मलमास 2018: 16 दिसंबर से शुरु हो जाएगा खरमास, भूल से भी इन दिनों में न करें ये काम
दिसंबर महीने की 15 तारीख को धनु राशि में सूर्य ने प्रवेश किया है। इस राशि में सूर्य के प्रवेश करने से कोई भी शुभ काम करना बंद कर दिया जाता है। ऐसा लगातार एक महीने तक रहता है। फिर जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जाता है तब कोई शुभ कार्य कर सकते हैं। 16 दिसंबर (रविवार) को मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पड़ रही है। इस दिन सुबह के 9:10 बजे पर सूर्य मूल नक्षत्र और धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
विद्वानों के अनुसार जब सूर्य किसी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन सूर्यदेव की संक्रांति होती है । सूर्यसंक्रांति बहुत पुण्य फल देने वाला होता है इसलिए इस दिन स्नान – दान का विधान है। सूर्य की धनु संक्रांति के शुभ समय के दौरान गोदावरी नदी में स्नान कर के गरीबों के वस्त्र दान करने का बहुत अधिक महत्व है। इस पुण्यकाल के दौरान अगर आप ये सारे कार्य करते हैं तो आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी। अगर आप गोदावरी नदी में स्नान नहीं कर पाते हैं तो भी कोई बात नहीं है ।
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इसका भी एक उपाय है , आप घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर गोदावरी नदी को आवाह्न (याद) कर के स्नान कर लेंगे। इससे भी आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी। जब सूर्यदेव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो उस अवधि को खरमास कहा जाता है। एक साल में दो बार खरमास आता है। इस दौरान आप को कोई भी शुभ कार्य जैसे की विवाह ,गृहप्रवेश ,मुंडन संस्कार आदि को मना किया जाता है। इस दौरान आप सूर्य की उपासना करते हैं तो आपको काफी ज्यादा फायदा मिलता है। आने वाले 1 महीनों तक आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा।
खरमास में न करें ये काम
इस महीने आप को मांसाहारी खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अतिरिक्त आपको प्याज , लहसुन , गाजर , मूली , दाल ,तेल और अन्य दूषित चीजों का त्याग कर देना चाहिए । इस माह में सफेद धान, चावल , गेहूं , तेल , जौ , बथुआ , ककड़ी , मूंग , शहतूत , सामक, मटर, पीपल ,सौंठ , आंवला ,सेंधा नमक , सुपारी आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इन दिनों में आपको किसी पराई स्त्री को नहीं देखना होता है । इस समय देवी- देवताओं , ब्राह्मण , गाय , साधु- सन्यासी ,बड़े – बुजुर्ग की सेवा और आदर करना चाहिए। खरमास के समय में तांबे के पात्र में रखा हुआ दूध और चमड़े में रखा हुआ पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अपने हाथों से बनाया खाना ही खाना चाहिए। इन दिनों सादा जीवन व्यतीत करना चाहिए।