आइए जानें, कौन किसे दे सकता है रक्त ?
मुख्यतः रक्त समहू चार प्रकार के पाये जाते हैं, ए, बी, एबी और ओ, हमारे रक्त समूह का निर्धारण हमारे माता-पिता से प्राप्त होने वाले जिन से निर्धारित होता हैं| बता दें कि हर एक रक्त समूह आरएचडी पॉजिटिव और आरएचडी निगेटिव होता हैं| यदि मान ले कि आपका रक्त समूह ए हैं तो वह ए पॉजिटिव होगा या फिर ए निगेटिव होगा, इस प्रकार रक्त समूह को आठ प्रकार में विभाजित किया जाता हैं| इसलिए कहा जाता हैं कि आठ प्रकार के रक्त मनुष्य के अंदर पाये जाते हैं और एक मनुष्य, दूसरे मनुष्य को अपना रक्त दे सकता हैं| लेकिन कोई भी मनुष्य, किसी को भी अपना रक्त नहीं सकता हैं|
ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन मनष्य अपना रक्त किसे दे सकता हैं| दरअसल रक्त का निर्माण हमारे शरीर के अंदर होता हैं और इसे कृत्रिम विधि से नहीं बनाया जा सकता हैं| इसलिए हर किसी को रक्तदान करने को कहा जाता हैं ताकि उसका रक्त किसी अन्य व्यक्ति की जान बचाने में काम आ सके क्योंकि रक्त की कमी से किसी भी व्यक्ति की जान जा सकती हैं|
(1) ए+
ए+ दे सकता है, ए+ और एबी+ को
(2) ए-
ए- दे सकता है, ए+, एबी-, ए- और एबी- को
(3) बी+
बी+ दे सकता है, बी+ और एबी+ को
(4) बी-
बी- दे सकता है, बी-, बी+, एबी- और एबी+ को
(5) ओ+
ओ+ दे सकता है, ए+, बी+, एबी+, ओ+ को
(6) ओ-
ओ- दे सकता है सबको, इसलिए ओ- को सर्वदाता कहा जाता हैं| यह रक्त समूह जिस किसी व्यक्ति का होता हैं वो किसी भी रक्त समूह वाले व्यक्ति को अपना रक्त दे सकता हैं| लेकिन यह रक्त समूह बहुत ही कम लोगों के अंदर पाया जाता हैं|
(7) एबी+
एबी+ दे सकता है एबी+ को, इस रक्त समूह वाले व्यक्ति किसी भी रक्त समूह वाले व्यक्ति से रक्त ले सकते हैं| इसलिए इन्हें सर्वग्राही कहा जाता हैं|
(8) एबी-
एबी- दे सकता है, एबी- और एबी+ को
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हमारा रक्त तरल और ठोस पदार्थों से मिलकर बना होता हैं, रक्त का ठोस भाग लाल रक्त कोशिकाओं, सफ़ेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स से मिलकर बने होते हैं| वहीं दूसरी ओर रक्त का तरल भाग पानी, नमक और प्रोटीन से मिलकर बने होते हैं, इसे ही प्लाज्मा कहा जाता हैं| दरअसल रक्त का लगभग आधा भाग प्लाज्मा होता हैं|