वाराणसी: यहां के भगवान भी होते हैं Quarantine, 200 वर्षों से निभाई जा रही हैं ये प्रथा
Religion Desk | इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही हैं भारत में भी इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं और पीड़ित लोगों की संख्या हर दिन एक नया कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। कोरोना से पीड़ित व्यक्ति को 14 दिन के क्वारंटाइन (Quarantine) में रहना पड़ता हैं जहां उसे डॉक्टर के अलावा किसी अन्य व्यक्ति से मिलने की मनाही होती हैं।
पर क्या आपको पता हैं कि भगवान भी क्वारंटाइन (Quarantine) में रहते हैं, जी हां बिल्कुल सही पड़ा आपने, एक ऐसा मंदिर भी हैं जहां के भगवान भी 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रहते हैं। ये प्रथा कोई कोरोना वायरस की वजह से नहीं हैं बल्कि ये प्रथा तो पिछले 200 सालों से चली आ रही हैं, चलिए आपको बताते हैं इस मंदिर के बारें में जहां के भगवान भी आइसोलेशन में रहते हैं।
काशी के जगन्नाथ भगवान 200 वर्षों से हो रहे Quarantine
काशी में स्थित भगवान जगन्नाथ जी को हर वर्ष सर्दी-जुकाम होने के कारण 15 दिनों के लिए क्वारंटाइन (Quarantine) होना पड़ता हैं, भगवान 200 सालों से लगातार हर साल आइसोलेशन में चले जाते हैं। बताया जाता हैं कि क्वारंटाइन के दौरान भगवान को काढ़ा दिया जाता हैं ताकि वो बिल्कुल ठीक हो सके, भगवान मंदिर के गर्भगृह में 15 दिनों के लिए आइसोलेशन में रहते हैं
बताया जाता हैं भगवान जगन्नाथ के बीमार होने के बाद देवताओं के वैध धन्वंतरि जी ने भगवान को विभिन्न प्रकार की जड़ीबूटियों से निर्मित काढ़ा पीने के लिए कहा था इसलिए क्वारंटाइन के दौरान भगवान को काढ़ा दिया जाता हैं।
क्यों हो जाते हैं भगवान जगन्नाथ बीमार
बताया जाता हैं हर साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि को भगवान का जलाभिषेक किया जाता हैं जिसमें उनके भक्तों को भी भगवान पर गंगाजल चढ़ाने की अनुमति होती हैं और ये परंपरा सदियों से चली आ रही हैं। भक्त भगवान की भक्ति में लीन होकर भगवान पर अत्यधिक गंगाजल अर्पण कर देते हैं जिससे भगवान बीमार हो जाते हैं और उन्हें सर्दी-जुकाम हो जाता हैं और इसी कारण भगवान अगले दिन से 15 दिन के क्वारंटाइन में चले जाते हैं।
ठीक होने के बाद भगवान निकलते हैं नगर भ्रमण पर
15 दिन क्वारंटाइन (Quarantine) में रहने के बाद जब भगवान ठीक हो जाते हैं तो फिर जगन्नाथ भगवान नगर यात्रा के लिए निकलते हैं, भगवान जगन्नाथ की इसी यात्रा को रथ यात्रा कहा जाता हैं जिसमें लाखों की संख्या में भक्तगण जुटते हैं। बताया जाता हैं बहुत समय पहले देवताओं ने भी ये बताया था कि जब भी धरती पर कोई अदृश्य वायरस आए तो हमें 15 दिनों के लिए सबसे अलग रहना चाहिए, और आज पूरी दुनिया में कोरोना से बचने के लिए क्वारंटाइन को महत्वता दी जा रही हैं।