अन्न-धन की कमी से बचना हो तो आज ही चुपके से अपने किचन में रखें ये चीज
देवी अन्नपूर्णा हिन्दू धर्म की देवी हैं। देवी अन्नपूर्णा को धन, वैभव और सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। इन्हें “अन्न की पूर्ति“ करने वाली देवी कहा गया है। शास्त्रनुसार देवी अन्नपूर्णा को सम्पूर्ण विश्व का संचालन करने वाली जगदंबा का ही रूप माना गया है। मान्यता है कि देवी अन्नपूर्णा भक्तों की भूख शांत करती हैं तथा जो इनकी आराधना करता है उसके घर में अन्न-धन की कमी नहीं होती है।
देवी अन्नपूर्णा की कृपा से नही होगी अन्न-धन की कमी
स्कंद पुराण के काशी खंड में इस बात का वर्णन किया गया है कि भगवान शिव की भार्या देवी पार्वती ही अन्नपूर्णा देवी हैं। काशी में ही अन्नपूर्णा देवीपीठ भी है। मान्यता है कि अन्नपूर्णा देवी की कृपा से मनुष्य के जीवन में कभी भी खाने आदि की समस्या नहीं होती।
श्री अन्नपूर्णा माता का व्रत हर साल मार्गशिर्ष महीने की सुकल ६ से कृष्ण ११ तक यानि २१ दिनों तक व्रत अनुष्ठान किया जाता है, यह मंत्र के ऋषि श्री हयग्रीव ऋषि है और इस मंत्र के जाप और अनुष्ठान से मनुष्यो की हर मनो कामना पूर्ण होती है और घर में कभी अन्न धन की कमी नहीं रहती|
अन्नपूर्णे सदा पूर्णे शंकरप्राणवल्लभे ।
ज्ञानवैराग्यसिद्ध्य भिक्षां देहि च पार्वति ।।
अन्नपूर्णा देवी को प्रसन्न करने के लिए विधिवत पूजा करनी चाहिए ये पूजा शिवालयो में की जाती है और चढाने के लिए मेहंदी, सफ़ेद फूल एवं धनिया की पंजीरी का भोग लगाया जाता है|
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माँ अन्नपूर्णा देवी पर चढ़ा हुआ सुखा धनिया को संभालकर अपने किचन में रखने से आपके घर में कभी भी अन्न और धन-धान्य की कमी नहीं रहेगी| श्रद्धालुओं की ऐसी धारणा है कि माँ अन्नपूर्णा की नगरी काशी में कभी कोई भूखा नहीं सोता है। अन्नपूर्णा माता की उपासना से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं| इनके प्रसन्न हो जाने पर अनेक जन्मों से चली आ रही दरिद्रता का भी निवारण हो जाता है। ये अपने भक्त को सांसारिक सुख प्रदान करने के साथ मोक्ष भी प्रदान करती हैं।