चूहों पर ही क्यों की जाती है हर मेडिकल रिसर्च, वजह आपको भी जान लेनी चाहिए
Youthtrend Health & Fitness Desk : चूहा एक ऐसा जीव हैं जो अगर किसी के घर में हो तो उस घर में तबाही मचा सकता हैं, तबाही से मतलब कपडे, किताबें, सोफे, पर्दे, इत्यादि को कुतर के एक साफ सुथरे घर को कूड़े का ढेर बना सकते हैं, ज्यादातर चूहें काले रंग के ही होते हैं पर कुछ चूहे सफेद रंग के भी होते हैं। चूहों के घर में होने से घर मे बीमारियां फैलने का खतरा रहता हैं इसके अलावा चूहों को अशुभ भी माना जाता हैं। भले ही हम लोग चूहों को अपने घरों से भगाना चाहते हैं और चाहते हैं कि वो कभी हमारें घर में ना आए लेकिन मेडिकल रिसर्चरस के लिए चूहा एक बेशकीमती साधन हैं, दरअसल जब भी किसी दवाई या किसी भी तरह की मेडिकल रिसर्च की जाती हैं तो सिर्फ चुहों पर ही की जाती हैं ऐसा क्या हैं कि इतने सारे जानवरों के होते हुए सिर्फ चूहों पर की जाती हैं रिसर्च, आइये जानते हैं आज के अपने इस लेख में
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सिर्फ चूहों पर रिसर्च
ऐसा नहीं हैं कि चुहों पर मेडिकल रिसर्च हाल के वर्षों में ही शुरू हुईं हैं बल्कि चूहों पर रिसर्च तो 100 सालों पहले से होती आ रही हैं फाउंडेशन ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च के अनुसार चूहों पर रिसर्च करना अन्य जानवरों पर रिसर्च करने के मुकाबले बेहद ही आसान हैं। रिसर्च के लिए चुने जाने वाले जानवरों में 95℅ बार चूहों को ही चुना जाता हैं, इसके पीछे जो वजह हैं वो ये हैं कि चूहें साइज में छोटे होते हैं और इन पर नियंत्रण बनाएं रखना आसान होता हैं, इसके अलावा चूहे किसी अन्य जानवर के मुकाबले नई जगह पर जल्दी से घुल-मिल जाते हैं और खुद को हालात के मुताबिक ढाल लेते हैं। चूहें अन्य जानवरों के मुकाबले जल्दी बच्चे पैदा कर सकते हैं, एक मादा चूहा प्रति 3-4 सप्ताह में औसतन 10 से 12 चुहों को जन्म दे सकती हैं, चुहों का जीवनकाल 2 से 3 वर्ष ही होता हैं, इसके अलावा चुहों का आकार छोटा होने के कारण इनको कही भी बड़ी ही आसानी से ले जाया जा सकता हैं।
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इंसानों पर कैसे काम करता हैं चूहों पर किया गया परीक्षण
मेडिकल रिसर्च से जुड़ी एक मैगजीन के मुताबिक चुहों और इंसानों का डीएनए लगभग 97% मेल खाता हैं, इसलिए जो प्रतिक्रिया चुहों में होती हैं लगभग वैसी ही प्रतिक्रिया इंसानों में भी देखी जा सकती हैं, क्या आप जानते हैं कि चुहों को इंसानों जैसी गंभीर बीमारियां भी होती हैं जैसेकि मोटापा, डाइबिटीज और कैंसर इत्यादि, तो कुल मिलाकर हम ये कह सकते हैं कि ये सभी कारण चुहों को मेडिकल रिसर्च करने के लिए एकदम परफेक्ट बनाते हैं।