Jitiya Vrat 2019: जितिया को लेकर है असमंजस, 21 या 22 सितंबर जानें किस दिन करें व्रत
वंश वृद्धि व संतान की लंबी आयु के लिए ( Jitiya Vrat 2019 ) जिउतिया व्रत किया जाता हैं, इसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता हैं, इस दिन महिलाएं अपने संतान की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत करती हैं| लेकिन इस साल पंचांग और पंडित के एकमत ना होने के कारण जीवित्पुत्रिका व्रत दो दिनों का हो गया हैं, कुछ लोग 21 सितंबर को व्रत रखकर 22 सितंबर, दोपहर में व्रत का पारण करेंगे तो कुछ लोग जीवित्पुत्रिका व्रत 22 सितंबर को रखकर 23 सितंबर की सुबह व्रत का पारण करेंगे| बता दे कि जो लोग 21 सितंबर को व्रत रखेंगे, उनके लिए यह 33 घंटे का व्रत होगा लेकिन जो लोग 22 सितंबर को रखेंगे उनके लिए यह व्रत 24 घंटो का होगा|
Jitiya Vrat 2019 : क्या है असमंजस
यह व्रत हर साल आश्विन माह की अष्टमी तिथि के दिन निर्जला रखा जाता है। वैसे तो यह व्रत तीन दिनों का होता है, सप्तमी का दिन नहाय- खाय के रूप में मनाया जाता है, अष्टमी को निर्जला उपवास रखा जाता है और फिर नवमी के दिन व्रत का पारण किया जाता हैं। दरअसल जीवित्पुत्रिका व्रत को लेकर एक मत चन्द्रोदयव्यापिनी अष्टमी का पक्षधर है तो दूसरा सूर्योदयव्यापिनी अष्टमी का, इस बार 21 सितम्बर दिन शनिवार को अष्टमी अपराह्न 3 बजकर 43 मिनट से प्रारम्भ हो जाएगी और 22 सितम्बर, रविवार को अपराह्न 2 बजकर 49 मिनट तक रहेगी।
Jitiya Vrat 2019 : कब रखें व्रत
प्रदोष काल व्यापिनी अष्टमी तिथि को जिउतिया यानी जीमूतवाहन का पूजन किया जाता है और इस व्रत के लिए आवश्यक है कि पूर्वाह्न काल में पारण हेतु नवमी तिथि प्राप्त होनी चाहिए| दरअसल जितिया व्रत में नवमी तिथि को पारण किया जाता है। बता दें कि इस साल 22 सितंबर 2019, रविवार को अष्टमी अपराह्न 2 बजकर 49 मिनट तक है, इसीलिए इससे पहले दिन यानी 21 सितंबर 2019, शनिवार को सप्तमी पर प्रदोष व्यापिनी अष्टमी में व्रत करने पर पारण करने के लिए दूसरे दिन पूर्वाह्न में नवमी तिथि प्राप्त नहीं हो रही है।
इसलिए उदया अष्टमी रविवार को उपवास रखकर प्रदोष काल में ही जीमूतवाहन की पूजा करके नवमी में सोमवार को प्रात: पारण करना चाहिए। इस साल 22 सितंबर 2019, रविवार को जीवित्पुत्रिका का व्रत तथा प्रदोष काल में शाम 4 बजकर 28 मिनट से रात्रि 7 बजकर 32 मिनट तक पूजन करना सबसे उत्तम रहेगा| 23 सितंबर 2019, सोमवार को व्रत का पारण किया जाएगा, इस तरह आप व्रत करके, अपने संतान की लंबी आयु की प्रार्थना करे|