देवउठनी एकादशी से शुरू हो जाएंगे शुभ विवाह, यहां जानें दिसंबर तक के शुभ मुहूर्त
जैसा कि हम सभी जानते हैं हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष भर में कुल 24 एकादशी मनाई जाती हैं, जबकि हर माह में 2 एकादशी तिथियां होती हैं। इसी तरह से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहते हैं और इस बार यह विशेष तिथि नवम्बर माह की 25 तारीख को मनाई जायेगी। कहा जाता है कि इस दिन श्रीहरि निंद्रा से जागते हैं, इसलिए इसे देवउठनी एकादशी कहते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार इस एकादशी से शादियों के साए शुरू हो जाते हैं। बताना चाहेंगे कि 25 तारीख को एकादशी तिथि दोपहर 02:42 बजे से शुरू होगी और नवंबर 26, 2020 को 05:10 बजे तक रहेगी। असल में ऐसा माना जाता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन देव सो जाते हैं और फिर कार्तिक मास की एकादशी वाले दिन यानी देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं।
तुलसी विवाह भी इसी दिन
कहा जाता है कि देव के निद्रा में जाने के बाद से विवाह, शुभ कार्य, आदि बंद हो जाते हैं। चूँकि इस दिन से देव निद्रा से जागते हैं यानी अब देवउठनी एकादशी के दिन से जिसके बाद एक बार फिर विवाह आदि के शुभ मुहूर्त फिर से शुरू हो जाते हैं। इस दिन सबसे पहले भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है जिस दौरान उन्हें तरह तरह के मौसमी फलों का भोग लगाया जाता है। आपको यह भी बता दें कि देवउठनी एकादशी के दिन ही तुलसी विवाह भी किया जाता हैं।
हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष 2020 में नवंबर और दिसंबर में शादियों के मुहूर्त बहुत कम हैं, वहीं अगले साल 2021 में शादियों के मुहूर्त गुरु और शुक्र के अस्त होने की वजह से बहुत कम हैं। असल में 17 जनवरी से 15 फरवीर के बीच देव गुरु अस्त हो रहे हैं। जिस वजह से इस दौरान विवाह का कोई शुभ मुर्हत नहीं बन रहा है। बता दें कि 11 दिसंबर के बाद अप्रैल 2021 में ही विवाह के मुहूर्त बन रहे हैं।
साल 2020 के अंत महीनों के विवाह शुभ मुहूर्त
27 नवंबर, शुक्र कार्तिक शु. द्वादशी अश्विनी नक्षत्र
29 नवंबर, रवि कार्तिक शु. चतुर्दशी रोहिणी नक्षत्र
30 नवंबर, सोम कार्तिक पूर्णिमा रोहिणी नक्षत्र
1 दिसंबर, मंगल मार्गशीर्ष कृ. प्रतिपदा रोहिणी नक्षत्र
7 दिसंबर, सोम मार्गशीर्ष कृ. सप्तमी मघा नक्षत्र
9 दिसंबर, बुध मार्गशीर्ष कृ. नवमी हस्त नक्षत्र
10 दिसंबर, गुरु मार्गशीर्ष कृ. दशमी चित्रा नक्षत्र
11 दिसंबर, शुक्र मार्गशीर्ष कृ. एकादशी चित्रा नक्षत्र