Viral

आप भी जिंदगी में कुछ कर गुजरने की चाहत रखते हैं तो ये 7 प्रेरक कहानियां जरुर पढ़ें

वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि पैसा ही पैसे को खींचता है लेकिन धनी परिवार में पैदा होकर या फिर धनी लोगों के साथ सम्बन्ध रखकर ही आप सफल हो सकते हैं इस धारणा को पूरी तरह से खत्म कर दिखाया है दुनिया के कुछ महान हस्तियों ने। इन लोगों के ख़ुद के बूते शून्य से शिखर तक का सफ़र तय किया है। इन लोगों ने परिश्रम, धैर्य और संकल्प की जो मिसाल पेश की है वो पीढ़ी दर पीढ़ी के लिए एक मजबूत प्रेरणास्रोत है। इस कड़ी में हम ऐसे ही सात सफल लोगों की कहानी पेश कर रहे हैं, जिन्हें पढ़कर आपके अंदर भी एक नई आशा का संचार होगा और जिंदगी में कुछ कर गुजरने की चाहत पैदा होगी।
 
1) इंग्वार कामप्रद: एक लकड़हारे से अरबपति बनने तक का सफ़र 

एक गरीब स्वीडन लकड़हारे परिवार में पैदा लिए इंग्वार कामप्रद को बचपन से ही व्यापार करने का शौक था। अपने इस सपने को साकार करने के लिए 5 साल की उम्र से ही उन्होंने अपने पिता के साथ झाड़ियों से सरकण्डे लाकर स्कूल के बच्चों को बेचना शुरू कर दिया। 7 साल की उम्र में उन्होंने खुद कलम बनाकर बेचने शुरू कर दिए और साथ-साथ अपनी पढ़ाई को भी जारी रखा। शुरुआत से ही लकड़ी के कारोबार से जुड़े होने की वजह से साल 1948 में उन्होंने एक छोटी सी दुकान के साथ फर्नीचर तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया। धीरे-धीरे यह छोटी सी दुकान एक कंपनी का रूप ले ली और आज इसकी वैल्यूएशन करीब  29 अरब डॉलर से पार है।

2) महाशय धरमपाल: एक तांगे वाले से अरबपति बनने तक का सफ़र

मसालों के शहंशाह महाशय धरमपाल आज किसी परिचय के मोहताज़ नहीं हैं। पाकिस्तान के सियालकोट में पैदा लिए धरमपाल सिर्फ 5वीं तक पढ़े हैं। 1947 में देश विभाजन के समय इनका परिवार पाकिस्तान में अपना सब कुछ छोड़कर दिल्ली आ गया और दिल्ली कैंट क्षेत्र में पूरे परिवार के साथ एक शरणार्थी कैंप में रहे। 650 रूपये में इन्होंने एक तांगा खरीदकर अपनी आजीविका शुरू की। कुछ दिनों बाद उन्होंने तांगा बेचकर अपना पुश्तैनी मसालों का धंधा शुरू किया तथा उसका नाम रखा महाशियाँ दी हट्टी, जो आज ऍमडीएच के नाम से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। 92 वर्ष के धरमपाल हमेशा जरुरतमंदों की सेवा में हाज़िर रहते हैं। इसी कड़ी में उन्होंने कई स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों का निर्माण करवाया, जहाँ गरीबों और जरुरतमंदों को मुफ्त सेवाएं प्रदान की जाती है। 

3) हॉवर्ड शुल्त्ज़: एक ट्रक ड्राइवर के बेटे से अरबपति बनने तक का सफ़र

एक बेहद ही गरीब परिवार में पैदा लिए हॉवर्ड शुल्त्ज़ को कभी दो वक़्त का खाना तक नसीब नहीं हुआ करता था। लेकिन उन्हें बचपन से ही कुछ बड़ा करने की चाहत थी, इसी जुनून के साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखा। एक वक़्त उन्हें चंद पैसों के लिए ख़ुद की रक्त तक बेचनी पड़ी थी।

कुछ वर्षों तक नौकरी करने के बाद एक दिन उन्हें स्टारबक्स नाम की एक कॉफ़ी की दुकान के बारे में पता चला। उस वक़्त स्टारबक्स के सिर्फ तीन स्टोर थे, उन्होंने उसके मालिकों से ख़ुद को नौकरी पर रखने के लिए गुज़ारिश की और फिर कंपनी के खुदरा और विपणन निदेशक के रूप में काम करना शुरू कर दिया। काम के दौरान शुल्त्ज़ को समझ में आ गया कि लोगों को अगर वे अपने कॉफी के लिए निजी स्पर्श देने पर ध्यान केंद्रित करें तो यह क्रांतिकारी हो सकता है। कंपनी वर्तमान में 19.16 बिलियन डॉलर की सालाना टर्नओवर के साथ पूरी दुनिया में फैली हुई है।

