20 जुलाई को है हरियाली और सोमवती अमावस्या, जानें क्या करना चाहिए इस विशेष दिन ?
जैसा कि हम सब जानते हैं कि हिंदू धर्म में हर तिथि का अपना ही विशेष महत्व होता हैं, हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक माह दो भागों में वर्गीकृत होता हैं जो 15-15 दिनों के होते हैं। इन दो भागों को शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष कहा जाता हैं, इसी प्रकार हर महीने में अमावस्या और पूर्णमासी 15-15 दिन बाद आती हैं।
अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ फल देने वाला और धर्म-कर्म की दृष्टि से बहुत ज्यादा महत्व रखने वाला दिन भी होता हैं, वैसे तो हर महीने अमावस्या आती हैं पर कुछ अमावस्या को बहुत खास माना जाता हैं। आने वाली 20 जुलाई को सोमवार के दिन हरियाली और सोमवती अमावस्या एक ही दिन पर पड़ रही हैं और ये किसी शुभ दिन से कम नहीं हैं, आइये जानते हैं कि हमें अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए
हरियाली और सोमवती अमावस्या हैं एक ही दिन
एक ही दिन दो अमावस्या का पड़ना बहुत ही शुभ माना जाता हैं और वो भी जब ये सावन के पावन महीने के सोमवार के दिन पड़ रही हो, आखिरी बार ये दोनों अमावस्या एक साथ वर्ष 2000 में पड़ी थी। बताया जाता हैं कि सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना विशेष फलदायी माना जाता हैं, इसके अलावा इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने के साथ-साथ भगवान विष्णु और शनिदेव का ध्यान भी करना चाहिए।
इस बार की हरियाली अमावस्या हैं बेहद ही खास
हरियाली अमावस्या प्रत्येक वर्ष सावन के माह में आती हैं और जैसाकि नाम से ही स्पष्ट हैं ये अमावस्या अपने साथ चारों तरफ हरियाली और वर्षा लेकर आती हैं जिसकी वजह से प्रकृति के नजारे बेहद ही मनमोहक हो जाते हैं। इस बार हरियाली अमावस्या सोमवार के दिन हैं, हरियाली अमावस्या पर हमें मछलियों को आटे से बनी गोलियां खिलानी चाहिए, चींटियों को आटा डालना चाहिए, ऐसा करने से हम परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं।
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क्या करना चाहिए अमावस्या के दिन
पितृदेव को अमावस्या तिथि का स्वामी माना जाता हैं, इसलिए इस दिन पितर तर्पण और दान-पुण्य के लिए कहा जाता हैं, माना जाता हैं कि इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए किया गया तर्पण पितरों तक शीघ्र पहुंचता हैं और उनका आशीर्वाद सदा हमारें साथ रहता हैं। अमावस्या पर दिन के समय एक कंडा (गोबर का उपला) जला लीजिए और उस पर गुड़-घी अर्पण करकें पितरों का ध्यान करते हुए उन्हें नमन करना चाहिए।