Chhath Puja 2022 : इस विधि करें छठ पूजा, मिलेगा छठी माता का आशीर्वाद, जाग उठेगा सोया हुआ भाग्य
Chhath Puja : कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ का पर्व (Chhath Puja) मनाया जाता है, इसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्य बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल छठ पूजा (Chhath Puja) 30 अक्टूबर (संध्या अर्घ्य) और 31 अक्टूबर (उषा अर्घ्य) को पड़ेगी। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा से विवाहित स्त्रियों का सौभाग्य बना रहता है और संतान की उन्नति के मार्ग खुलते हैं। वैसे तो हर व्रत-त्योहार करने के अलग विधि विधान होते है, ठीक वैसे ही छठ पूजा (Chhath Puja) में भी होता है। कोई भी पूजा-पाठ सही विधि से की जाए तो यह फलित माना जाता है, लेकिन अगर आप जानकारी के अभाव में गलत तरीके से पूजा करती है तो इसके विपरीत परिणाम हो सकते है। तो आइए आज हम आपको छठ पूजा करने की सही विधि बताएंगे, जिससे आप पर छठी मईया का आशीष बना रहेंगा और आपका सोया भाग्य भी जाग उठेगा।
Chhath Puja 2022 : छठ पूजा का महत्व
छठ का व्रत (Chhath Puja) सूर्य देव, ऊषा, प्रकृति, जल और वायु को समर्पित माना जाता है। वहीं ज्योतिषि के अनुसार इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं की संतान का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है और उसे दीर्घायु का वरदान मिलता है। इस व्रत को करने से स्त्रियों को संतान सुख का आशीष मिलता है और उन पर छठ माता की कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है। जो महिलाऐं इस व्रत को नियमनुसार करती हैं उनके जीवन में सदैव सुख समृद्धि बनी रहती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
Chhath Puja 2022 : छठ पूजा की सामग्री
सबसे पहले जान लें छठ पूजा (Chhath Puja) करने के लिए आवश्यक सामग्री क्या-क्या है। तो बता दें कि दूध,धूप, गुड़, जल, थाली, लोटा, चावल, सिंदूर, दीपक, नए वस्त्र, बांस की 2 टोकरी, पानी वाला नारियल, पत्ते लगे गन्ने या बांस, अदरक का हरा पौधा, धूपबत्ती या अगरबत्ती, नाशपाती या शकरकंदी, हल्दी, कुमकुम, चंदन, पान, सुपारी आदि। ये सभी जरुरी पूजा सामग्री है जिनका छठ पूजा में होना जरुरी माना जाता है।
छठ पूजा में क्या किया जाता है
छठ पूजा (Chhath Puja) के पहले दिन को नहाय खाय कहा जाता है। इस दिन पूरा परिवार मिलकर भोजन तैयार करता है और दोपहर में इसे सभी लोग एक साथ मिलकर ग्रहण करते हैं। छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहते है जिसमें महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और ये व्रत सूर्योदय से शुरू होकर सूर्यास्त तक रखा जाता है। संध्याकाल में सूर्य की पूजा के बाद महिलाएं उस दिन के व्रत का पारण करती हैं। इसके अगले दिन सूर्योदय होते ही भगवान भाष्कर को अर्घ्य देकर सूरज की पूजा की जाती है।
Chhath Puja 2022 : छठ पूजा की विधि
- छठ पूजा के दिन प्रात जल्दी उठें और स्नान आदि कर छठ के व्रत का संकल्प लें।
- छठ पूजा के दिन पूरे दिन अन्न ग्रहण न करें और निर्जला व्रत का पालन करें।
- छठ के पहले दिन शाम को नदी के तट पर जाएं और वहां स्नान आदि करके सूरज को संध्या अर्घ्य दें।
- सूर्यदेव को अर्घ्य देने के लिए बांस की टोकरी का ही प्रयोग करें और जल से अर्घ्य दें।
- जिन टोकरियों का इस्तेमाल आप पूजा में कर रही हैं इसमें फल, फूल, सिंदूर आदि सभी पूजा की सामग्रियां ठीक से रखें।
- इसके साथ टोकरी में ही ठेकुआ, मालपुआ और अन्य व्यंजन भी भोग स्वरुप चढ़ाएं।
- सूर्य देव को अर्घ्य देते समय ध्यान रखें कि सभी सामग्रियां सूप में रखी होनी चाहिए।
- पूरे दिन और रात भर निर्जला व्रत का पालन करने के बाद आप अगले दिन सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ्य दें।
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