कुल्लू थप्पड़ कांड: जानें कौन हैं IPS Gaurav Singh जिन्होंने CM के सिक्योरिटी इंचार्ज को जड़ दिया थप्पड़
IPS Gaurav Singh | फौज और पुलिस दोनों देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने में बिल्कुल भी हिचकते नहीं है और देश सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते है, जिस प्रकार फौज देश के बॉर्डर पर रहकर देश के दुश्मनों से देश को बचाते है तो वही पुलिस देश के अंदर रहकर कानून-व्यवस्था बनाये रखने में अपनी जी-जान लगा देते है। वैसे फिल्मों में तो हमने बहुत से ऐसे पुलिस वाले देखे है जो अपने फर्ज को अच्छे से निभाते है। उसी प्रकार असल जिंदगी में भी बहुत से ऐसे पुलिस अधिकारी होते है जिनके लिए उनकी वर्दी और उनके फर्ज के आगे कुछ नही होता।
आज हम आपको एक ऐसे ही पुलिस अफसर IPS Gaurav Singh के बारे में बताने जा रहे है जिनकी कल से ही काफी चर्चा हो रही है, बताया जा रहा है कि यह अफसर अपने फर्ज को निभाते हुए मुख्यमंत्री के सिक्योरिटी इंचार्ज तक से भिड़ गया था जिसका विडियो सोशल मीडिया पर जोरों से वायरल भी हुआ।
जब IPS Gaurav Singh ने जड़ा मुख्यमंत्री के ASP को थप्पड़
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दरअसल बीते दिनों केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी हिमाचल प्रदेश के दौरे पर थे, जब उनका काफिला कुल्लू के भुंतर एयरपोर्ट से निकल गया तो उनके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की गाड़ी के सामने कुल्लू के एसपी गौरव सिंह और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सिक्योरिटी में तैनात एएसपी ब्रजेश सूद के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। बहस इस कदर बढ़ चुकी थी कि एसपी गौरव सिंह ने ब्रजेश सूद को थप्पड़ मार दिया जिसके बाद सीएम की सुरक्षा में तैनात अन्य सिक्योरिटी अधिकारियों ने कुल्लू के SP, IPS Gaurav Singh पर लात-घूंसे चलाना शुरू कर दिया।
इस मामलें से सबसे ज्यादा असर IPS Gaurav Singh की छवि पर पड़ा है, गौरव सिंह एक बेहद धाकड़ और ईमानदारी पुलिस अफसर है लेकिन इस थप्पड़ कांड से उनकी साख को नुकसान पहुंचा है। कुल्लू से पहले IPS Gaurav Singh हिमाचल प्रदेश के शिमला, बद्दी और कांगड़ा में भी एसपी की भूमिका निभा चुके है और फिलहाल उन्हें कुछ समय के लिए छुट्टी पर भेज दिया गया है।
अपने कार्य प्रणाली की वजह से आए थे सुर्खियों में
उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले गौरव सिंह का जन्म 1 जुलाई 1990 को हुआ था, जब उनकी ड्यूटी हिमाचल के सोलन जिले के बद्दी में थी, तो उन्होंने वहां चैन स्नैचिंग, मर्डर और एटीएम से नकदी चुराने जैसे मामलों को सुलझाया था। इसके अलावा उन्होने वहां के एक पूर्व कांग्रेस विधायक की पत्नी के टिप्पर का भी चालान किया था जिसके बाद तत्काल प्रभाव से सरकार ने उन्हें कांगड़ा में बतौर एसपी बना कर भेज दिया था।
हिमाचल प्रदेश राज्य की पुलिस अपनी ईमानदारी के लिये पूरे देश में प्रसिद्ध है और IPS Gaurav Singh नहीं चाहते थे कि उनके प्रदेश की पुलिस की प्रतिष्ठा पर कोई भी आंच आए इसलिए उन्होंने लाहौल स्पीति में कार्यरत 22 और बद्दी में कार्यरत 4 पुलिस एवं होमगार्ड जवानों पर सही से ड्यूटी नहीं करने के कारण कार्यवाही की। बद्दी में अपने महज 7 माह के कार्यकाल में ही उन्होंने अवैध खनन से जुड़े लगभग 177 मामलें पकड़े और उनसे तकरीबन 26 लाख रुपये जुर्माने के रूप में वसूली।
IPS Gaurav Singh हो चुके है डीजीपी डिस्क अवार्ड से सम्मानित
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बद्दी में ही गौरव सिंह ने ड्रग्स और अवैध शराब से जुड़े 88 मामले पकड़े थे, कुछ समय बाद प्रदेश की वीरभद्र सरकार ने उनका तबादला कर दिया। ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाने और इतने केस सॉल्व करने के बाद उन्हें 30 जून 2017 के दिन प्रदेश के डीजीपी ने गौरव सिंह को डीजीपी डिस्क अवार्ड दे कर सम्मानित किया गया था, कहा जाता है कि उन्हें ये अवार्ड खासकर उनके द्वारा 2015 में शिमला के बालूगंज में हुए ब्लाइंड मर्डर को सुलझाने के लिए मिला था।
मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने किया कुल्लू एसपी का समर्थन
जब गौरव सिंह ने मुख्यमंत्री के सुरक्षा इंचार्ज को थप्पड़ मारा तो मुख्यमंत्री की सेवा में लगे अन्य सिक्योरिटी ऑफिसर ने गौरव सिंह पर लात चलाई तो वहां मौजूद स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा की एसपी कुल्लू को क्यों मार रहे हो, इसके अलावा वहां पर तुरंत ही लोगों की भीड़ जुट गई जिसके बाद वह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सिक्योरिटी ऑफिसर्स का विरोध करने लगे।