4) ओपरा विनफ्रे: एक रेप पीड़िता से सबसे रइस अफ़्रीकी बनने तक का सफ़र 

ओपरा आज मीडिया जगत की सबसे प्रतिष्ठित चेहरों में से एक हैं और उन्हें लोकप्रिय टॉक शो ‘ओपरा विनफ्रे शो’ के लिए भी जाना जाता है। परिवार की आर्थिक हालात दयनीय होने की वजह से उन्हें बचपन में कपड़े के रूप में जूट की बोरियां पहननी होती थी। एक अविवाहित मां के कोख से पैदा होने वाली ओपरा का उसके 19 वर्षीय चचेरे भाई द्वारा बलात्कार किया गया था जब वह सिर्फ नौ साल की थी। आज वह विश्व की सबसे सफल लोगों की सूची में गिनी जाती हैं और उनकी सम्पत्ति तकरीबन 3 अरब डॉलर के पार है।

5) धीरूभाई अंबानी: एक पेट्रोलपम्प परिचारक से भारत के सबसे बड़े बिज़नेस टाइकून बनने का सफ़र

एक गुजराती परिवार में पैदा लिए धीरुभाई मात्र हाईस्कूल तक की शिक्षा ग्रहण कर, अपने दृढ-संकल्प के बूते स्वयं का विशाल व्यापारिक और औद्योगिक साम्राज्य स्थापित किया। सिर्फ तीन दशकों में ही उन्होंने अपने छोटे से कारोबार को एक विशाल औद्योगिक कंपनी में परिवर्तित कर दिया। न सिर्फ भारत बल्कि अंतराष्ट्रीय बाजार में भी रिलायंस एक बड़ी व्यवसायिक ताकत के तौर पर उभरी। उनकी जोखिम उठाने की अपार क्षमता और अमोघ प्रवृत्ति ने उन्हें फोर्ब्स के सबसे धनी व्यक्तियों की सूची में पहुंचा दिया। अपने वित्तीय कौशल और सूझ-बूझ से धीरूभाई ने वास्तव में एक आधुनिक शेयर बाजार बनाया। आज उनके दोनों पुत्र विश्व के दिग्गज कारोबारियों की सूची में शामिल हैं।

6) राल्फ लॉरेन: एक क्लर्क से अरबपति बनने तक का सफ़र

अमेरिका के एक बेहद ही गरीब परिवार में पैदा लिए राल्फ लॉरेन का परिवार दाने-दाने को मोहताज़ था। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद ख़राब होने की वजह से उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़कर आर्मी में भर्ती होने का फैसला किया। बाद में फिर वे एक टाई बनाने वाली कंपनी में क्लर्क के पद पर काम करने लगे। इसी दौरान उनके मन में ख़ुद की एक टाई बनाने वाली कंपनी खोलने का ख्याल आया। कुछ दिनों तक काम करते हुए उन्होंने पैसे इकट्ठे कर एक पोलो कंपनी बनाई और आज यह कंपनी दुनिया की अग्रणी फैशन ब्रांड बन चुकी है। इतना ही नहीं राल्फ लॉरेन की संपत्ति 7 अरब डॉलर के पार है।

7) लियोनार्डो डेल वेचिओ: एक मैकेनिक से अरबपति बनने तक का सफ़र 

बचपन में ही पिता को खो देने के बाद बेसहारा हो चुके लियोनार्डो को अपनी माँ का भी साथ नहीं मिल पाया। बुरी आर्थिक हालातों की वजह से माँ ने भी पालन-पोषण करने से इनकार कर दिया। अनाथालय में पले-बढ़े लियोनार्डो ने महज़ 12 साल की उम्र में ही गेराज में काम करना शुरू कर दिया। कुछ दिन काम करने के बाद उन्होंने एक फैक्ट्री में काम किया जो चश्मे बनाया करती थी। यहाँ काम करने के दौरान उन्हें सनग्लासेस की एक कंपनी खोलने को लेकर मन में विचार आया। कुछ दिन काम कर थोड़े पैसे बनाने के बाद उन्होंने ख़ुद की एक दुकान खोली और चश्मे बेचने शुरू कर दिए। आज इनकी कंपनी लुक्सोतिका दुनिया की सबसे फेमस और प्रीमियम ब्रांड की चश्मे बनाती है। और इनकी संपत्ति लगभग 17 अरब डॉलर के पार है।

Youth Trend

YouthTrend is a Trending Hindi Web Portal in India and Continuously Growing Day by Day with support of all our Genuine Readers. You can Follow us on Various Social Platforms for Latest News of Different Segments in Hindi.