पूजा के दौरान हिन्दू स्त्री या पुरूष क्यों ढकते हैं सिर ?
Youthtrend Religion Desk : हिंदू धर्म में बहुत से देवी और देवताओं की पूजा की जाती हैं, हर किसी के इष्ट देव दूसरे व्यक्ति से अलग हो सकते हैं कोई कृष्ण भगवान को मानता हैं तो कोई श्रीराम को, कोई शिव शंकर को तो कोई मां दुर्गा को, पर हर किसी देवी या देवता की पूजा करते समय हम अपना सिर ढक लेते हैं, आखिर ऐसा क्यों हैं। आज के इस लेख में हम इसी चीज के बारें में जानने की कोशिश करेंगे। कहा जाता हैं कि पूजा करते समय सिर ढकने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं, जब कभी हम किसी मंदिर में जाते हैं या किसी पूजा या अनुष्ठान में बैठते हैं तो सबसे पहले हमें सिर ढकने के लिए कहा जाता हैं, इसके पीछे ये भी मान्यता हैं कि पूजा के दौरान हिन्दू धर्म से सम्बंधित स्त्री या पुरुष को पूजा का पूर्ण लाभ मिलता हैं, पुराणों के अनुसार कोई भी शुभ कार्य करते समय सिर ढककर अवश्य रखना चाहिए ऐसा करने से हमारा मन पूजा में एकाग्र रहता हैं और पूजा के समय हमारा ध्यान इधर-उधर नहीं भटकता।
पूजा के दौरान हिन्दू सर ढकने का क्या है रिवाज
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जिस तरह महिलाएं घर में बड़े लोगों को सम्मान देने के लिए के उनके आगे अपना सिर ढक लेती हैं उसी प्रकार भगवान को सम्मान देने के लिए उनके सामने जाते समय सिर ढका जाता हैं, शास्त्रों के अनुसार किसी भी पूजा में शामिल होते समय सिर ढक लेने से हम नकारात्मक ऊर्जा से बच सकते हैं, कहा जाता हैं नकरात्मक ऊर्जा हमें बालों से अपनी ओर खींचती हैं लेकिन अगर हमारा सिर ढका होगा तो हम पूजा के समय नकरात्मक ऊर्जा से बच सकते हैं और हमारें मन में सकारात्मक विचार आते हैं।
शास्त्रों में बताया गया हैं कि हमारें सिर के बीचों बीच सहस्त्ररार चक्र होता हैं, पूजा या अनुष्ठान में बैठते समय इसे ढकने से मन एकाग्र और शांत रहता हैं, ये भी कहा जाता हैं कि भगवान के सामने कभी भी सिर को बिना ढके नहीं जाना चाहिए क्योंकि भगवान पूजनीय हैं अगर आप पूरी तरह से सिर ढकने में असमर्थ हैं तो आप सिर पर रुमाल भी रख कर भगवान के प्रति सम्मान और समर्पण को व्यक्त कर सकते हैं।
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अगर हम सिर ढकने के पीछे वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें तो आपको ये बताना चाहेंगे कि हवा में बहुत छोटे-छोटे कीटाणु घूमते हैं जो हमारें सिर में बालों के जरिए हमारें शरीर में प्रवेश करके हमे बीमार बना सकते हैं इसलिए सिर ढक कर रखने से इससे बचा जा सकता हैं, सिर ढक कर पूजा करने से हमारें मन में सकारात्मक ऊर्जा आती हैं जिसके कारण हम पूजा में ज्यादा ध्यान लगा पाते हैं और हमारें आसपास का माहौल भी अच्छा हो जाता हैं। शास्त्रों के अनुसार पूजा करते समय काले रंग का उपयोग निषेध हैं क्योंकि काला रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता हैं, इसलिए पूजा में बालों को ढक कर रखने के लिए कहा जाता हैं।