Super Woman के नाम से मशहूर है देश की ये इकलौती महिला कमांडो ट्रेनर, मुफ्त में देती हैं ट्रेनिंग
आज की तारीख में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा जहाँ महिलाओं ने सफलता की कहानी ना लिखी हो। बैकिंग से लेकर फ्लाइंग, ड्राइविंग से लेकर ट्रैफिक कण्ट्रोल, कोर से लेकर स्पेस, ऐसी कोई जगह नहीं बची होगी जहाँ महिलाओं ने अपनी पहचान ना बनाई हो। अब वो बात गुजरे ज़माने वाली हो गयी जब लोग कहा करते थे ‘लड़की है क्या कर पायेगी’। आज की तारीख में लड़की है तो लोग गर्व करते हैं और यह कहने से भी पीछे नहीं हटाते कि वो पुरुषों से भी आगे है। ऐसी ही एक सफल और मॉडर्न महिलाओं में से एक हैं डॉ. सीमा राव। आइये अज हम आपको बताते हैं कि कौन है ये सीमा राव और किस वजह से ये चर्चा में बनी हुई हैं।
बताते चलें कि कभी ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेने वाली सीमा राव आज भारत की पहली महिला कमांडो ट्रेनर के रूप में काम कर रहीं हैं। जी हाँ, सुनकर आपको हैरानी हो सकती है लेकिन आपको इसपर यकीन करना होगा और यक़ीनन सीमा उन तमाम लोगों के लिए एक करार जवाब हैं, जो औरतों को नाजुक और कमजोर समझते हैं।
‘सुपर वुमेन’ सीमा राव हैं मार्शल आर्ट्स में ब्लैक बेल्ट और गोल्ड मेडलिस्ट
बताना चाहेंगे कि सीमा भारत की इकलौती महिला कमांडो ट्रेनर हैं, जिन्होंने मार्शल आर्ट्स में 7th डिग्री का ब्लैक बेल्ट की उपलब्धि हासिल कर रखी है। उनकी उपलब्धि सिर्फ इतनी ही नहीं है बल्कि उन्हें कॉम्बैट शूटिंग इंस्ट्रक्टर, फायर फाइटर, स्कूबा डाइवर और पहाड़ों पर चढ़ाई के लिए HMI के लिए गोल्ड मेडल भी मिला हुआ हैं।
मुफ्त में देती हैं ट्रेनिंग
‘सुपर वुमेन’ के नाम से भारत में मशहूर 49 वर्षीय सीमा पिछले 20 साल से बिना किसी सरकारी मदद के मुफ्त में आर्मी, एयरफोर्स और नेवी समेत पैरामिलिट्री फोर्स के कमांडो को ट्रेनिंग प्रदान कर रही हैं। इतना ही नहीं, सीमा उन चुनिंदा महिलाओं में से भी एक हैं, जिन्हें ‘जीत कुन डो’ मार्शल आर्ट की कला भी आती है। अगर आप हॉलीवुड फिल्मों के शौक़ीन होंगे तो शायद इसके बारे में जानते होंगे और अगर नहीं जानते तो हम आपको बता दे कि ‘मार्शल आर्ट’ की इस कला को महान ब्रूस ली ने ईजाद किया था।
वर्ल्ड ब्यूटी पेजेंट की फाइनलिस्ट भी रह चुकी हैं सीमा
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि मुंबई में जन्मीं सीमा ने मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद और डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए किया है लेकिन वह देश के लिए कुछ करना चाहती थी। हालाँकि इसी दौरान सीमा ने मिसेज इंडिया वर्ल्ड में भी भाग लिया था और इस ब्यूटी पेजेंट की वो फाइनलिस्ट भी रह चुकी हैं। तभी उनकी मुलाकात डॉ. दीपक राव से हुई और दोनों ने शादी कर ली। उनकी सोच की जितनी तारीफ़ की जाए कम है, शादी के बाद दोनों ने एक बच्ची को गोद भी लिया।
कैसे हुई इस साहसिक सफर की शुरूआत?
90 के दशक में इस कपल ने पुणे सिटी पुलिस को ट्रेनिंग देना शुरू किया था। एक दिन जब दोनों मार्निंग वॉक कर रहे थे, उसी दौरान इनकी मुलाकात पुणे पुलिस के कमान्डेंट से हुई। बातचीत के बाद इन दोनों को पुणे पुलिस के लिए एक अनआर्म्ड कॉम्बैट वर्कशॉप करने का मौका मिला, और यही वो मोड़ था जहाँ से सीमा के सफर की शुरूआत हुई थी। फिर क्या, इसके बाद उन्हें एक के बाद एक कई ट्रेनिंग के असाइंमेंट मिलते गए।खास बात तो ये रही कि ट्रेनिंग देने के साथ-साथ उन्होंने खुद को भी कई अन्य स्किल्स में ट्रेंड करना शुरू कर दिया।
Women Achievement : देश की इन महिलाओं के योगदान पर भारत ही नहीं पूरी दुनिया ने किया गर्व
यह भी पढ़ें : एसिड से झुलस गया था इस मॉडल का चेहरा लेकिन 4 महीने बाद पोस्ट की ये ऐसी तस्वीर
सफलता का यह सफ़र काफी मुश्किलों से भरा था
खुद को मजबूत बनाने के लिए सीमा ने भले ही कड़ी मेहनत की हो मगर फिर भी उनकी राह आसान नहीं थी। इस दौरान उन्हें तमाम तरह की मुश्किलों का भी सामना भी करना पड़ा। सीमा बताती हैं कि ट्रेनिंग देते वक़्त कई कई बार उन्हें गंभीर चोटें भी लगीं मगर हर बार वो पूरे हिम्मत और जोश के साथ उठकर खड़ी हो जाती थी। सीमा 9mm पिस्टल से 2 मिनट के अंदर 5 निशाने लगा सकती हैं, जो एक अच्छे खासे निशानेबाज के लिए भी बेहद मुश्किल होता है।
नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित
देश का नाम रौशन कर रही सीमा पिछले 20 वर्षों में बिना किसी मुआवजे के 20 हजार से भी ज्यादा सिपाहियों को कमांडो ट्रेनिंग दे चुकी हैं। वो नारी जाती के लिए गर्व हैं और इसी वजह से उनके इस क्षमता और हिम्मत का सम्मान करते हुए पिछले माह ही भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। सीमा सिर्फ नारी जाती के लिए ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण देश के लिए सम्मान योग्य हैं।