Basant Panchami 2020: बसंत पंचमी पर ऐसे करें माँ सरस्वती की ये खास वंदना, जरूर पूरी होगी हर मनोकामना
आखिरकार वो समय आ ही गया, जिसका हम सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे| माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी हैं| बसंत पंचमी का त्यौहार इसलिए भी ख़ास होता है क्योंकि इस दिन माता सरस्वती का जन्मोत्सव मनाया जाता है| वसंत पंचमी के दिन शुभ महूर्त पर स्नान करने के बाद पीले वस्त्र पहनकर माता की अराधना की जाती है जो की माता सरस्वती का प्रिय रंग होता है| बसंत पंचमी के दिन किसी भी तरह का धार्मिक कार्य या शुभ कार्य करना काफी अच्छा माना जाता है|
इस दिन सभी जगह स्कूल, कॉलेज या कला से जुड़े हर क्षेत्र में माता सरस्वती की वन्दना की जाती है| माता सरस्वती स्वर, संगीत, कला, ज्ञान और बुद्धिमता की देवी है| लोग माता सरस्वती की अराधना ज्ञान और कला कला की प्राप्ति के लिए करते है| माता सरस्वती की तस्वीर को कला और ज्ञान प्रशिक्षण वाले स्थान पर लगाना काफी अच्छा माना जाता है|
कैसे करें माँ सरस्वती की पूजा
माँ सरस्वती की पूजन का शुभ समय 29 जनवरी 2020 के दिन सुबह 10:45 से लेकर 29 जनवरी के ही दिन 12:30 बजे तक बताया गया है| इस दिन स्नान कर लेने के बाद सबसे पहले पीले या श्वेत रंग के वस्त्र धारण करना होता है| इसके बाद आप पूजन स्थल पर माता सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित कर सकते है| ध्यान रहे कि आपको पूजन केवल उत्तर या पूरब की तरफ मुख कर के ही करना है|
पूजा करने के लिए आपको माता सरस्वती को पीले रंग के कपड़े पर बैठा देना है| इसके बाद आपको पूरी विधि के साथ माता सरस्वती का पूजन करना है| पूजा करते समय मात सरस्वती को सफ़ेद कमल ज़रुर चढ़ाए| इसके अलावा आप को इस दिन आपको खीर के प्रसाद का भोग लगाना चाहिए|
यह भी पढ़ें : Basant Panchami 2020: बसंत पंचमी पर बन रहा है दो शुभ संयोग, जानें क्या है शुभ मुहूर्त
वसंत पंचमी पर ज़रुर करें ये उपाय
इस दिन हर तरह की मनोकामना को पूर्ण करने के लिए आप हमारे द्वारा बताये गया एक विशेष उपाय कर सकते है| इस उपाय को करने के लिए आपको एक लाल कागज़, दो अनार, रुद्राक्ष की माला और माता सरस्वती की तस्वीर ले लीजिये| सबसे पहले आपको माता सरस्वती की तस्वीर पर सफेद चंदन, सफेद फूल, सफ़ेद अक्षत, सफ़ेद चावल को चढ़ा देना है| इसके बाद आपको माता के सामने चार मुख वाला दिया जलाते हुए उन्हें लाल रंग के फूल भी अर्पित कर देना है|
इसके बाद धुप जला कर आपको माँ सरस्वती से उस मनोकामना को पूर्ण करने की कामना करना है जिसे आप पूर्ण करना चाहते है| इसके बाद आपको रुद्राक्ष की माल लेकर 21 या 101 बार माता सरस्वती के मंत्र का जाप करना है| ऐसा करने से आपको ज्ञान और कला के क्षेत्र में तो लाभ होगा ही साथ ही आपकी सभी मनोकामना भी पूर्ण हो जायेगी| इस दिन माँ सरस्वती की बंदना ज़रुर करें|
माँ सरस्वती ज्ञान और कला मंत्र
ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।
सरस्वती वन्दना मंत्र
या कुन्देन्दुतुषारधरधवला या शुभ्रवस्त्रवृता।
या वानवरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासनाअ||
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभज्ञानभिर्देवै: सदा वन्दिता।
सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥
शुक्लाम् ब्रह्मविचार सार परमम आद्यां जगद्व्यापिनीम्।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदं जाड्यान्धकारापम्||
हस्ते स्फटिकमालिकाम् विद्धतिम् पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे ताम परमेश्वरीम् भगवतीम् बुद्धिप्रदम् शारदम् ॥2