Spices Health Benefits : रसोई के इन मसालों में छिपा है सेहत का खजाना, जान लीजिये क्या क्या हैं फायदे
Spices Health Benefits : आजकल के खानपान और गलत लाइफस्टाइल के कारण लोग कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से घिरे हुए है। वहीं हर छोटी-छोटी बीमारी के लिए दवाओं का सहारा लेते है, जबकि हमारे रसोई में सेहत (Spices Health Benefits) को ठीक रखने का खजाना छुपा हुआ है, जिसके सामने होते हुए भी हमें उनके बारे में नहीं पता होता है। जी हां आपको बता दें कि रसोईघर में कई मसाले ऐसे है, जो स्वास्थ्य संबंधी छोटी-मोटी परेशानियों को सही करने में रामबाण का काम करते है। कुछ मसाले तो ऐसे भी है जो बड़ी-बड़ी बीमारियों (Spices Health Benefits) का भी तोड़ है, तो चलिए आज हम आपको इन मसालों के बारे में विस्तार से बताते है…
Spices Health Benefits : कई तरह के संक्रमण से करेंगे बचाव
मसाले न केवल हमारे खाने का स्वाद बढ़ाते है, बल्कि हमें कई रोगों से बचाते (Spices Health Benefits) है। रसोई में अलग-अलग भोजन के लिए अलग-अलग मसाले का प्रयोग किया जाता है जैसे दालचीनी, हल्दी, काली मिर्च, अदरक, मेथी, लौंग, जीरा आदि ऐसे कई और मसाले हैं, जो पौष्टिकता से भरपूर हैं। आयुर्वेद के अनुसार इनका उपयोग करने से हम कई प्रकार के संक्रमण से बच सकते है।
Spices Health Benefits : जाने रोगों से बचाने वाले मसालों के बारे में
अदरक (Ginger)
अदरक का उपयोग हम खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए करते हैं। साथ ही ये हमारे चाय का भी टेस्ट बढ़ाता है, ये एक गुणकारी मसाला (Spice) है, इसका सेवन स्वाद के साथ-साथ हमारी सेहत के लिए भी फायदेमंद है। ये शरीर को डिटॉक्सीफाई करने का काम करती है।
प्रयोग विधि
बता दें कि इन्फ्लुएंजा से पीड़ित लोगों के लिए ये रामबाण है, 6 मिली अदरक के रस में 6 ग्राम शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार इसका सेवन करें तो आपको काफी राहत मिलेगी। इतना ही नहीं ये निमोनिया में भी आराम पहुंचाती है, इस दौरान अदरक के 5 मिली रस में 1 या 2 वर्ष पुराना घी और कपूर मिलाकर गर्म कर चेस्ट पर हल्की मालिश करने से आपको काफी राहत मिलेगी।
हल्दी (Turmeric)
हल्दी एक ऐसा मसाला (Spice) है, जो आपको हर भारतीय रसोई में आसानी से मिल जाएगा। यह वात और कफ को दूर करने में मदद करती है। इसमें पाया जाने वाला करक्यूमिन नामक तत्व एलर्जी, गठिया, हृदय रोग, अल्जाइमर और मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होता है। इसमे कैंसररोधी गुण होते हैं, जो कैंसर से बचाव करते हैं।
प्रयोग विधि
हल्दी को दूध में मिलाकर इसका सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बूस्ट होती है। चुटकी भर हल्दी को दूध में मिलाएं फिर इसे अच्छी तरह से बॅायल कर लें। इसके बाद हल्का गुनगुना होने पर इसे पिएं इससे आपको शरीर के दर्द में काफी राहत मिलती है। इसके अलावा यह सर्दी-जुकाम को ठीक करने में काफी मददगार है।
मेथी (Fenugreek)
मेथी साग और मसाले के रूप में इस्तेमाल की जाती है। इसमें हिपेटो-प्रोटेक्टिव गुण होते हैं। यह लीवर के लिए काफी फायदेमंद है।
प्रयोग विधि
1-2 ग्राम मेथी दाना (बीज) के चूर्ण का सेवन न्यूरो (तंत्रिका-तंत्र) से जुड़ी परेशानियों में काफी फायदेमंद है। इससे शरीर में होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है।
दालचीनी
दालचीनी यह एक प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर है। ये औषधीय गुणों से भरपूर होता हैं। यह जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटीफंगल है, जो हमें कई तरह के संक्रमण से सेफ करता है। इसमें पॉलीफेनोल्स और प्रोएंथोसायनिडिन पाये जाते हैं। इसका सेवन दांत व चर्म रोग, सिर दर्द, पाचनतंत्र से जुड़ी ,समस्याओं से राहत दिलाता है।
दालचीनी की चाय भी काफी फायदेमंद होती है। ध्यान रहें इसके गलत सेवन से सिर दर्द की समस्या हो सकती है। खासकर गर्भवती महिलाओं को इसका उपयोग करने से बचना चाहिए।
प्रयोग विधि
इसका उपयोग आयुर्वेदिक डॅाक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
लौंग (Clove)
लौंग में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करते हैं। लौंग खांसी और गले की तकलीफ को कम करने में भी मदद करती है।
प्रयोग विधि
इसका सेवन गर्म पानी के साथ या चाय में डालकर इसका कर सकते हैं। खांसी से राहत के लिए 3-4 लौंग को आग पर भूनकर पीस लें । इसमें शहद मिलाकर चाटने से खांसी से जल्द आराम मिलता है।
जीरा (Cumin)
यह सबसे लोकप्रिय मसालों में से एक है, जो आपको हर रसोई में मिलेगा इसमें ‘एपिजेनिन’ और ‘ल्यूटोलिन’ नामक तत्व पाए जाते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं। यह हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक तत्वों से सुरक्षा करते हैं।
प्रयोग विधि
यह पुराने कफ, पित्त की बीमारी और भूख की कमी को ठीक करने में काफी सहायक है। वहीं एसिडिटी की समस्या होने पर धनिया और जीरा के 120 ग्राम पेस्ट को 750 ग्राम घी में पका लें। रोज 10-15 ग्राम की मात्रा में इसके सेवन से एसिडिटी ठीक होती है।
काली मिर्च (Black Pepper)
काली मिर्च बड़े ही काम की होती है, इसमें एंटीऑक्सीडेंट, रोगाणुरोधी और गैस्ट्रो से सुरक्षा देने वाले गुण पाए जाते हैं। इसका आयुर्वेद के अनुसार सेवन करना श्वसन संक्रमण से तुरंत राहत देता है। यह सर्दी और खांसी को ठीक करने के साथ ही गले को भी सुरक्षा प्रदान करती है।
प्रयोग विधि
दमा और खांसी से आराम के लिए 2 ग्राम काली मिर्च के चूर्ण को 200 मिली गाय के दूध में पकाकर पीने से काफी फायदा होगा। यह पेट के कीड़े का उपचार करने में सहायक है। इसके लिए 2-3 ग्राम काली मिर्च चूर्ण को 1 कप छाछ के साथ सुबह खाली पेट लेने से पेट के कीड़े निकल जाएंगे।
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