काशी को दो चरणों में कनेक्ट करेगा रोपवे, शहर में 15 स्टेशन पर दौड़ेगी लाइट मेट्रो
काशी खबर | किसी भी शहर की मुख्य समस्या ट्रैफिक की समस्या होती हैं इसके लिए प्रशासन द्वारा अलग-अलग तरीके की योजनाएं बनाई जाती हैं इसी समस्या से निपटने के लिए अब वाराणसी शहर में भी ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के लिए लाइट मेट्रो और रोपवे की परियोजना पर काम शुरू कर दिया गया हैं। ये परियोजना दो चरणों मे पूरी की जाएगी जिसमें रोपवे से काशी के कैंट इलाके को गोदौलिया से जोड़ा जाएगा जबकि लाइट मेट्रो भेल और बीएचयू के बीच चलाई जाने की योजना हैं। बीते शुक्रवार को ही इस बारें में वाराणसी प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने मिल कर इस प्रस्तावित परियोजना के लिए निर्धारित किये गए रूट का परीक्षण किया, आइये जानते हैं और क्या खास हैं इस आगामी परियोजना में।
काशी में रोपवे के लिए राइट्स ने किया सर्वे
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने हेतु काशी में लाइट मेट्रो और रोपवे चलाने की परियोजना हैं जिसके लिए राइट्स ने पुराने बनारस में मेट्रो के संचालन हेतु जगह का सर्वे करने के बाद उसके लिए रूट का भी निर्धारण कर दिया हैं। बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार के आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के मुखिया दीपक कुमार ने वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन, मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल, सचिव डॉ सुनील वर्मा और नगर नियोजक मनोज कुमार व अन्य स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर इस प्रस्तावित योजना का स्थलीय निरीक्षण किया।
ऐसा होगा लाइट मेट्रो और रोपवे का रूट
वाराणसी में लाइट मेट्रो के लिए बीएचयू से भेल के बीच रूट प्रस्तावित हैं जोकि 16 किमी लंबा रूट होगा जिसमें 15 स्टेशन होंगे जिसमें बीएचयू, तुलसी मानस मंदिर, क्रीं कुंड, रथयात्रा, नदेसर, कलेक्ट्रेट, भोजूबीर, गनेशपुर, संगम विहार, तरना और भेल प्रस्तावित स्टेशन हैं। जबकि रोपवे के लिए पहला रूट गोदौलिया से लेकर रथयात्रा तक का होगा जबकि दूसरा रूट रथयात्रा दे लेकर वाराणसी कैंट तक के बीच रहेगा।
रोपवे परियोजना के लिए सर्वे करने का काम वेपकौस ने किया हैं जिसमें पहले रूट में शिवपुरी, कचहरी, सिगरा और रथयात्रा के रास्ते लंका तक जबकि दूसरा रूट कचहरी से शुरु होकर लहुराबीर, मैदागिन, गोदौलिया से लंका और आखिरी रूट भी प्रस्तावित हैं जो लहरतारा से नरिया के रास्ते बीएचयू तक जाएगा।
Ganga Aarti | Varanasi: बिना इजाजात अब नहीं होगी ‘गंगा आरती’, जानिए क्या है पूरा मामला
मेट्रो के मुकाबले, लाइट मेट्रो का खर्च आधा
वाराणसी में लाइट मेट्रो और रोपवे की परियोजना के अलावा मेट्रो परियोजना पर भी विचार किया गया था लेकिन इन तीनों प्रोजेक्ट के खर्चों में बहुत ज्यादा अंतर हैं। मेट्रो परियोजना के लिए लगभग 350 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर खर्च का आकलन किया गया हैं जबकि लाइट मेट्रो की परियोजना में प्रति किलोमीटर का खर्च लगभग 150 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद हैं तो वहीं रोपवे में ये खर्च सिर्फ 80 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद हैं।
लाइट मेट्रो और रोपवे की परियोजना की शुरुआत को लेकर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार की तरफ से लिया जाना हैं, बताया जा रहा हैं कि वाराणसी के पुराने बसे शहर में रोपवे सबसे उपयुक्त परिवहन साधन हो सकता हैं। कैंट से गोदौलिया के बीच प्रस्तावित रोपवे रूट पर लगभग 432 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद हैं। उम्मीद हैं कि इन दोनों परियोजनाओं को जल्द ही मंजूरी मिल सके ताकि अति शीघ्रता से ये काम शुरु होने के बाद पूर्ण हो सकें।