आजकल के ज्यादातर युवा मंदिर या कोर्ट में क्यों रचा रहे हैं विवाह, जानिए क्या हैं इसकी वजह
Youthtrend Lifestyle Desk : हमारें देश में विवाह सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं हैं बल्कि दो परिवारों का मिलन हैं, शादी में दूल्हा और दुल्हन सबसे अलग दिखने की चाह में महंगे से मंहगे शादी का जोड़ा पहनते हैं, इसके अलावा शादी में जिस चीज का सबसे ज्यादा खर्चा शादी के खाने का होता हैं। कोरोना काल में सरकार द्वारा शादी विवाह समारोह में सम्मिलित होने वाले अतिथियों की संख्या को सीमित कर दिया हैं जिससे दूल्हा-दुल्हन के माता-पिता को शादी में होने वाले लंबे चौड़े खर्चे से छुटकारा मिला हैं, देखा जाए तो ये वैसे सही भी हैं। वैसे भी आजकल के युवा जिस तरह से अपनी जिंदगी जीना चाहते हैं, अपना जीवन साथी चुनना चाहते हैं उसी प्रकार से वो अपनी पसंद के तरीके से शादी करना चाहते हैं।
आखिर क्यों युवा मंदिर या कोर्ट में कर रहे विवाह?
पैसे और समय की होती है बचत
ये तो सब जानते हैं कि शादी-विवाह में पैसा पानी की तरह बहता हैं, क्या लाख और क्या करोड़, शादी की धूम और अपनी शानो-शौकत दिखाने के लिए लोग कर्ज पर पैसा लेकर शादी तो कर लेते हैं फिर उम्र भर उसकी भरपाई करता रहता हैं। मंदिर या कोर्ट में शादी करने से बहुत पैसे की बचत हो जाती हैं और शादी में खर्च होने वाले पैसों को सुरक्षित रख के भविष्य की जरूरतों के लिए काम में लिया जा सकता हैं।
आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अब हर किसी के पास समय की कमी हैं, इसलिए शादी की सभी रस्मों को निभाने जिसमें 4 से 5 दिन का समय लग जाता हैं, के लिए हर किसी को लंबी छुट्टी मिलना बहुत मुश्किल हैं इसलिए समय की बचत के लिए आज का युवा मंदिर और कोर्ट में शादी करने को प्राथमिकता देता हैं।
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आज के युवावों को पसंद हैं सादगी
आज की इस नई पीढ़ी को दिखावा करना बिल्कुल भी पसंद नहीं हैं, इसलिए वो शादी में अपनी धाक जमाने के लिए किए जाने वाले खर्चे को भी फालतू मानते हैं, उनका ये भी मानना हैं कि महज एक दिन के लिए इतने लाखों रुपए खर्च करना बेवकूफी हैं। भले ही हम आज के इस आधुनिक युग में रह रहें हो लेकिन अभी भी हमारें घर में शादी का खर्च उठाने की जिम्मेदारी माता-पिता के ऊपर होती हैं, ऐसे में मंदिर य कोर्ट में शादी करने से माता-पिता शादी में होने वाले लंबे खर्च से बच जाते हैं और आजकल कोई भी संतान अपने माता-पिता पर आर्थिक दवाब नहीं डालना चाहता।