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कृष्ण के मृत शरीर के साथ क्या हुआ था, क्या आप जानते हैं ?

Youthtrend Religion Desk : ज्यादातर लोगों ने महाभारत टीवी पर अवश्य देखी होगी उसमें एक प्रसंग हैं जब कौरवों की मां गांधारी ने कौरव वंश की समाप्ति के लिए और महाभारत युध्द के लिए श्रीकृष्ण को दोषी ठहराया था और उन्हें श्राप दिया था कि जिस तरह कौरव वंश का नाश हुआ हैं उसी प्रकार उनके यदुवंशी वंश का भी नाश हो जाएगा। श्रीकृष्ण के यदुवंशी वंश के नाश के साथ श्रीकृष्ण ने भी अपने प्राण त्याग दिए थे, आज के इस लेख में हम ये जानेंगे कि श्रीकृष्ण के स्वर्ग जाने के बाद उनके शरीर के साथ क्या हुआ।

किस तरह हुआ था यदुवंश का समापन

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जब गांधारी ने श्रीकृष्ण को श्राप दिया तो श्रीकृष्ण अपने पूरे परिवार को लेकर प्रयास क्षेत्र में आ गए थे, साथ में वो लोग अन्न-भंडार भी लेकर गए थे, कुछ समय बाद जब महाभारत युद्ध की चर्चा हो रहीं थी तो सात्यकि और कृतवर्मा में किसी बात को लेकर विवाद हो गया, विवाद इतना बढ़ा कि गुस्से में आकर सात्यकि ने कृतवर्मा का सिर धड़ से अलग कर दिया। इस घटना के बाद यदुवंशियों में आपसी युद्ब छिड़ गया जिसमें सभी यदुवंशी दो समूह में विभाजित हो गए और एक दूसरे का वध करने लगे, यहां तक कि भगवान कृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न भी मारे गए थे।

श्रीकृष्ण की मृत्यु किस तरह हुईं थी

यदुवंशियों के खत्म हो जाने से दुखी होकर बलराम जी ने अपने प्राण त्याग दिए थे, उनके स्वर्गवास के बाद एक बार श्रीकृष्ण ध्यान की मुद्रा में एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठे थे, तभी जरा नाम का एक शिकारी आया जो हिरण का शिकार करना चाह रहा था, तभी उसकी नजर श्रीकृष्ण के तलवों की तरफ गई जो उसे हिरण के मुख के समान दिखाई दिया था। तब शिकारी ने अपना तीर उस तरफ छोड़ दिया और तीर जाकर श्रीकृष्ण के पैरों में जा लगा, जब शिकारी ने ये देखा तो उसे अपनी इस भूल का एहसास हुआ और श्रीकृष्ण से माफी मांगने लगा, तो श्रीकृष्ण ने उस शिकारी से कहा कि तूने जो मेरे मन ने चाहा था वो ही किया हैं।

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जब शिकारी वहां से चला गया तब श्रीकृष्ण के सारथी दारुक वहां पहुंचे, तब श्रीकृष्ण ने सारथी से कहा कि वो उनका ये संदेश द्वारिका में जाकर दें दे कि श्रीकृष्ण और बलराम समेत सभी यदुवंशी ये दुनिया छोड़ चुके हैं, इसके अलावा ये भी कहा कि सब लोगों को द्वारिका छोड़ने के लिए कह देना क्योंकि द्वारिका नगरी जलमग्न होने वाली हैं। सारथी के जाने के पश्चात सभी देवता, गंधर्व, अप्सराएं, यक्ष, किन्नर श्रीकृष्ण के अंतिम दर्शन के लिए आई और उनकी आराधना की जिसके बाद श्रीकृष्ण ने अपनी आंखें इस दुनिया से मूंद ली।

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क्या हुआ था श्रीकृष्ण के मृत शरीर के साथ

जब श्रीकृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम जी की स्वर्गलोक जाने की खबर उनके प्रियजनों को मिली तो सबने दुखी होकर अपने प्राण त्याग दिए, बलराम और श्रीकृष्ण की पत्नियों ने भी अपने-अपने शरीर त्याग दिए थे, बताया जाता हैं कि श्रीकृष्ण के प्रिय अर्जुन ने श्रीकृष्ण का पिंडदान और श्राद्ध किया था। अंतिम संस्कार करने के बाद अर्जुन यदुवंशी परिवार के बचे हुए सदस्यों को लेकर इंद्रप्रस्थ आ गए, इसके बाद पांचों पांडवों ने हिमालय की तरफ अपनी अंतिम यात्रा शुरू कर दी, जिसके दौरान एक-एक करके सभी पांडवों ने अपनी देह त्याग दी थी।

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