इस छोटे से शहर में हुई थी सीरियल रामायण की शूटिंग, जानें कितना खास है ये शहर
रामायण की शूटिंग गया था।
जब पहलीं बार दूरदर्शन पर रामायण का प्रसारण शुरू हुआ था तो किसी को भी ये उम्मीद नहीं थी कि रामायण इतना लोकप्रिय साबित होगा। अब दूरदर्शन पर इसका पुनः प्रसारण हुआ तो फिर इस ने नए रिकॉर्ड कायम किए, जब भी हम रामायण देखते हैं तो इसमें महल, वन, नदी, दरबार इत्यादि को देखकर ऐसा प्रतीत होता हैं कि असल मे भी सब कुछ ऐसा ही रहा होगा। रामानंद सागर ने इस तरह रामायण के दृश्यों को इतनी खूबसूरती से फिल्माया हैं कि हमें ये बिल्कुल भी एहसास नहीं होता हैं कि दरअसल जहां रामायण की शूटिंग हुई थी वो केवल एक सेट था जो रामायण के लिए तैयार किया गया था। आज हम आपकों बताने जा रहे हैं कि इस पावन राम कथा रामायण को कहा फिल्माया गया था।
कहां हुई थी रामायण की शूटिंग
आज से 33 साल पहले जिस रामायण को रामानंद सागर ने बनाया था उसका जादू आज भी बरकरार हैं, रामायण को फिल्माने के लिए एक ऐसी जगह की जरूरत थी जहां वन, नदी, खाली मैदान, पहाड़ और समुद्र तट एक साथ हो ताकि अलग-अलग दृश्यों को फिल्माने के लिए ज्यादा दिक्कत ना हो।
बहुत सी जगह की तलाश करने के बाद आखिरकार एक ऐसी जगह मिली जहां इस पवित्र कथा को फिल्माया जाए और वो जगह थी गुजरात का एक छोटा सा शहर उमरगांव (उम्बरगांव)। यह शहर रामायण के लिए एक पर्याप्त स्थान था, यह शहर की आबादी भी इतनी घनी नहीं थी जिस वजह से यहा काम करना मुनासिब हुआ।
शूटिंग से जुड़े कुछ किस्से
गुजरात के उमरगांव में रामायण की शूटिंग पूरे 550 दिनों तक।चली और इस दौरान कुल 78 एपिसोड फिल्माए गए, बताया जाता हैं कि ज्यादातर कलाकार शूट के दौरान सेट पर ही रुका करते थे। उमरगांव मुंबई से 4 घंटे की दूरी पर स्थित हैं और यहां बहुत से पर्यटन स्थल मौजूद हैं, रावण का किरदार निभाने वाले श्री अरविंद त्रिवेदी मुंबई से ट्रेन के द्वारा उमरगांव शूटिंग के लिए आते थे।
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शूटिंग के दौरान सभी कलाकरों में इतना मेल-जोल बढ़ गया था कि जब रामायण के आखिरी एपिसोड की शूटिंग हुई तो सब बहुत भावुक हो गए थे और उन्हें ऐसा लग रहा था कि उनकी जिंदगी में से कुछ जुदा हो रहा हैं।
दर्शकों भी हो जाते थे भक्तिमय
रामायण के प्रसारण के दौरान सड़के सुनी हो जाती थी, घर के सभी लोग एक साथ टीवी के सामने बैठकर रामायण देखने लगते थे। बहुत घरों में तो लोग इस दौरान अपने टीवी पर माला भी चढ़ाते थे। श्री राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल और माता सीता का अभिनय करने वाली दीपिका के अनुसार लोग उन्हें भगवान राम और सीता माता के रूप में ही देखते थे और जब भी वो किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में जाते थे तो लोग उनके पैर भी छूने लगते थे।