
Golden Shiv Kanwad: हरिद्वार में 1000 किलो सोने की कांवड़ बनी आस्था का अद्भुत नज़ारा
सावन के पवित्र महीने में जब पूरा उत्तर भारत शिवभक्तों की आस्था में डूबा रहता है, तब गुरुग्राम से निकली एक अनूठी कांवड़ ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। यह न सिर्फ कांवड़ यात्रा की महानता का प्रतीक है, बल्कि आधुनिक भक्ति की भव्यता का जीवंत उदाहरण भी है।
सोने जैसी शिव कांवड़ का विवरण
इस कांवड़ का वजन लगभग 800–1,000 किलोग्राम बताया जा रहा है।
यह सोनीपत में कारीगरी से बनी है और सोने जैसी झिलमिलाहट देती है।
इसमें लगभग 40 लीटर गंगाजल भरा गया है, जो इसकी आध्यात्मिक महत्ता को और बढ़ाता है ।
250 किमी की भव्य यात्रा
गुरुग्राम से प्रारंभ होकर हरिद्वार तक यह कांवड़ लगभग 250 किलोमीटर की दूरी तय करके आ रही है।
इस यात्रा में शामिल कांवड़िये सोनू राणा बताते हैं: “यह एक अनोखी कांवड़ है… लोग इसकी भव्यता की बहुत प्रशंसा कर रहे हैं”।
समर्पण और श्रद्धा का प्रतीक
पहियों पर सोने जैसी कांवड़ खींचना अत्यधिक श्रमसाध्य है, लेकिन यह दिखाता है कि भक्ति में भौतिक कठिनाइयों की कोई बाधा नहीं होती।
गंगाजल यात्रा का मूल तत्व है—तीर्थयात्रा की पवित्रता इसी में समाहित है।
सोशल मीडिया और जनमानस प्रतिक्रिया
हरिद्वार में भक्त और दर्शक इस दृष्टव्य को देखकर मंत्रमुग्ध हो रहे हैं—कुछ सेल्फी ले रहे हैं, कुछ वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं।
ऐसा लगता है कि भक्ति और भव्यता के बीच एक नए बहस का आरम्भ हो चुका है—क्या यह आस्था का शिखर है या एक उत्कट प्रदर्शन?
ऑपरेशन कालनेमि: धोखेबाज साधुओं पर सख्ती
इस भव्य आयोजन के बीच उत्तराखंड सरकार ने 10 जुलाई से “Operation Kalanemi” प्रारंभ किया है, जिसका उद्देश्य फर्जी साधु-संतों पर कार्रवाई करना है। अब तक 300+ फर्जी संत गिरफ्तार हो चुके हैं
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट रूप से कहा है: “जो लोग साधु का वेश धारण कर आस्था को ठेस पहुँचा रहे हैं… ‘कालनेमि’ की तरह उनका पर्दाफाश किया जाएगा”
ऑपरेशन के तहत देहरादून, हरिद्वार, बद्रीनाथ जैसे तीर्थस्थलों पर चल रही पहचान जाँच में 600+ साधुओं की जांच हुई और 45–82 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया। हमसे जुड़े तथा अपडेट रहने के लिए आप हमें Facebook Instagram Twitter Sharechat Koo App YouTube Telegram पर फॉलो व सब्सक्राइब करें