वाराणसी में मिलने वाले इस केमिकल कार्ड से क्या दूर रहेगा कोरोना?
Youthtrend Varanasi Desk : कौन जानता था कि पिछले साल चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस का प्रकोप पूरी दुनिया के लिए घातक साबित होगा, आज संपूर्ण विश्व इस बीमारी की चपेट में आ चुका हैं कोरोना से निपटने के लिए बहुत से देशों में कोरोना वैक्सीन को लेकर ट्रायल चल रहे हैं लेकिन एक-दो देशों को छोड़कर किसी भी देश को अभी तक कोरोना वैक्सीन को लेकर सफलता हासिल नहीं हुई हैं। भारत में भी कोरोना के मामलों 28 लाख से अधिक हो चुके हैं और तेजी से बढ़ते कोरोना के आंकड़े एक गंभीर चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।
देश में कोरोना को लेकर लॉकडाउन लगाया गया और 2 गज दूरी के साथ मास्क लगाने को जरूरी बताया गया, हाल में ही कोरोना से बचाव को लेकर नई जानकारी सामने आई हैं दरअसल वाराणसी में अब कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए एक केमिकल कार्ड को खूब पहना जा रहा हैं, दांवा किया जा रहा हैं कि इस कार्ड को पहनने से 1 मीटर तक के घेरे में कोरोना से बचा जा सकता हैं। आज के इस लेख में हम कोरोना केमिकल कार्ड के बारें में जानेंगे कि आखिर ये क्या हैं और क्या वास्तव में इससे कोरोना से बचा जा सकता हैं।
क्या हैं कोरोना कार्ड
आजकल वाराणसी में हर जगह आपको काफी लोग दिख जाएंगे जिन्होंने अपने गले में एक कार्ड टांग रखा हैं, बहुत से मेडिकल स्टोर पर इस कार्ड की काफी ज्यादा मांग हैं जिस वजह से इस कार्ड की कालाबाजारी तक हो रही हैं, काशी नगरी में बहुत से लोगों का ये मानना हैं कि इस कार्ड को पहनने से कोरोना जैसी घातक बीमारी से बचा जा सकता हैं। हैरानी की बात ये हैं कि अभी तक ना तो WHO या फिर भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ऐसे किसी कार्ड को मान्यता दी गई हैं, जब इस कार्ड के बारें में एक मेडिकल स्टोर के मालिक से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वाराणसी के डीएम, सभी वरिष्ठ अधिकारी इस कार्ड को पहन रहे हैं तो ये समझा जा सकता हैं कि ये कार्ड फायदेमंद हैं।
क्या कहते हैं इस कोरोना कार्ड के बारें में विशेषज्ञ
विशेषज्ञों के अनुसार इस कोरोना कार्ड में क्लोरीन डाइऑक्साइड पाउडर रूप में हैं जो 1 मीटर के इलाके में काम करता हैं, अगर सरल शब्दों में समझ जाएं तो क्लोरीन डाइऑक्साइड का मुख्य रूप से प्रयोग आसपास के क्षेत्र से बैक्टीरिया को समाप्त करना होता हैं। ये भी कहा जाता हैं कि ये केमिकल विषाणुओं पर कुछ हद तक ही कम कर सकता हैं ऐसे में कोरोना जो खुद एक विषाणु हैं उस पर ये कोरोना कार्ड कितना काम करेगा ये कहना काफी मुश्किल हैं। जब विशेषज्ञों से इस कार्ड के नुकसान के बारें में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल तो इस केमिकल का कोई दुष्प्रभाव नहीं हैं लेकिन जैसे ही इस बारें में और भी शोध होंगे तो और भी नई चीजें सामने आएंगी।
क्या मानना हैं जिला अधिकारी का कोरोना कार्ड को लेकर
काशी के जिला अधिकारी के अनुसार इस कार्ड को बनाने वाली कंपनी के दांवे के अनुसार ये एक सैनिटाइजर कोरोना कार्ड हैं जिसको गले में पहनने से 1 मीटर की दूरी तक कोरोना से बचा जा सकता हैं और ये इस बीमारी में काफी प्रभावी हैं, जब उनसे ये पूछा कि क्या इसको लेकर कोई सरकारी जांच करवाई गई हैं तो उनका कहना हैं कि इसकी जांच करवाना काफी मुश्किल हैं लेकिन उन्होंने काशी के सभी दवा विक्रेताओं से अपील की हैं कि वो इस कोरोना कार्ड की कालाबाजारी ना करें और सिर्फ MRP पर ही उन्हें बेचे।