शारदीय नवरात्रि 2020: अधिकमास की वजह से एक माह देरी से शुरू होंगे शारदीय नवरात्र
Youthtrend Religion Desk :माता के भक्तों का मां के नवरात्रों का इंतजार पूरे साल रहता हैं नवरात्र साल में दो बार आते हैं नवरात्रों में भक्तों का उत्साह देखने को मिलता हैं साल में दो बार नवरात्रे आते हैं जिन्हें शारदीय नवरात्रि 2020 और चैत्र नवरात्रे कहा जाता हैं। नवरात्रों में हमारे घरों और दिलों में उमंग और खुशी का वास रहता हैं, घरों में माता की चौकी सजाई जाती हैं और मां की नितदिन पूजा करके उनसे आशीवार्द मांगा जाता हैं वैसे तो हर साल श्राद्ध खत्म होते ही शारदीय नवरात्र शुरू हो जाते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हैं इस बार 1 महीने की देर से खत्म होंगे नवरात्र लेकिन ऐसा क्यों, चलिए जानते हैं आज के इस लेख में।
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देर से शुरू हो रहे हैं शारदीय नवरात्रि 2020
पिछले वर्ष 17 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या थी जिसकी वजह से 18 सितंबर से ही शारदीय नवरात्रों की शुरुआत हो गई थी, इस साल पितृ पक्ष श्राद्ध 1 सिंतबर से शुरू होंगे और 17 सिंतबर तक चलेंगे, हर साल के हिसाब से तो शारदीय नवरात्र इस साल 18 सितंबर से शुरू होने चाहिए थे लेकिन इस बार शारदीय नवरात्र पूरे 1 महीने की देरी से शुरू हो रहें हैं। इसके पीछे जो कारण हैं वो हैं अधिकमास, इस मास के दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य करना वर्जित होता हैं जिस वजह से नवरात्रे इस अधिकमास के खत्म होने के बाद ही शुरू हो सकेंगे और इसलिए पहला नवरात्रा 17 अक्टूबर के दिन पड़ेगा।
क्या होता हैं अधिकमास
आचार्यों के अनुसार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक तीन वर्षों में एक बार अतिरिक्त मास आता हैं जिसे मलमास, पुरुषोत्तम मास या अधिकमास भी कहा जाता हैं, कहा जाता हैं कि मलमास या अधिकमास के दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य, विवाह इत्यादि नहीं किया जाता, कहा जाता हैं कि अधिकमास में भगवान का ध्यान करने से इस माह का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
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कब से हैं अधिकमास की शुरुआत
ज्योतिषाचार्यो के अनुसार इस वर्ष अधिकमास 18 सिंतबर से शुरू होगा और 16 अक्टूबर तक रहेगा, अधिकमास 28 दिनों का होता हैं और इस मास के दौरान कोई त्यौहार या पर्व नहीं मनाया जाता, इस साल मलमास लगने से सभी आने वाले त्यौहारों की तिथि में भी काफी बदलाव देखने को मिलेगा। नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू होंगे तो वहीं देवउठनी एकादशी 25 नवंबर को आएगी और 16 दिसंबर से खरमास की शुरुआत हो जाएगी। इस वर्ष अधिकमास होने की वजह से साल में अश्विन माह दो बार आएगा और पूरे वर्ष में 12 की जगह 13 महीने रहेंगे।