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History Of Bra : कभी चमड़े की ब्रा पहनती थी महिलाएं, किसने पहनी थी सबसे पहली ब्रा, क्या है इसका इतिहास, जानें सब कुछ

History Of Bra : आज भी लोग ब्रा (Bra) का नाम सार्वजनिक रूप से लेने से हिचकिचाते हैं, इसे लेकर लोगों को दिमाग (Mind) में एक अलग ही मानसिकता (Mentality) देखी जाती है। वहीं महिलाओं या लड़कियों से कोई आदमी ब्रा की स्ट्रिप (Bra Strip) दिखने की बात कह दें, तो वो शर्म से नजरे चुराने लग जाती है। अभी भी इसे लेकर बहुत सी महिलाएं (women) असहजता महसूस करती है। जो महिलाएं इसे पहनती हैं उनमें से भी कई महिलाओं को इससे दिक्कत है। इसके बावजूद ब्रा (Bra) सबसे ज्यादा बिकने वाला अंडरगारमेंट (Undergarments) है। देखा जाए तो महिलाओं के वस्त्रों में जितना महत्व ऊपरी कपड़ों का माना जाता है, उतना ही अंडर गारमेंट्स का भी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंदर पहने जाने वाले इन कपड़ों का विकास कब, कैसे और कहाँ हुआ था। आज हम आपको इन्हीं सवालों के बारें में बताने वाले हैं।

Bra के बारे में बात करने से आज भी हिचकिचाती हैं महिलाएं

पहले के समय महिलाएं Bra पहनने से बचती थी, लेकिन आज के समय में महिलाओं में ब्रा पहनना अब आम बात हो गई है। आज मार्केट में तरह-तरह की ब्रा मौजूद है। वहीं, ब्रा पहनने से महिलाएं काफी कॉन्फिडेंट महसूस करती हैं। ब्रा पहनने से महिला और अधिक सुंदर दिखती हैं और उनकी बॉडी शेप सही रहती है। बिना ब्रा के महिलाएं काफी अनकंफरटेबल महसूस करते हैं और कहीं आने जाने में भी हिचकिचाती हैं।

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Bra की शुरुआत कहाँ हुई?

फ्रांस (France) को फैशन की दुनिया (World) का मक्का-मदीना कहा जाता है। इसका कारण है कि दुनिया में हर पल बदलने वाले फैशन की गंगोत्री फ्रांस और पेरिस से ही निकलती है। इसका जीता-जागता सबूत ब्रेसरी का आविष्कार फ्रांस में ही हुआ माना जाता है। वर्ष 1869 में फ्रांस की एक निवासी हर्मिनि कैडोल ने अपनी एक ड्रेस को दो भागों में काटकर पहनना शुरू कर दिया। इसका ऊपरी भाग स्तनों (Breast) को ढकने के लिए और नीचे वाले भाग को अंडरवियर (Underwear) की तरह पहनने लगी। यहीं से इस वस्त्र को ब्रेसरी नाम भी मिला जो वास्तव में फ्रेंच शब्द ‘brassiere’ का ही रूपांतर है जिसका अर्थ होता है ‘शरीर का ऊपरी हिस्सा’ ।

इससे पहले विश्व भर में महिलाएं पहले तो कपड़ा बांधती थीं और बाद में वो उसे कस कर जैकेट के रूप में सिल कर पहनने लगीं। यह जैकेट डोरियों से इतना कस कर बांधी जाती थी कि उससे महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ जैसे जी घबराना, उल्टी होना, सांस फूलने आदि कि परेशानी होने लगी थी। इसलिए इस परेशानी से निजात पाने के लिए हर्मिनि कैडोल ने अपने तरीके से ब्रा की खोज कर ली थी।

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500 साल पुराना है Bra इतिहास

बात करें ब्रा (Bra) के इतिहास (History) की तो इसे 500 साल पुराना बताया जाता है. हालांकि इतने साल के सफर में इस अंगवस्त्र ने अपने कई रूप और नाम बदले। आजकल महिलाएं इसका सबसे मॉडर्न रूप इस्तेमाल करती हैं। बताया जाता है कि मिस्र की महिलाओं के बीच ब्रा (Bra) का चलन सदियों से रहा है. प्राचीन मिस्र की महिलाएं चमड़े (leather) की ब्रा पहनती थीं, हालांकि इन्हें पहनना बहुत मुश्किल होता था लेकिन स्तन ढकने के लिए महिलाएं इसका इस्तेमाल करती थीं। इसके साथ ही चमड़े की बनी ब्रा बॉडी को शेप देने का काम करती थी। ग्रीक और युनानी सभ्यता के दौरान साधारण ब्रेस्ट बैंड पहने जाने की बात कही जाती है।

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क्यों पहनी जाती है ब्रा

ब्रा (Bra) के बारे में बात करते हुए दिमाग में सबसे पहला सवाल ये आता है कि ब्रा आखिर पहनी क्यों जाती है? तो इसका जवाब ये है कि ‘इसका कोई सटीक जवाब नहीं.’ ब्रा पहनने के किसी वैज्ञानिक फायदे की बात आज तक स्पष्ट नहीं हुई. जो महिलाएं इस अंगवस्त्र का इस्तेमाल करती हैं उनके लिए भी ये एक तरह से ऐसा बंधन होता है जिससे वह समय मिलते ही मुक्त होना चाहती हैं. इससे पहनने की जो वजह आम है वो है, स्तनों (Breast) का सुडौल दिखना और उन्हें सपोर्ट देना. इसके अलावा कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ब्रा रीड़ की हड्डी संबंधी समस्याओं को रोकने में सहायक होती हैं।

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Bra: फायदा या नुकसान?

