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One Teacher One Call : शिक्षिका की इस ख़ास मुहिम ने बना दी 800 दिव्यांग बच्चों की जिंदगी, PM मोदी भी कर चुके है तारीफ

One Teacher One Call : माता-पिता के बाद अगर अगर जीवन में किसी का सर्वोच्च स्थान होता है तो वो शिक्षक (Teacher) होता है, क्योंकि शिक्षक ही बच्चों के जीवन को संवारने और उसे शिक्षित करने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही अपने मार्गदर्शन से अपने विद्यार्थियों के भविष्य को उज्जवल बनाने की प्रेरणा (Inspiration) देता है। आज हम भी आपको एक ऐसे ही शिक्षक के बारे में बताएंगे जिनकी कहानी (Inspirational Story) सभी को काफी प्रेरित करेगी साथ ही उन शिक्षकों को भी प्रेरणा देगी जो एक शिक्षक होकर भी अपना कर्तव्यों का बखूबी पालन नहीं करते। हम जिस शिक्षिका के बारे में आज आपको बताने जा रहे उन्होंने कुछ ऐसा कर डाला की पीएम मोदी भी उनके मुरीद हो गए और खुद को उनकी तारीफ करने से नहीं रोक सके, तो चलिए जानते है इनके बारे में विस्तार से…

One Teacher One Call : चलाई ये खास मुहिम

One Teacher One Call

हम जिनकी बात करे है, उनका नाम है दीपमाला पांडे जो उत्तर प्रदेश के बरेली के ग्राम डभौरा गंगापुर प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका है। इन्होंने वन टीचर वन कॅाल (One Teacher One Call) की ऐसी मुहिम (Champaign) चलाई जिसने 800 दिव्यांग बच्चों की जिंदगी संवार दी। दीपमाला पांडे इस अभियान के तहत दिव्यांग बच्चों को सामान्य स्कूल में एडमिशन दिलवाने में सहायता करती है।

800 दिव्यांग बच्चों का हो चुका है एडमिशन

शिक्षिका दीपमाला पांडे का कहना है कि हमने वन टीचर वन कॉल (One Teacher One Call) एक मूवमेंट शुरू किया जिसका मतलब है कि कम से कम एक शिक्षक को प्रेरित किया जाए जो अपने आस-पास के दिव्यांग बच्चों को अपने स्कूल में एडमिशन करवाए। और इसके अंतर्गत अब तक करीब 800 दिव्यांग बच्चे सामान्य स्कूलों में एडमिशन ले चुके हैं।

सोशल मीडिया को बना लिया हथियार

One Teacher One Call

दीपमाला ने बताया कि उन्होंने दिव्यांग बच्चों को ‘One Teacher One Call’ मिशन से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अपना हथियार बनाया। इससे बरेली के अलावा पीलीभीत, हरदोई, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, अयोध्या समेत कई जिलों से शिक्षक इनकी इस योजना से जुड़ चुके हैं और दिव्यांग बच्चों के एडमिशन के लिए भी आगे आने लगे हैं। अब परिणाम है कि साकेत विद्यालय में बच्चों की संख्या लगातार बढ़ने लगी है।

दीपमाला ने आगे बताया कि 2018 में उन्होंने बरेली के कुछ शिक्षकों के साथ मिलकर Whatsapp पर ‘इंक्लूसिव एजुकेशन’ के नाम से एक ‘पीपुल लर्निंग कम्युनिटी’ (पीएलसी) बनाई थी। जिसके जरिए शिक्षकों को विशेष जरूरतों वाले बच्चों को एडमिशन देने के लिए प्रेरित करना शुरू किया। वहीं जब कोरोना काल में बेसिक शिक्षा विभाग ने शारदा अभियान के तहत प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन एडमिशन लेने के निर्देश जारी किये गए। इसी समय दीपमाला ने भी ऐसे बच्चों को प्राइमरी स्कूलों में एडमिशन दिलाने के लिए ‘वन टीचर वन कॉल’ (One Teacher One Call) अभियान शुरू किया, जिसके तहत हर टीचर को एक अन्य शिक्षकों फोन करके यह समझाना था कि किसी भी हालत में सीडब्ल्यूएसएम बच्चे एडमिशन से वंचित न रह जाएं।

अनमोल में बदलाव देख मिली प्रेरणा

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दीपमाला ने बताया कि 2018 में इनके स्कूल में सैरेब्रल पैलिसी से पीड़ित एक मानसिक रूप से कमजोर बच्चे अनमोल ने एडमिशन लिया। इस बच्चे का सामान्य बच्चों के साथ का सामंजस्य बिठाना अपने आप में एक चुनौती थी, क्योंकि अनमोल न बोल सकता था, न समझ सकता था। दीपमाला ने बताया कि उनके लिए यह एक नया अनुभव था उन्होंने अनमोल पर विशेष ध्यान देते हुए उसे सिखाना शुरू किया और कुछ ही दिनों में अनमोल ने साइन लैंग्वेज सीख ली और इसी के जरिए वह अपनी बाते कहने लगा। जिसे देख दीपमाला का हौसला बढ़ा, इसी से दीपमाला को प्रेरणा (Inspiration) मिली।

प्रधानमंत्री कर चुके हैं तारीफ

बता दें कि दीपमाला पांडे के इस सराहनीय कार्य की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) भी बीते दिनों हुए मन की बात कार्यक्रम के दौरान कर चुके हैं। पीएम मोदी द्वारा तारीफ करने बाद मानो दीपमाला स्टार बन गई। सोशल मीडिया पर उनकी इस मुहिम One Teacher One Call से जुड़ने के लिए कई शिक्षक लगातार संपर्क कर रहे हैं।

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