीं खाते| जब सूर्यास्त होता हैं तो लोग अपना रोजा तोड़ कर इफ्तार करते हैं यानि शाम के समय खाई जानी वाली चीज को इफ्तार कहते हैं|
(5) नमाज और कुरान के नियम
अपने व्यक्तित्व को शुद्ध रखने के लिए इस्लाम धर्म में, एक दिन में पाँच बार नमाज पढ़ने की सलाह दी जाती हैं और यह रमजान के दिनों में और भी जरूरी हो जाता हैं| नमाज के अलावा रमजान के महीने में कुरान पढ़ना जरूरी होता हैं|
(6) इन बातों से टूट जाता है रोजा
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जब भी कोई रोजा रखता हैं तो उसको कुछ बातों का ध्यान रखना होता हैं और यदि वह उन बातों का ध्यान ना रखे तो उसका रोजा टूट जाता हैं| रोजा रखते समय झूठ ना बोले, किसी की बदनामी करने से बचे, किसी के पीठ पीछे बुराई ना करे, झूठी कसम ना खाये और किसी चीज का लालच ना करे, यदि आप रोजा रख कर यह सब चीजें करते हैं तो आपका रोजा कुबूल नहीं होता हैं और आपका रोजा टूट जाता हैं|