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Lunar Eclipse 2021: 26 मई को लगेगा साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण, जानें भारत में कब दिखेगा ब्लड मून

Religion Desk | जब भी कोई भी ग्रहण पड़ता हैं भले ही वो सूर्यग्रहण हो या चंद्रग्रहण वह एक खगोलीय घटना मानी जाती हैं लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर ग्रहण का सभी राशियों पर कुछ ना कुछ प्रभाव अवश्य पड़ता हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार जब भी चंद्रमा पृथ्वी के पीछे आता हैं तो उस स्थिति को चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse 2021) कहा जाता हैं, ऐसा होने की एक मुख्य वजह सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी का एक ही पँक्ति में होना होता हैं। चंद्रग्रहण का प्रभाव ना केवल राशियों बल्कि देश-विदेश की घटनाओं को भी प्रभावित करता हैं।

Lunar Eclipse 2021: कब लगेगा चंद्रग्रहण

Lunar Eclipse 2021

बता दें कि इस साल 2 चंद्रग्रहण पड़ने वाले हैं जिनमें पहला चंद्रग्रहण वैसाख माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन यानी 26 मई को होगा जबकि दूसरा चंद्रग्रहण 19 नवंबर को हैं। वैसे तो चंद्रग्रहण तीन प्रकार के होते हैं – पूर्ण चंद्रग्रहण, आंशिक चंद्रग्रहण और उपच्छाया चंद्रग्रहण। 26 मई को होने वाला चंद्रग्रहण एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा।

कहाँ-कहाँ दिखाई देगा ये चंद्रग्रहण

26 मई को होने वाला चंद्रग्रहण पूरी तरह से ऑस्ट्रेलिया, पश्चिमी दक्षिण अमेरिका, पश्चिम अमेरिका और दक्षिण-पूर्वी एशिया के कुछ भागों में भी इसे देखा जा सकता हैं। जानकारी के अनुसार इस ग्रहण का कुछ हिस्सा उत्तरी अमेरिका, हिंद महासागर, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर में भी दिखाई देगा।

क्या भारत में दिखाई देगा पूर्ण चंद्रग्रहण

आगामी 26 मई को होने वाला चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse 2021) भारत में उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा जबकि अन्य देशों ये चंद्रग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। भारत में ये चंद्रग्रहण शाम 7:14 पर शुरू होगा और शाम 07:19 तक रहेगा जबकि शाम 7:16 पर ये अपनी चरम सीमा पर होगा। भारत में इस उपच्छाया चंद्रग्रहण की कुल अवधि लगभग 5 मिनट के लिए ही रहेगी और इस चंद्रग्रहण का देश पर असर नहीं पड़ेगा, उपच्छाया चंद्रग्रहण होने के कारण देश में ये दिखाई नहीं देगा।

क्या रहेगा इस चंद्रग्रहण को लेकर सूतक काल

किसी भी ग्रहण के पहले और बाद के ऐसे समय को जिसे अशुभ माना जाता हैं उसे सूतक काल कहा जाता हैं, मान्यता यह हैं कि सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, हमेशा सूतक काल सूर्यग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले और चंद्रग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले शुरू होता हैं और जैसे ही ग्रहण की समाप्ति होती हैं तो ये सूतक काल भी समाप्त हो जाता हैं।

महिलाओं और बच्चों को रहना होता हैं सतर्क

वैसे तो 26 मई के दिन पड़ने वाला चंद्रग्रहण एक उपच्छाया चंद्रग्रहण हैं जिसका भारत पर बिल्कुल भी असर नहीं होगा लेकिन फिर भी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी ग्रहण के समय छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नही जाना चाहिए और किसी की भी इस काल के दौरान भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। कहा जाता हैं कि चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा से नकारात्मक ऊर्जा निकलती हैं जो उन्हें प्रभावित कर सकती हैं।