Religion

Bhai Dooj 2022 : भाई दूज किस दिन मनाना रहेगा शुभ? जानें सही तिथि और मुहूर्त

Bhai Dooj 2022 : दिवाली के बाद हर साल गोवर्धन पूजा और​ फिर भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन इस बार भाई दूज की डेट को लेकर लोगों के बीच काफी असमंजस बना हुआ है। क्योंकि सूर्य ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा की डेट बदल गई है। इसकारण बहुत से लोग इस सोच में हैं कि आखिर भाई दूज (Bhai Dooj 2022) की असली तिथि 26 अक्टूबर है या 27 अक्टूबर, तो चलिए आपके इस कंफ्यूजन को दूर करते है और भाई दूज (Bhai Dooj 2022) की सही तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में बताते है…

Bhai Dooj 2022 : भाई दूज 2022 की सही तिथि

हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है, इसे यम द्वितिया भी कहते हैं। इस दिन बहनें भाई का तिलक करती हैं और उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी और 27 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। भाई दूज का त्योहार दोपहर को मनाया जाता है और ऐसे में 26 अक्टूबर को भाई दूज (Bhai Dooj 2022) मनाया जा सकता है, लोकिन, जो लोग उदयातिथि के अनुसार त्योहार मनाना चाहते हैं वह 27 अक्टूबर को भी भाई दूज का पर्व मना सकते हैं। ऐसे में इस बार भाई दूज 26 और 27 अक्टूबर दोनों दिन मनाया जाएगा।

Bhai Dooj 2022 : भाई दूज 2022 शुभ मुहूर्त

Bhai Dooj 2022

हिंदू पंचांग के अनुसार अगर आप 26 अक्टूबर को भाई दूज (Bhai Dooj 2022) का त्योहार मना रहे हैं तो शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 18 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 33 मिनट तक रहेगा. जबकि 27 अक्टूबर को शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 7 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक ही है।

Bhai Dooj 2022 : भाई दूज का धार्मिक महत्व

धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमुना ने अपने भाई यम को आदर-सत्कार स्वरूप वरदान प्राप्त किया था, जिस वजह से भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल यमराज के वरदान के अनुसार जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करके, यम का पूजन करेगा, मृत्यु के बाद उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा। वहीं सूर्य की पुत्री यमुना समस्त कष्टों का निवारण करने वाली देवी स्वरूपा मानी गई हैं। इस कारण यम द्वितीया के दिन यमुना नदी में स्नान करने और यमुना व यमराज की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक कर उसकी लंबी उम्र के लिए हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना भी करती हैं। पुराणों के अनुसार, इस दिन की गई पूजा से यमराज प्रसन्न होकर मनोवांछित फल प्रदान करते हैं।

Bhai Dooj 2022

Bhai Dooj 2022 : पौराणिक कथा

शास्त्रों के अनुसार भगवान सूर्य नारायण और संज्ञा की दो संतानें यमराज और यमुना थी। मगर एक समय ऐसा आया जब संज्ञा सूर्य का तेज सहन कर पाने में असमर्थ होने के कारण उत्तरी ध्रुव में छाया बनकर रहने लगी। जिसके कारण ताप्ती नदी और शनिदेव का जन्म हुआ। उत्तरी ध्रुव में बसने के बाद संज्ञा (छाया) का यम व यमुना के साथ व्यवहार में अंतर आ गया। इससे दुखी होकर यम ने अपनी नगरी यमपुरी बसाई। वहीं यमुना अपने भाई यम को यमपुरी में पापियों को दंड देते देख दु:खी होती, इसलिए वह गोलोक में निवास करने लगीं लेकिन यम और यमुना दोनों भाई-बहन में बहुत स्नेह था।

Bhai Dooj 2022

यमुना ने मांगा था ये वरदान

यमुना ने स्नान के बाद पूजन करके, स्वादिष्ट व्यंजन परोसकर यमराज को भोजन कराया। यमुना द्वारा किए गए इस आतिथ्य से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन को वर मांगने का आदेश दिया। फिर यमुना ने कहा कि, ‘हे भद्र! आप प्रति वर्ष इसी दिन मेरे घर आया करो और मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई को आदर-सत्कार करके टीका करे, उसे तुम्हारा भय न रहे।’ यमराज ने तथास्तु कहकर यमुना को अमूल्य वस्त्राभूषण देकर यमलोक की ओर प्रस्थान किया। तभी से इस दिन से ये पर्व मनाने की परंपरा चली आ रही है। इसी कारण ऐसी मान्यता है कि भाईदूज के दिन यमराज और यमुना का पूजन अवश्य करें।

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