शास्त्रों के अनुसार ऐसी पत्नी के साथ घर में प्रवेश करती है लक्ष्मी
हमारे शास्त्रों में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है, स्त्री का जन्म जहाँ होता है, वहीं माता लक्ष्मी का वास माना जाता है और वो घर सुख, सौभाग्य एवं धन-धान्य से भर जाता है। स्त्री के जन्म लेने के बाद जब वो बड़ी हो जाती है तब वो अपने जीवनसाथी के संग अपने नए घर ससुराल में प्रवेश करती है और अपने चरण कमल से उस घर के सौभाग्य को जाग्रित कर देती है, जिससे उस घर के सुख के द्वार खुल जाते है और साथ ही घर धन धन्य से भी भरा रहता है।
स्त्री जब लक्ष्मी जैसी हो तो उसके पति की और उसके आने वाले पीढ़ियों का जन्म धन्य हो जाता है, यदि पत्नी सर्वगुण संपन्न हो तो उसके साथ घर में माता लक्ष्मी प्रवेश करती हैं। जहाँ हमारे शास्त्रों में स्त्री को घर की लक्ष्मी मानी गयी है, वहीँ कुछ ऐसी भी स्त्रियाँ है जिन्हें शुभ नहीं माना गया है। तो चलिए आज हम आपको यह बताते है कि शास्त्रों के अनुसार कैसी पत्नी घर की लक्ष्मी होती है।
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शास्त्रों में माना गया है कि जो स्त्री अपने मन, वचन और कर्म से पवित्र हो, जीवन में कितनी भी कठनाईयां हों लेकिन पति से कोई विभेदन न करें, अपने पति को खुश रखने का पूरा प्रयास करें साथ ही अपने पति के मन को कष्ट न पहुचाएं, पति के उच्छिष्ट अन्न को प्रिय भोजन मानकर ग्रहण करें, पति जो कुछ दे उसे महाप्रसाद मानकर शिरोधार्य करें, ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान कर पति के लिए श्रृंगार करती हो, घर के कामों में निपुण हो और साथ ही पति से कोई भी बात न छिपाकर हमेशा सच का आचरण रखने वाली स्त्रियाँ ही शास्त्रों में श्रेष्ठ पत्नी मानी गई है।
ऐसी स्त्री माता लक्ष्मी का रूप होती है, ऐसे स्त्री के पति को अपने पत्नी का सम्मान करना चाहिए। वहीँ जो स्त्री क्रोधी स्वभाव की हो, अपने पति से प्रेम न करें और साथ ही पतिव्रता धर्म का पालन न करें और जिसका पति उसके कारण दुखी हो। ऐसी स्त्री को तुरंत त्याग देना चाहिए।