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Cervical Cancer Cure : BHU के वैज्ञानिकों ने किया कमाल, खोज निकाला सर्वाइकल कैंसर का तोड़

Cervical Cancer Cure : सर्वाइकल कैंसर की बीमारी से जूझ रहीं मरीजों के लिए एक राहत भरी खबर है, क्योंकि बीएचयू विज्ञान संस्थान के स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की टीम ने कैंसर की कोशिकाओं (Cervical Cancer Cure) को खत्म करने वाले माइक्रो आरएनए की खोज की है जो विशेष रूप से सर्वाइकल कैंसर कोशिकाओं (Cervical Cancer Cure) को मारता है। बता दें यह अध्ययन सर्वाइकल कैंसर के लिए विशिष्ट इलाज चिकित्सा विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है।

बता दें कि अध्ययन के निष्कर्षों से भविष्य में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer Cure) के इलाज के लिए माइक्रो आरएनए की ऐसी थेरेपी विकसित करने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है, जो कि नुकसानदायक न हो। शोध छात्रा गरिमा सिंह के अनुसार एक मानव माइक्रो-आरएनए, एमआईआर-34 ए, वायरल ई6 जीन को खत्म करता है जो बदले में एक ऑन्कोजेनिक कोशिका चक्र कारक को बंद कर देता है और केवल सर्वाइकल कैंसर कोशिकाओं को मारता है।

Cervical Cancer Cure

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कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी गैर-कैंसर कोशिकाओं पर डालता है प्रभाव

एक अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि सामान्य या गैर-कैंसर कोशिकाओं पर इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया। वर्तमान में सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer Cure) के लिए कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से इलाज किया जाता हैं, जिसका गैर-कैंसर कोशिकाओं पर भी प्रभाव पड़ता है, जो काफी हानिकारक और विषाक्त है।

पूरा होने पर यह अध्ययन सर्वाइकल कैंसर के लिए विशिष्ट इलाज चिकित्सा विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है। अध्ययन के निष्कर्ष बीएमसी कैंसर में प्रकाशित हुए हैं, जो कैंसर के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में से एक है। यह ऐसा पहला अध्ययन है जिसमें यह दर्शाया गया है कि miR-34a कोशिका चक्र को नियंत्रित करके कैंसर कोशिकाओं का करता है।

डा. समरेंद्र ने अध्यन को लेकर कही ये बात

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डा. समरेंद्र का कहना हैं कि खतरनाक मानव पेपिलोमा वायरस (एचआर-एचपीवी) सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer Cure) के 99 प्रतिशत मामलों में कारक है जो होस्ट कोशिका के कई ट्यूमर सप्रेसर्स और चेकपॉइंट कारकों को कमजोर करता है। डा. समरेंद्र सिंह ने आगे कहा कि, माइक्रोआरएनए कोशिका चक्र और विभिन्न अन्य सेलुलर प्रक्रियाओं के एक महत्वपूर्ण नियामक के रूप में उभरे हैं। माइक्रोआरएनए में प्रतिकूल परिवर्तन को कई कैंसर और अन्य बीमारियों के विकास से जोड़ा गया है, लेकिन अभी भी उस तंत्र के बारे में बहुत कम जानकारी है जिसके द्वारा वे इन सेलुलर घटनाओं को नियंत्रित करते हैं।

डॉ. सिंह ने कहा कि “हमने बताया है कि खोजा गया माइक्रो-आरएनए कुछ प्रोटीनों को अस्थिर करता है और संक्रमित सर्वाइकल कैंसर सेल को बढ़ने से रोकने में अहम भूमिका निभाता है, जिससे एचपीवी पॉजिटिव सर्वाइकल कैंसर कोशिकाओं के सेल प्रसार, आक्रमण और माइग्रेशन क्षमताओं को कंट्रोल करने में मदद मिलता है।

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डा. समरेंद्र कुमार सिंह की प्रयोगशाला कैंसर, विशेषकर सर्वाइकल और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के क्षेत्र में अनुसंधान करती है। अपने अध्ययन को निष्पादित करने के लिए, वे विभिन्न आणविक जीव विज्ञान, जैव रसायन और संरचनात्मक जीव विज्ञान उपकरणों का उपयोग करते हैं। वे इस बात की जांच करने की कोशिश करते हैं कि कैंसर कोशिकाओं में कोशिका चक्र का व्यवहार गलत तरीके से क्यों और कैसे नियंत्रित होता है।

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