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16 Crore Injection: करोड़ों का इंजेक्शन भी नहीं बचा सका मासूम को, दुर्लभ बीमारी से थी पीड़ित

16 Crore Injection | बीते दिनों इस बात को लेकर बहुत चर्चा थी कि एक बच्ची जिसको एक बेहद ही दुर्लभ बीमारी थी और उसके इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की आवश्यकता थी। अभी हाल में ही बड़ी दुखद खबर सामने आ रही है कि 16 करोड़ का इंजेक्शन लगने के बाद भी उस लड़की ने आखिरकार दम तोड़ दिया है। बीते रविवार को पुणे के एक अस्पताल में एडमिट बच्ची ने सांस लेने में तकलीफ होने के बाद देर रात दम तोड़ दिया।

बताया जा रहा है कि इस बच्ची का नाम वेदिका है और उसे बीमारी से इलाज के लिए बड़ा ही दुर्लभ इंजेक्शन (16 Crore Injection) दिया गया था। जिसके बाद उनका पूरा परिवार इससे बेहद ही खुश था, ये छोटी बच्ची सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुई थी लेकिन कहा जाता है ना कि समय का कुछ भी भरोसा नहीं होता है और कुछ ऐसा ही वेदिका के साथ हुआ और वो दुनिया छोड़ कर चली गई।

16 Crore Injection लगने के बाद हुई मौत पर उठे सवाल

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वेदिका के अचानक से दुनिया छोड़ देने की वजह से वेदिका के परिवार के लोग और उनकी मदद के लिए आगे बढ़ने वाले बहुत से लोग भी सदमें में आ गए है। अब वेदिका की मौत होने के बाद ये सवाल लगातार उठ रहा है कि आखिरकार 16 करोड़ की कीमत वाला इंजेक्शन लगने के बावजूद भी वेदिका की मौत कैसे हो गई। 

SMA बीमारी से पीड़ित थी वेदिका

Baby Dies After 16 Crore Injection

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जानकारी के अनुसार वेदिका SMA नामक बीमारी से पीड़ित थी, ये एक ऐसी बीमारी होती है जो शरीर में SMA-1 जीन की कमी होने से होती है। इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद बच्चे के शरीर की मांसपेशियों में कमजोरी आने लगती है, इस बीमारी के होने की मुख्य वजह शरीर में पानी की कमी होना होता है। इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद बच्चें को स्तनपान या दूध की एक बूंद पी लेने से भी सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।

SMA बीमारी से ग्रसित होने के बाद बच्चा धीरे-धीरे क्रिया करना कम कर देता है और अंत में उसकी मौत हो जाती है। इस बीमारी से सबसे ज्यादा पीड़ित बच्चें ब्रिटेन में पाए जाते है और हर साल लगभग 60 बच्चे जन्म से ही इस पीड़ित होकर पैदा होते है

जोलगेन्समा इंजेक्शन माना जाता है इस बीमारी में असरदार

Baby Dies After 16 Crore Injection

SMA बीमारी के इलाज के लिए जोलगेन्समा इंजेक्शन (16 Crore Injection) का इस्तेमाल किया जाता है और ये इंजेक्शन जर्मनी, अमेरिका और जापान में तैयार किया जाता है। कहा जाता है कि इसकी सिर्फ एक डोज भी इस बीमारी में कारगर होती है, विशेषज्ञों के अनुसार इस इंजेक्शन की एक डोज लेने से आने वाली पीढ़ियों को भी इस जानलेवा बीमारी से मुक्ति मिल जाती है। कहा जाता है कि ये इंजेक्शन बहुत ही दुर्लभ और काफी महंगा होता है और ये काफी मूल्यवान भी है 

वेदिका के पिता जो महाराष्ट्र के चिंचवाड़ में रहते है उन्होंने अपनी बेटी के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये इंजेक्शन के लिए क्राउड फंडिंग के द्वारा एकत्रित किये थे।