Mirabai Chanu: Olympics में मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू की पूरी कहानी
Mirabai Chanu | टोक्यो में चल रहे ओलंपिक्स के पहले दिन ही देश की महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया है। उनकी इस उपलब्धि पर पूरे देश को उन पर गर्व है, मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीतकर वेटलिफ्टिंग में देश के लिए 21 सालों से चले आ रहे पदक के सूखे को खत्म कर दिया। जैसे ही उनके पदक जीतने की खबर फैली तो देश भर में उन्हें बधाई देने का तांता लग गया।
देश के लिए भारोत्तोलन में आखिरी बार पदक 2000 में सिडनी में हुए ओलंपिक्स में कर्णम मल्लेश्वरी ने जीता था, देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने खुद मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) को फोन कर बधाई दी। चानू के पदक जीतने के बाद उनके माता-पिता भी अपनी बेटी की इस कामयाबी पर फूले नहीं समा रहे है।
Mirabai Chanu: बनना चाहती थी तीरंदाज
49 किलोग्राम वर्ग में पदक जीतने वाली चानू का पहले वेटलिफ्टर बनने का कोई इरादा नहीं था बल्कि पहले वो एक तीरंदाज बनना चाहती थी परंतु 8वीं क्लास की एक किताब में उन्हें वेटलिफ्टर कुंजरानी देवी के बारे में पढ़ने को मिला जिसके बाद चानू ने फैसला लिया कि वो भी एक वेटलिफ्टर बनेंगी। इसी वजह से उन्होने बचपन से ही अपनी ट्रेनिग शुरू कर दी थी और उन्हें वजन उठाना काफी पसंद था। जिस खिलाड़ी की वजह से चानू को वेटलिफ्टर बनने की प्रेरणा मिली आज वो खिलाड़ी यानी कुंजरानी देवी चानू की कोच है।
मणिपुर की रहने वाली मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) घर के चूल्हे के लिए लकड़ी भी खुद उठा कर लाती थी। चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को मणिपुर के इम्फाल में हुआ था, उनकी माता एक गृहिणी और घर में ही एक दुकान चलाती है तो वहीं उनके पिताजी PWD में काम करते है। चानू बचपन से ही भारी सामान को उठाकर प्रैक्टिस किया करती थी।
Olympics 2016 में रहा था निराशाजनक प्रदर्शन
रियो डी जेनेरियो में 2016 में हुई ओलंपिक्स में चानू का प्रदर्शन बहुत निराशाजनक रहा था, पूरे देश को उनसे पदक की उम्मीद थी लेकिन वो उम्मीद उस समय पूरी नहीं हो पाई थी। 2014 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में चानू ने रजत पदक जीता था जिसके बाद उनके प्रदर्शन में लगातार निखार आता गया और फिर उसके बाद उन्होंने 2016 के ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई किया था। क्लीन एंड जर्क के तीनों राउंड में चानू वजन उठाने में असफल रही थी जिसके बाद वो ओलंपिक्स से बाहर हो गई थी।
Mirabai Chanu को मिलती रही लगातार सफलता
2016 के अपने खराब प्रदर्शन से चानू ने उबरते हुए 2017 में आयोजित हुए अनाहेम में हुए वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में उनका प्रदर्शन लाजवाब रहा और उन्होंने रिकॉर्ड बनाते हुए कुल 194 किलोग्राम वजन उठाया था। ऑस्ट्रेलिया में 2018 में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने देश के लिए स्वर्ण पदक जीता था और 2021 ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई करने वाली चानू एकमात्र भारतीय वेटलिफ्टर है।
टोक्यो ओलंपिक्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक्स में पदक जीतने के साथ ही उनका 5 सालों का इंतजार खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि उनकी जीत के साथ देश में और भी लड़कियों को वेटलिफ्टिंग में देश का प्रतिधिनित्व करने की प्रेरणा मिलेगी।