ब्लैक फंगस से भी खतरनाक White Fungus फेफड़ों पर करता है हमला; जानें किन लोगों को है ज्यादा खतरा
Health Desk | देश इस समय कोरोना महामारी की दूसरी लहर से झुझ रहा हैं जिसके कारण देश में तेजी से कोरोना महामारी के नए मरीजों की संख्या बढ़ने लगी थी। देश के लगभग सभी राज्यों में कोरोना के आंकड़े बेहद ही डरावने होने लगे हैं, नए मरीजों की संख्या के साथ-साथ प्रतिदिन मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ने लगा था, कोरोना की चैन को तोड़ने के लिए बहुत से राज्यों द्वारा लॉकडाउन एवं नाईट कर्फ्यू लगाया गया हैं। वर्तमान में कोरोना की दूसरी लहर धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगी हैं लेकिन अब देश के सामने अब नई महामारी आ गई हैं ब्लैक फंगस के रूप में, ये बीमारी भी कोरोना की तरह जानलेवा साबित हो रही हैं। इस बीमारी ने अब तेजी से देश के विभिन्न राज्यों में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं जिस वजह से देश के बहुत से राज्यों ने ब्लैक फंगस (Black Fungus) को महामारी तक घोषित कर दिया हैं। ब्लैक फंगस के साथ ही वाइट फंगस (White Fungus) का खतरा भी अब कोरोना से ठीक हुए मरीजों पर मंडराने लगा हैं।
Black Fungus से भी खतरनाक हैं White Fungus
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विशेषज्ञों के अनुसार वाइट फंगस ब्लैक फंगस के मुकाबले ज्यादा खतरनाक और जानलेवा हैं, मीडिया के सूत्रों के अनुसार बिहार में वाइट फंगस के बहुत से केस सामने आए हैं। बिहार में सामने आए वाइट फंगस के सभी मामलों में एक डॉक्टर भी इस वायरस से पीड़ित पाए गए हैं, पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ एस एन सिंह के अनुसार बिहार में 4 मरीज जो वाइट फंगस से पीड़ित मिले उनमें पहले कोविड-19 के लक्षण दिखाई दिए थे लेकिन बाद में ये सामने आया कि वो कोरोना की जगह वाइट फंगस के शिकार थे।
सबसे ज्यादा डराने वाली बात ये हैं कि इन सभी मरीजों के रैपिड एंटीजन, रैपिड एंटीबॉडी एवं RT-PCR टेस्ट नेगेटिव आए थे, राहत की ये हैं कि फिलहाल बिहार के अलावा किसी अन्य राज्य में अभी तक वाइट फंगस के मरीज नहीं मिले हैं लेकिन सभी राज्यों को सावधानी बरतनी होगी।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ वाइट फंगस को लेकर
विशेषज्ञों के अनुसार वाइट फंगस और कोरोना के लक्षणों में कोई भी अंतर कर पाना काफी मुश्किल हैं, उनके मुताबिक कोरोना की तरफ वाइट फंगस भी सीधे व्यक्ति के फेफड़ों पर हमला करता हैं। जब फेफड़ों के संक्रमण की जांच हेतु High Resolution Computed Tomography (HRCT) करवाया जाता हैं तो उसमें वाइट फंगस संक्रमण कोरोना जैसा ही दिखाई देता हैं।
चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक जिस प्रकार कोरोना के बेहद ही गंभीर मामलों में अतिरिक्त स्कैन करवाने की जरूरत होती हैं उसी प्रकार वाइट फंगस का पता लगाने के लिए भी HRCT जैसा ही स्कैन करवाने की जरूरत पड़ सकती हैं।
White Fungus से किसे सबसे ज्यादा खतरा
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कहा जा रहा हैं कि जिस वजह से ब्लैक फंगस की महामारी लोगों को अपना शिकार बना रही हैं उसी प्रकार वाइट फंगस भी लोगों को अपनी चपेट में ले रहा हैं। जिन लोगों के शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती हैं या फिर जो भी व्यक्ति पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा होता हैं तो ऐसे व्यक्तियों को वाइट फंगस होने का ज्यादा खतरा होता हैं।
इसके अलावा ऐसे कोई भी लोग जो एंटीबायोटिक या फिर किसी तरह की स्टेरॉयड दवाओं का प्रयोग करते हैं तो उन्हें भी वाइट फंगस होने का खतरा बना रहता हैं, खासकर कैंसर या डाइबिटीज़ क्योंकि इन बीमारियों से जूझ रहे लोग स्टेरॉयड से युक्त दवाई लेते हैं। ऐसे लोग जो ऑक्सीजन की मदद से जी रहे होते हैं तो वाइट फंगस ऐसे लोगों को भी शिकार बना सकता हैं।
शरीर के अन्य अंगों पर भी होता हैं असर
विशेषज्ञों के अनुसार वाइट फंगस से शरीर के केवल फेफड़े ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य हिस्से जैसे कि आंत, पेट, गुर्दे, जननांग, मुंह, नाखून और दिमाग को भी नुकसान पहुंचा सकता हैं। अगर मृत्यु दर की बात की जाए तो ब्लैक फंगस की मृत्यु दर बहुत उच्च हैं जबकि वाइट फंगस कितना घातक हैं इसके बारें में कहना अभी मुमकिन नहीं हैं लेकिन ये निश्चित हैं कि वाइट फंगस शरीर में तेजी से फैलता हैं।
इस वायरस की सबसे खतरनाक बात ये हैं कि ये फंगस नवजात शिशुओं को भी अपना शिकार बना रहा हैं, छोटे बच्चों में ये डायपर कैंडीडासिस के रूप में अपनी चपेट में ले रहा हैं, इस बीमारी में बच्चों की त्वचा पर ऑफ वाइट धब्बे दिखने लगते हैं।