बात करें इसे पहनने के फायदे की तो ज्यादातर इसे फॉर्म-फिटिंग अंडरगारमेंट (Undergarments) के तौर पर पहना जाता है। महिलाएं इसे स्तनों (Breast) ढकने, सहारा देने और उन्हें शेप में रखने के लिए पहनती हैं. यह महत्वपूर्ण है कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने के लिए महिलाएं अपने शरीर और स्तनों के आकार के हिसाब से सही प्रकार की ब्रा चुनें.

Humanitas University पर छापे एक लेख में बताया गया कि यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ऑफ बेसनकॉन में स्पोर्ट्स मेडिसिन के विशेषज्ञ प्रोफेसर जीन-डेनिस रॉइलन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन ने ब्रा न पहनने का सुझाव दिया था. फ्रांसीसी डॉक्टर के अनुसार, ब्रा पहनने से पेक्टोरल मांसपेशियों में आलस्य बढ़ाता है. यह मांसपेशियों को कमजोर करता है, बदले में स्तनों को अधिक लचीला बनाता है। इसके विपरीत बिना ब्रा के मांसपेशियां उत्तेजित होती हैं और उन्हें मजबूती मिलती है।

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इसके बाद मानविकी अनुसंधान अस्पताल में प्लास्टिक सर्जरी की संचालन इकाई के प्रमुख मार्को क्लिंगर ने इस अध्ययन का जवाब देते हुए कहा था कि, ‘लड़कियों, विशेष रूप से एक निश्चित उम्र की महिलाओं के लिए ब्रा पहना जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में शोध किया गया जहां 15 से 35 वर्ष की 330 महिलाओं को ब्रा पहनाई गई। इसमें ये पाया गया कि जिन्होंने कुछ समय या ज्यादातर समय ब्रा पहनी, उनके परिणाम उन महिलाओं के मुकाबले ज्यादा अच्छे थे जिन्होंने कभी ब्रा नहीं पहनी।

स्तनों को स्वाभाविक रूप से दो तरीकों से रखा जाता है: Internal suspensory ligaments द्वारा और बाहर की तरफ त्वचा को ढक कर। वास्तव में ब्रा सूक्ष्म कनेक्शन को सुरक्षित करती है जो स्तन ग्रंथि के बेसल विमान और कूपर की स्नायुबंधन के रूप में जाने वाली पेक्टोरल मांसपेशियों के बीच स्थित है। संक्षेप में इन सूक्ष्म संबंधों के कारण यह महत्वपूर्ण है कि वे लगातार तनाव में न रहें।

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गुरुत्वाकर्षण बल प्रत्येक महिला के शरीर को पृथ्वी के केंद्र की ओर आकर्षित करता है। इस प्रकार स्तन नीचे की ओर झुकते हैं। कहने की जरूरत नहीं है, गुरुत्वाकर्षण के खिंचाव के साथ संयुक्त स्तनों के वजन को शिथिलता और असुविधा हो सकती है. ऐसे में ब्रा पहनने से आसन में सुधार हो सकता है और रीढ़ की कई समस्याओं और पीठ दर्द को रोका जा सकता है।

भारत में शुरू हुई थी पहली Bra

पौराणिक ग्रन्थों के अध्ययन से पता लगता है कि सबसे पहले ईसा पश्चात पहली शताब्दी में विजयनगर शासक हर्षवर्धन के शासन काल में स्त्री परिधानों में कंचुकी शब्द का इस्तेमाल होता था। इसके अतिरिक्त 1237 में बसावपुरान में भी सिली हुई कंचुकी वस्त्र के प्रमाण मिले हैं। इसलिए यह माना जा सकता है कि आज कि ब्रा, कंचुकी के रूप में भारत की ही देन मानी जा सकती है।

ब्रा के, विश्व में अलग-अलग नाम

प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक ब्रा शब्द और वस्त्र ने विभिन्न नामों और रूपों का सफर तय किया है। इजिप्ट और ग्रीस में यह गोल घेरे वाली स्कर्ट के ऊपर पहने जाने वाली वस्त्र के रूप में प्रचलित थी। ग्रीस में स्कर्ट को एक बेल्ट से कस कर बांधा जाता था और कुछ इसी प्रकार का प्रचलन रोम में भी था। रोमन युवतियाँ अपने बड़े आकार के स्तनों से परेशान होकर उनके आकार को रोकने के लिए स्तनों को कपड़ों से बांधा करतीं थीं।

