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CRED कैसे बनी 100 करोड़ की Unicorn कंपनी, ऐसे मिला था कुणाल शाह को सक्सेस आइडिया

CRED : आपने वो कहावत तो सुनी होगी न नेकी कर दरिया में डाल, यानी कि भला करो और फिर भूल जाओ। लेकिन अगर कहीं ऐसा होता कि अच्छा काम करने पर रिवॉर्ड (Reward) बट रहे होते, तो फिर कितनी अच्छी बात होती। तब जो जो लोग किसी का भला ना कर सकते वो भी इनाम (Reward) पाने की लालच में ऐसा करते। पूरी दुनिया की काया पलट जाती, कोई झिकझिक ही ना होती। लेकिन क्या आपको पता है कई ऐसे फॉरेन Countries भी है, जहां किसी भी एथिकल बिहेवियर यानी कि अच्छे बर्ताव के लिए लोगों को रिवॉर्ड दिया जाता है। इस कारण वहां लोग आपस में एक दूसरे पर बड़े आराम से भरोसा करते हैं। वहां ग्रोसरी स्टोर पर पैसे लेने के लिए कोई कैशियर नहीं होता, पेट्रोल पंप पर कोई अटेंडेंट नहीं मिलेगा। जो भी इसके बारे में सुनेगा हर किसी को ये कल्चर प्रभावित करेगा। कुछ ऐसा ही हुआ इंडिया के एक बिजनेसमैन के साथ भी और वो इससे इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने इस थीम पर बिजनेस करने की ही सोच डाली। जिसके बाद उन्होंने CRED कंपनी खड़ी की जो 100 करोड़ की यूनिकॉर्न कंपनी (Unicorn) के रूप में बनकर उभरी।

CRED

दरअसल, उन दिनों भारत के एक बिजनेसमैन कुनाल शाह (Kunal) विदेश यात्रा पर थे। तभी इस दौरान बाहरी देशों का यह कल्चर (Culture) जब उन्होंने देखा तो उनके जहन में ये इस कदर बैठ गया कि कुणाल के दिमाग में इस थीम पर बिजनेस शुरू करने का आइडिया आया। जिसके बाद जन्म हुआ CRED का। कुणाल को इस बिजनेस आइडिया पर पूरा भरोसा था। हो भी क्यों न, कुनाल 14…15 साल की उम्र से ही बिजनेस, नौकरी शुरू कर चुके थे, इसलिए उन्हें लोगों की नब्ज मालूम थी। उन्हें मालूम था कौन सा आइडिया चलेगा और कौन सा नहीं।

CRED क्या है?

CRED एक क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करने करने वाली ऐप है। इसके माध्यम से आप अपने क्रेडिट कार्ड का बिल ऑनलाइन भर सकते हैं। साथ ही आपको आपके क्रेडिट कार्ड के बिल का भुकतान इस ऐप से करने पर आपको रिवॉर्ड और कैशबैक (Cashback) मिलता है।

CRED App को Credit Card इस्तेमाल करने वालों के लिये तैयार किया गया है जिसें आप अपने Credit Card Payment और बिल का भुगतान करने पर रिवॉर्ड और कैशबैक प्राप्त कर सकते है और साथ ही अपने सभी क्रेडिट कार्ड को आसानी से मैनेज कर सकते है।

Unicorn Company कौन सी होती हैं?

CRED : 100 Crore Unicorn Company

उन कंपनियों को यूनिकॉर्न (Unicorn) कहा जाता है जिनकी वैल्युएशन 1 बिलियन डॉलर यानी 100 करोड़ रुपये होती है। साथ ही ये कंपनियां प्राइवेट सेक्टर की होती हैं. वेंचर कैपिटल इंडस्ट्री में यह शब्द आम है। इस शब्द का इस्तेमाल पहली बार कैलिफोर्निया में किया गया था।

कोई भी स्टार्टअप कंपनी जब शुरू होने के बाद कुछ सालों में यूनिकॉर्न (Unicorn) कंपनी में गिनी जाने लगती है, तो इसका मतलब होता है कि वह विकसित हो रही है और उसकी ग्रोथ अच्छी है। दुनियाभर में यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या अब लगभग एक हजार के करीब पहुंच गई है।

बता दें कि क्रेड CRED से पहले भी कुनाल दो सक्सेसफुल स्टार्टअप चलाकर उन्हें बेच चुके थे। 2009 में उन्होंने पैसाबैक (Paisaback) शुरू किया था। जिसमें कस्टमर्स को शॉपिंग करने पर कैशबैक मिलता था। 2010 में Freecharge खोला, वह भी खूब चला। स्नैपडील को फ्रीचार्ज को 450 मिलियन डॉलर में कुनाल से खरीद लिया, और उन्हें ही उसका सीईओ बना दिया।

स्टार्टअप फाउंडर होने के अलावा कुणाल शाह अपने आप में एक इंटरेस्टिंग पर्सनैलिटी हैं। कुनाल ने मुंबई के Wilson College से फिलॉसफी में बीए की डिग्री ली है। इसके बाद उन्होंने मुंबई के ही Narsee Monjee Institute of Management Studies कॉलेज में MBA करने के लिए दाखिला लिया. मगर पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और फिर पूरी तरह बिजनेस पर ध्यान देने लगे।

Unicorn

कुणाल की Delta 4 Theory काफी पॉपुलर

इनवेस्टर्स और कस्टमर्स दोनों को क्रेड का बिजनेस मॉडल काफी पसंद आया। Entrepreneurs और स्टार्टअप्स के बीच कुनाल की डेल्टा 4 थियरी काफी पॉपुलर है। फ्रीचार्ज हो या क्रेड कुणाल ने दोनों ही बिजनेस इसी थियरी पर शुरू किया। यह थियरी कहती है किसी भी प्रॉब्लम के लिए अगर कोई ऐसा सलूशन आए जिससे लोगों के बीच होने वाला बदलाव अगर 10 के स्केल पर मापा जाए तो यह 4 से ज्यादा आए। अगर ऐसा होता है तो यह एक इररिवर्सिबल बिहेवियर होता है, यानी कि वह बिजनेस आइडिया सीधे लोगों की आदत बन जाता है जिसे बदलना काफी मुश्किल होता है।

बता दें कि आज कुणाल शाह अपने अलग आइडिया से सफलता की ऊंचाइयों को छू रहे हैं। कुनाल ने भले ही अपनी पढ़ाई पूरी नहीं की हो, लेकिन वो अपने स्टार्टअप से करोड़ों रुपये कमा रहे हैं। कुणाल मुंबई में रहते हैं और एक बिजनेस परिवार से संबंध रखते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने अपने परिवार से साथ बिजनेस नहीं किया और एक बीपीओ में प्रोग्रामर के तौर पर काम करना शुरू कर दिया।

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