Shree Yantra: शुभ और लाभ के प्रतीक श्रीयंत्र का क्या है महत्त्व, जानें आर्थिक संकट एवं दरिद्रता से कैसे दिलाता है मुक्ति
Shree Yantra | सनातन धर्म में श्रीयंत्र जिसे लक्ष्मी यंत्र भी कहा जाता है, को सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है, मां लक्ष्मी के प्रतीक लक्ष्मी यंत्र बेहद ही शुभ यंत्र माना जाता है और इसी वजह से इस यंत्र का संबंध धन और समृद्धि से भी होता है। शास्त्रों के अनुसार शुक्रवार के दिन जो मां लक्ष्मी का प्रिय दिन माना जाता है उस दिन अगर श्रीयंत्र (Shree Yantra) की विधिपूर्वक स्थापना की जाए और नियमित रूप से इसका पूजन किया जाए तो मां लक्ष्मी की कृपा से सफलता, धन, सुख-समृद्धि के नए मार्ग खुल जाते है।
वैसे भी शास्त्रों में कहा गया है कि श्रीयंत्र की सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा की जाए तो आपको संसार के बहुत से खजाने आपकी झोली में मिल जाते है। आज के इस लेख में हम आपको बताने जा रहे है कि श्रीयंत्र का क्या महत्व होता है और किस तरह ये आपको लाभ पहुंचाता है।
Shree Yantra: क्या होता है श्रीयंत्र
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श्रीयंत्र यानी लक्ष्मी यंत्र (Shree Yantra) एक ज्यामितीय आकृति होती है जिस पर विशेष तरह की रेखांकित होती है और इसे ही मंत्रों का भौतिक स्वरूप माना जाता है। श्रीयंत्र का निर्माण किसी भी विशेष मंत्र या किसी शक्ति को किसी स्वरूप में ढालने से होता है। श्रीयंत्र में रेखाओं, आकृति एवं बिंदुओं का विशेष महत्व होता है क्योंकि अगर इनमें से कुछ भी गलत प्रकार से चिन्हित हो जाता है तो उस श्रीयंत्र से लाभ की जगह नुकसान मिलने लगता है।
हमेशा एक बात का ध्यान रखें कि श्रीयंत्र को हमेशा किसी प्रतिष्ठित जगह से ही लेना चाहिए, अधिकतर श्रीयंत्र दो प्रकार के होते है रेखाओं एवं आकृति वाले और अंकों वाले, कहा जाता है कि अंकों वाले श्रीयंत्र आकृति वाले श्रीयंत्र की तुलना में अधिक प्रभावशाली होते है।
Shree Yantra: श्रीयंत्र का महात्म्य
ये बात तो हम सब भली-भांति रूप से जानते है कि धन, ऐश्वर्या एवं वैभव के लिए मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और बहुत से लोग मां लक्ष्मी की पूजा भी करते है लेकिन उनमें से बहुत से लोगों को मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने की विधि के बारे में जानकारी नहीं होती है। इसी वजह से उन्हें मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं होती है, ज्योतिषाचार्यो के मुतबिक शास्त्रार्थ विधि से श्रीयंत्र (Shree Yantra) का शास्त्रार्थ तरीके से पूजन करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि एवं ऐश्वर्य-वैभव की प्राप्ति होती है।
किस तरह करना चाहिए श्रीयंत्र का उपयोग
आपकी तो ऐश है अगर आपका जन्म शुक्रवार को हुआ है !
श्रीयंत्र (Shree Yantra) केवल धन प्राप्ति का ही साधन नहीं है बल्कि श्रीयंत्र की विधिपूर्वक पूजा करने से शांति एवं सुकून मिलता है, जिस जगह हमारा कार्य स्थल होता है या जिस जगह हम पढ़ाई करते है वहां उर्ध्वमुखी श्रीयंत्र की स्थापना करनी चाहिए। एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि श्रीयंत्र को ऐसी जगह स्थापित करें जहां से वो हमें हमारी आंखों के सामने दिखाई दे, कभी भी श्रीयंत्र की तरफ अपनी पीठ ना करें, हमेशा रंगीन चित्र वाले श्रीयंत्र का ही प्रयोग करना चाहिए और जिस जगह अपने श्रीयंत्र स्थापित किया हुआ है वहां कभी भी गंदगी नहीं रहनी चाहिए।
बेहद प्रभावशाली होते हैं श्रीयंत्र
जैसाकि हम पहले भी जान चुके है कि श्रीयंत्र काफी प्रभावशाली और ताकतवर यंत्र होता है, श्रीयंत्र या लक्ष्मी यंत्र के उपयोग से संपन्नता, समृद्धि, सुख-शांति और एकाग्रता की प्राप्ति होती है तो वहीं श्रीयंत्र के उपयोग से घर से दरिद्रता दूर होती है।