अक्षय तृतीया 2020: इस दिन मनाया जाएगा यह त्योहार, कर सकते हैं ये शुभ काम
प्रत्येक वर्ष के वैशाख माह की शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि के दिन आखा तीज या अक्षय तृतीया का त्यौहार मनाया जाता हैं, ये दिन हिन्दू धर्म मे काफी ज्यादा महत्व रखता हैं, शास्त्रों में कहा गया हैं कि इस दिन जो भी कार्य किये जाते हैं उनसे शुभ लाभ प्राप्त होता हैं। जैसा कि हम सबको ज्ञात हैं कि शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि प्रत्येक माह में आती हैं लेकिन उनमें से कुछ तिथि काफी ज्यादा महत्व वाली होती हैं उन्ही में से एक हैं अक्षय तृतीया। वैशाख महीने में आने वाली अक्षय तृतीया को स्वयंसिद्ध मुहूर्तों में काफी ज्यादा विशेष माना गया हैं, इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त या पंचांग देखने की जरुरत नहीं होती हैं। इस साल ये त्यौहार 26 अप्रैल 2020 को मनाया जाएगा।
अक्षय तृतीया : कौन से शुभ कार्य किए जा सकते हैं
अक्षय तृतीया पर कोई भी मांगलिक कार्य करने के लिए आपको किसी से कोई मुहुर्त निकलवाने की कोई आवश्यकता नहीं होती हैं, इस दिन आप बहुत से शुभ कार्य कर सकते हैं जैसे ग्रह-प्रवेश, विवाह, सगाई, मुंडन, घर या भूखण्ड खरीदना, वाहन खरीदना, आभूषण की खरीदी इत्यादि। अक्षय तृतीया के दिन नए वस्त्र, आभूषण पहनना या किसी नई संस्था का उदघाटन या स्थापना करना काफी उत्तम माना गया हैं, शास्त्रों में ये भी बताया गया हैं कि अक्षत तृतीया के दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कोई भी शुभ कार्य सम्पन्न किए जा सकते हैं।
पितरों का तर्पण करें
हिन्दू धर्म पुराणों में इस दिन पितरों को तर्पण करना काफी शुभ माना गया हैं कहा गया हैं कि इस दिन पितरों को किया गया किसी भी प्रकार का दान जैसेकि पिंड दान शुभ फल प्रदान करता हैं। इस दिन दान-पुण्य, तप, जप, हवन का काफी ज्यादा विशेष महत्व हैं, पुराणों में इस दिन गंगा स्नान का भी उल्लेख हैं, आखा तीज पर गंगा स्नान से समस्त पापों का नाश हो जाता हैं। यदि अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र के दिन आती हैं तो दान, तप, जप, यज्ञ का महत्व ज्यादा हो जाता हैं।
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गलतियों के लिए भगवान से क्षमा मांगिए
अक्षय तृतीया के दिन अगर व्यक्ति ईश्वर के सामने खुद से जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगता हैं तो भगवान उसकी गलतियों को माफ करके उसको सद्बुद्धि प्रदान करते हैं। इसीलिए आखा तीज के दिन अपनी सभी गलतियों के लिए प्रभु से माफी मांग लेनी चाहिए, अगर अक्षय तृतीया मध्याह्न से पहले शुरू होकर प्रदोष काल तक रहती हैं तो इसे काफी शुभ माना जाता हैं।