रोबो हेलमेट: काशी की बेटी ने बॉर्डर पर लड़ रहे जवानों के लिए बनाया रोबो हेलमेट
Youthtrend Varanasi Desk : किसी ने सही कहा हैं कि आज की लड़कियां किसी भी मामलें में लड़कों से कम नहीं हैं, ठीक यहीं साबित किया हैं काशी की रहने वाली छात्र अंजली ने, उन्होंने एक ऐसी चीज का निर्माण किया हैं जो देश के वीर सैनिकों की मदद करेंगे। कई बार हमें अखबारों में पढ़ने को या टीवी पर सुनने को मिलता हैं कि दुश्मनों ने हमारें देश के वीर सैनिकों को धोखे से पीछे से वार करते हैं जिसकी वजह से कई बार देश के सैनिक शहीद हो जाते हैं, अंजली ने हमारें सैनिकों को दुश्मनों के धोखे से बचाने के लिए ऐसी ही एक अनोखी चीज का ईजाद किया हैं आइये जानते हैं इसके बारें में।
अंजली ने की हैं रोबो हेलमेट की खोज
पवित्र काशी नगरी में रहने वाली अंजली जो अशोका इंस्टिट्यूट की छात्रा हैं उन्होंने देश के वीर जाबांजो के लिए एक ऐसे हेलमेट का निर्माण किया हैं जिससे हमारें सैनिक अपने पीछे से आ रहें दुश्मन से बच सकते हैं, ये हेलमेट पीछे से आ रहें दुश्मनों पर खुद ही गोली चला सकता हैं। इसके अलावा अगर इस हेलमेट को नीचे जमीन पर भी रख दें तो भी ये गोलियां बरसा सकता हैं, सबसे महत्वपूर्ण बात ये हैं कि ये वीर सैनिक को पीछे से आ रहें दुश्मनों के बारें में सूचित भी कर देता हैं।
प्रधामनंत्री के आत्मनिर्भर मिशन से मिली प्रेरणा
अंजली का कहना हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना के कारण लगें लॉकडाउन के बाद देश को आत्मनिर्भर बनने की सलाह दी हैं उनकी उसी सलाह से प्रेरणा लेकर अंजली ने ये खास हेलमेट तैयार किया हैं, अंजली ने बताया कि जिस प्रकार पीएम मोदी देश के युवाओं से निवेदन कर रहें हैं कि वो आत्मनिर्भर बनें जिससे कि देश भी आत्मनिर्भर बने इसलिए देश और देश के सैनिकों की सुरक्षा के मद्देनजर उन्होंने देश में ही इस नई टेक्नोलॉजी को तैयार किया हैं।
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किस तरह काम करेगा ये रोबो हेलमेट
रोबो हेलमेट को बनाने वाली अंजली का कहना हैं कि ये रोबो हेलमेट एक वायरलेस तकनीक से लैस हैं, इस रोबो हेलमेट में एक वायरलेस फायर ट्रिगर लगा हुआ हैं, ये हेलमेट में लगें बैरल से एक रेडियो फ्रीक्वेंसी के माध्यम से जुड़ा होता हैं। इस हेलमेट के ट्रिगर को किसी भी प्रकार की राइफल गन में मौजूद ट्रिगर के पास लगा सकते हैं जिससे कि अगर कोई भी दुश्मन जब सैनिक पर हमला करना चाहेगा तो ये रोबो हेलमेट उस जवान को ये सूचित कर देगा कि उसके पीछे कोई हैं जिसके बाद वो सैनिक वायरलेस ट्रिगर से रोबो हेलमेट में लगे हुए बैरल से फायर करके अपनी सुरक्षा कर सकता हैं।
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क्या हैं रोबो हेलमेट की टेक्निकल स्पेसिफिकेशन
अंजली ने बताया कि अगर सैनिक चाहे तो वायरलेस रिमोट से इस रोबो हेलमेट को दुश्मन के क्षेत्र में भेज कर उनपर गोलियों से हमला कर सकते हैं, इस रोबो हेलमेट का वजन बहुत ही कम हैं, ये हेलमेट 360 डिग्री की दिशा में घूम सकता हैं, इस रोबो हेलमेट के प्रोटोटाइप को काशी में स्थित अशोका इंस्टिट्यूट के ही रिसर्च एंड डेवलोपमेन्ट विभाग में बनाया गया हैं। इस रोबो हेलमेट की रेंज लगभग 50 मीटर हैं, हेलमेट में फिट गन से गोली मारने की क्षमता 100 मीटर तक हैं, अंजली ने बताया कि इस हेलमेट को बनाने में 15 दिन का वक़्त लगा हैं और इसको बनाने में 8000 रुपये तक का खर्च आया हैं।