बच्चियों के बलात्कार करने वालो पर सख्त हुई सरकार, पॉस्को एक्ट में किए ये बड़े बदलाव
देश में लगातार बढ़ रहे यौन अपराध के मामलों पर सख्त होते हुए सरकार ने बारह साल तक की बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को मौत की सजा देने के प्रावधान वाला अध्यादेश को आज केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंजूरी दे दी गयी है। बता दें की सदन में इस मसौदे को पारित कराकर नया कानून बनाये का प्रयास किया जायेगा, फिलहाल आपको बता दें की नरेंद्र मोदी कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगा दी गयी है।
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हाल के दिनों में जिस तरह से उत्तर प्रदेश के उन्नाव और जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल बना हुआ था उसे देखते हुए तत्कालीन सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए “बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो)” में संशोधन के लिए यह अध्यादेश लेकर आयी है।
जानकारी के लिए बता दें की इस प्रस्ताव के अनुसार 12 वर्ष तक बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपी को भी फांसी की सजा सुनाई जा सकती है। आपको बता दें की अभी तक पॉक्सो कानून के अंतर्गत इस घिनौने अपराध के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद थी और इस अपराध के लिए न्यूनतम सजा सात साल की जेल है।
बताना चाहेंगे की दिसंबर 2012 के जब निर्भया कांड हुआ था उसके बाद यौन अपराध से जुड़े कानूनों में संशोधन किये गये तो बलात्कार के बाद महिला की मृत्यु हो जाने या उसके मृतप्राय होने के मामले में एक अध्यादेश के माध्यम से मौत की सजा का प्रावधान शामिल किया गया था जो बाद में आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम बन गया।
फिलहाल आपकी जानकारी के लिए बताते चलें की सरकार ने कल सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह इस दंडनीय कानून में कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण संशोधन कर 12 वर्ष या उससे छोटी उम्र की बच्चियों के साथ यौन अपराध के दोषियों को मौत की सजा के प्रावधान को शामिल करने पर विचार कर रही है। फिलहाल इस संशोधन विधेयक के लिए मानसून सत्र शुरू होने तक का इंतजार करना पड़ेगा।