सुष्मिता-ऐश्वर्या को टक्कर देने वाली एक्ट्रेस क्यों बनी बौद्ध भिक्षु, जानें Barkha Madan से Gyalten Samten बनने की कहानी
Story Of Actress Barkha Madan : आपको अक्षय कुमार और रेखा की फिल्म ‘खिलाड़ियों का खिलाड़ी याद ही होगी। इसमें एक अहम किरदार थी बरखा मदान, जिन्होंने अपनी पहली ही फिल्म से दर्शको दिल में अपनी एक खास जगह बना ली थी। इतना ही नहीं बरखा एक ऐसी एक्ट्रेस रही, जो कभी ऐश्वर्या और सुष्मिता को टक्कर दे चुकी है। Barkha Madan ने कई हिंदी और पंजाबी फिल्मों में काम किया। इसके अलवा कई टीवी सीरियल में भी नजर आईं और कई शोज होस्ट कर चुकी है। वो मॉडल, एक्ट्रेस, फिल्म प्रोड्यूसर भी थीं। लेकिन एक समय ऐसा आया जब इस अदाकारा की जिंदगी ने कुछ यू करवट ली कि, वो बुद्धिस्ट नन बन गईं और अपना नाम बदलकर Gyalten Samten रख लिया। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो इस एक्ट्रेस ने अपने बॅालीवुड करियर के नेम-फेम को छोड़कर संन्यास की राह चुनी। चलिए जानते है बरखा के जीवन जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें…
1994 में Barkha Madan ने लिया था Miss India में हिस्सा
बरखा ने 1994 में ऐश्वर्या राय बच्चन, सुष्मिता सेन और श्वेता मेनन के साथ मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। हालांकि, वे इसे जीत नहीं पाई थीं, लेकिन मिस टूरिज्म इंटरनेशनल की रनरअप रही थीं। Barkha Madan ने एक इंटरव्यू में कहा था, “कई साल पहले जब मैंने मिस इंडिया कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया था, तब जजों ने मुझसे पूछा था कि मैं यदि यह कॉन्टेस्ट जीतती हूं तो क्या करना चाहूंगी। तब मैंने जवाब दिया था कि मैं जरूरतमंद बच्चों की मदद और सेवा करूंगी और आज मैं वही कर रही हूं।
1996 में बॉलीवुड में रखा था कदम
मॉडल के तौर पर खुद को स्थापित करने के बाद Barkha Madan ने 1996 में ‘खिलाड़ियों का खिलाड़ी’ फिल्म के जरिए बॉलीवुड में कदम रखा था. इसके बाद उन्होंने इंडो-डच प्रोडक्शन ‘ड्राइविंग मिस पालमेन’ में काम किया। इसके बाद वो 7 साल तक पर्दे पर नजर नहीं आई और राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘भूत‘ के साथ एक्टिंग की दुनिया में वापसी की। इसके बाद उन्होंने करीब 20 टीवी सीरियलों में भी काम किया।
जब दलाई लामा से मिली बरखा
साल 2002 में धर्मशाला में एक इवेंट के दौरान बरखा ने दलाई लामा जोपा रिपोंचे को सुना तो उनके मन में भी नन बनने का ख्याल आया। वो बुद्धिस्ट की विचारधारा से बहुत प्रभावित थीं। जब उन्होंने यह इच्छा दलाई लामा के सामने रखी तो वे बोले, “क्यों, क्या तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड से झगड़ा हुआ है। मठ में रहने का मतलब यह नहीं होता कि आप किसी से भागे हैं।” इसके बाद बरखा को बौद्ध धर्म दर्शन शास्त्र से जुड़ने की सलाह दी गई। इस सलाह का उद्देश्य बरखा को इस बात का ज्ञान कराना था कि आखिर क्यों वह नन बनने की राह चुनना चाहती है।
कुछ तो है जो छूट रहा
इसके बाद Barkha Madan ने खुद की प्रोडक्शन कंपनी बनाई और उसके बैनर तले दो फिल्मों का निर्माण किया। एक ‘सोच लो’ (2010) और दूसरी ‘सुरखाब‘। साल 2012 में एक बार फिर बरखा काठमांडू स्थित बौद्ध मठ पहुंचीं तो उनसे फिर वही सवाल किया गया। जवाब में बरखा ने कहा कि सब कुछ अपनी जगह सही चल रहा है, इसके बावजूद उन्हें ऐसा लगता है कि कुछ तो है जो छूट रहा है।”
Barkha Madan ने लिया सन्यांस
बरखा ने 4 नवंबर 2012 को सुबह-सुबह 9 बजे बरखा ने संन्यास ले लिया। इस मौके पर उनके पेरेंट्स भी वहां मौजूद थे। उन्होंने बरखा को पूरा सपोर्ट किया। कभी ग्लैमर इंडस्ट्री की चमक-धमक में रहने वाली बरखा की अलमारी में अब मात्र दो जोड़ी कपड़े और एक जोड़ी चप्पल ही मिलेगी। जहां तक उनकी संपत्ति की बात है तो वे अपने पास एक मोबाइल और एक लैपटॉप ही रखती हैं। उन्हें अक्सर धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश में मेडिटेशन करते या फिर बौद्ध गया के तारा चिल्ड्रेन प्रोजेक्ट में HIV ग्रस्त बच्चों की सेवा करते देखा जा सकता हैं।
कनाडा में अवॉर्ड जीत चुकी है ‘सुरखाब’
बरखा मदान (Barkha Madan) की आखिरी फिल्म थी सुरखाब, जो साल 2012 में रीलीज हुई थी। ‘सुरखाब’ कनाडा में कई अवॉर्ड जीत चुकी है। इस फिल्म का निर्माण मात्र 25 दिनों में हुआ थी। फिल्म में ह्यूमन ट्रेफ्किंग के मुद्दे को उठाया गया था।
इन फिल्मों में काम कर चुकी है Barkha Madan
बरखा मदान (Barkha Madan) बतौर एक्ट्रेस ‘खिलाड़ियों का खिलाड़ी'(1996), और ‘भूत’ (2003) जैसी फिल्मों में काम कर चुकी हैं। उनके निर्माण में बनी फिल्मों ‘सोच लो’ और ‘सुरखाब’ में भी उन्होंने एक्ट्रेस के रूप में काम किया है। बरखा ने ‘1857: क्रान्ति’, ‘घर एक सपना’ और ‘सात फेरे’ जैसे टीवी शोज में भी काम किया है।
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