कॉर्सेट का चलन

बताया जाता है कि 12वीं शताब्दी के दौरान युरोप में धातु के बने काॅर्सेट का इस्तेमाल होने लगा. कॉर्सेट का चलन 19वीं शताब्दी तक जारी रहा. इस कॉर्सेट ने भी कई रूप बदले. पहले ये चारों तरफ से धातु का बना हुआ एक वस्त्र होता था जो कमर से लेकर स्तन तक को सही साईज और शेप में रखने में मदद करता था. इसके बाद 1890 के दौरान कई देशों की महिलाओं ने कपड़े से बने कोर्सेट पहनने शुरू किए. ये दिखने में जैकेट की तरह थे.

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इस अंडरगारमेंट में पीछे डोरियां दी जाती थीं, जिसे पहनते समय अच्छे से कसा जाता था. हालांकि ये कॉर्सेट कामयाब नहीं हो पाया क्योंकि यह इतना टाइट होता था कि डॉक्टरों ने वॉर्निंग दी थी कि इसके कसे होने के कारण जी घबराना, पेट में गड़बड़ी, सांस फूलने जैसी परेशानी हो सकती है. इसके बाद महिला समूहों ने इसका विरोध किया जिस कारण 1900 दशक तक इसका इस्तेमाल लगभग बंद हो गया.

Modern Bra की शुरुआत

बीबीसी कल्चर में छपे एक लेख के अनुसार पहली मॉडर्न ब्रा फ्रांस में बनाई गई. ब्रा नाम फ्रेंच शब्द ‘brassiere’ से लिया गया. इस फ्रेंच शब्द का अर्थ होता है, शरीर का ऊपरी हिस्सा. लाइफ पत्रिका के अनुसार 30 मई 1869 को फ्रांस की हर्मिनी कैडोल ने एक कॉर्सेट को दो टुकड़ों में काटकर अंडरगार्मेंट्स बनाए. इसे कॉर्सेलेट जॉर्ज नाम दिया गया. बाद में इसका ऊपरी हिस्सा ब्रा की तरह पहना और बेचा जाने लगा।

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1915 से 20 के बीच बाजार में सेमी कप ब्रा, कप ब्रा बाजार का प्रवेश हुआ, जो कि न केवल स्तनों को सपोर्ट करते बल्कि देखने में भी उन्हें सुडौल बनाते थे. इसके बाद सन 1940 के दशक में बाजार में नये तरीके की ब्रा आई। उस समय की हालीवुड की जानी-मानी अभिनेत्रियों ने उसे पहना और बालीवुड में भी सन 1955 से 70 तक इस्तेमाल किया. इसे बुलेट ब्रा का नाम दिया गया. ये ब्रा दोनों स्तनों को दूर रखती थी।

Sports Bra का चलन ऐसे हुआ शुरू

इसके बाद 1975 में स्पोर्ट ब्रा की शुरुआत हुई. हालांकि ये स्पोर्ट्स ब्रा 25 साल तक अंडरगारमेंट की तरह ही इस्तेमाल किया जाता रहा. लेकिन 10 जुलाई 1999 को एक अप्रत्याशित घटना घटी. फिफा महिला विश्वकप में अमेरिका और चाईना के बीच एक मैच टाई हो गया. फिर खेल पेनाल्टी शुटआऊट पर पहुंचा। अमेरिका की महिला खिलाड़ी ने निर्णायक गोल करते ही अत्यधिक उत्साह में उसने अपनी टी-शर्ट उतार फेंकी और जश्न मनाने लगी. यह घटना महिला खेल के इतिहास की सबसे बड़ी घटना साबित हुई और इसके बाद से ही स्पोर्ट ब्रा अंडर गारमेंट की श्रेणी से बाहर निकल कर साधारण वस्त्र की श्रेणी में आ गई. इसके बाद महिलाएं खेल के दौरान इसका इस्तेमाल करने लगीं।

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ब्रा को लेकर हुए विरोध

ब्रा को मशहूर करने में फैशन मैगजीन ‘Vogue’ ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई। इस मैगजीन ने 1907 में Brassiere शब्द को फेमस किया. हालांकि इसके लिए उन्हें विरोध भी झेलना पड़ा. ब्रा का विरोध करने के साथ साथ ही महिलावादी संगठनों ने इसके नुकसान के बारे में भी महिलाओं आगाह किया. 1960 के दशक में भी महिलावादी संगठनों ने ब्रा के खिलाफ आंदोलन शुरू किया. उनका दावा था कि ब्रा कृत्रिम पलकें, बालों को घुंघराले करने वाले कर्लर, पुरुषवादी समाज की प्रभुता और स्त्री के दमन का प्रतीक है. उनका कहना यह भी था कि इसे पहनने से महिलाएं सिर्फ सेक्स ऑब्जेक्ट बन जाती हैं. इसके साथ ही यह भी कहा गया कि इसे पहनने से ब्रेस्ट कैंसर होता है।

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