Aadhaar Verdict : अब हर जगह अनिवार्य नहीं रह गया आधार, जहां जरूरी वहीं होगा इस्तेमाल
लंबे समय से आधार की अनिवार्यता यानि की Aadhaar verdict को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाया। आधार कहां जरूरी है और कहां गैर जरूरी, यह लंबे समय से बहस का मुद्दा रहा है और अब चूंकि सुप्रीम कोर्ट बेहद अहम फैसला सुनते हुए यह साफ कर दिया है कि आधार कार्ड सिर्फ उसी जगह पर अनिवार्य होगा जहां उसकी जरूरत होगी। आपको बताते चलें की अभी तक आधार के खिलाफ याचिका दायर करने वाले समुहों की एक बड़ी चिंता निजता के हनन को लेकर थी जिसपर लंबे समय के बाद ही सही मगर बड़ा फैसला आ गया है।
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें की केंद्र सरकार द्वारा आधार कार्यक्रम और इससे जुड़े 2016 के कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाओं पर आज यानी बुधवार 26 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाने से पहले बहुमत का फैसला पढ़ते हुए यह माना कि आधार, आम आदमी की पहचान है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार से पैन को जोड़ने का फैसला बरकरार रहेगा, इसके साथ ही सूप्रीम कोर्ट ने अपने फाइसे में यह भी कहा कि बैंक खाते से आधार को जोड़ना अब जरूरी नहीं।
अब सिर्फ सोशल स्कीम, पैन कार्ड आवेदन और इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए जरूरी होगा आधार
बता दें की इस फैसले के बाद आधार एक्ट की धारा 57, 2(d) के तहत फिलहाल अगर आप किसी भी बैंक में खाता खुलवाते हैं या फिर किसी कंपनी का सिम लेने जा रहे हैं तो उसके लिए आपको अपना आधार कार्ड देना अनिवार्य हो गया था, मगर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनते हुए आधार एक्ट की इस धारा को खत्म कर दिया है।
इसका सीधा मतलब ये निकलता है की आज के बाद यानी की कोर्ट के फैसले के बाद से आपको अब किसी भी प्राइवेट बैंक में खाता खुलवाने के लिए या फिर किसी भी कंपनी से सिम प्रपट करने के लिए अपने आधार की जानकारी देना अनिवार्य नहीं होगा।
इनकम टैक्स में सब पहले जैसा
हालांकि आपको यह भी बताते चलें की आधार एक्ट के तहत सरकार ने इनकम टैक्स में धारा 139AA जोड़ा था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बरकरार रखा है। इसके अनुसार पैन कार्ड के लिए आवेदन, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए या फीर पीपीएफ के लिए आधार की जानकारी देना अभी भी अनिवार्य ही रहेगा।
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