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इन खतरनाक शिव मंदिरों में कोई भी पूजा नहीं कर सकता, जानें क्या है वजह

Youthtrend Religion Desk : भगवान शिव के बहुत से रूप हैं और ये बहुत से नामों से जाने जाते हैं जैसेकि शिव, शिव शंकर, भोलेनाथ, महादेव, शंभूनाथ, आदिनाथ, त्रिपुरारी, कैलाशपति इत्यादि, पूरे देश में भगवान शिव के बहुत से प्राचीन मंदिर हैं और हर मंदिर की कहानी हैं आज हम आपकों भगवान शिव के कुछ ऐसे मंदिरों के बारें में बताने जा रहें हैं जो घिरे हैं काफी ज्यादा रहस्यों से।

ऐसा शिव मंदिर जहां अदृश्य व्यक्ति करता हैं पूजा

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दरअसल ये तो हम सबकों पता हैं कि सुबह मंदिर खुलने के बाद सबसे पहले पूजा मंदिर के पुजारी ही करते हैं लेकिन अगर कोई कहे कि मंदिर के पट खुलने से पहले ही कोई शिवभक्त महादेव की पूजा कर जाता हैं तो, जी हां बिल्कुल सही पढ़ा आपने मध्यप्रदेश के पहाड़गढ़ जिले में स्थित ईश्वरा महादेव मंदिर की। ये मंदिर पहाड़ों और जंगलो के बीच एक गुफा में बना हुआ हैं, कहा जाता हैं कि इस मंदिर में ब्रह्ममुहूर्त के समय कोई शिवलिंग की पूजा करने नियमित रूप से आता हैं और सबसे रहस्मयी बात ये हैं कि आज तक किसी ने इस व्यक्ति को नहीं देखा। जब प्रतिदिन इस मंदिर के पट खोले जाते हैं तो मंदिर में मौजूद शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पण किए हुए मिलते हैं।

इस अदृश्य व्यक्ति का नहीं जान सका कोई भी व्यक्ति भेद

मंदिर के पुजारी से लेकर आसपास के गांव के निवासियों ने भी कभी इस व्यक्ति को नहीं देखा, इस अदृश्य व्यक्ति का राज जानने की बहुत कोशिश की गई पर हर बार नाकामी ही हाथ लगी, बताया जाता हैं कि ये राज जानने के लिए किसी व्यक्ति ने गर्भगृह में मौजूद शिवलिंग पर अपना हाथ रख लिया था कि तभी अचानक से बहुत तेज आंधी आई जिसकी वजह से उस व्यक्ति को अपना हाथ हटाना पड़ा और इतनी देर में ववो अदृश्य व्यक्ति पूजा करके चला गया था परंतु जिस व्यक्ति ने शिवलिंग पर अपना हाथ रखा था वो कौड़ी में बदल गया था।

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रामायण के इस पात्र ने की थी इस मंदिर की स्थापना

ऋषि और सन्यासियों ने भी इस मंदिर का रहस्य जानने की पूरी कोशिश की और इसके लिए उन्होंने मंदिर में ही डेरा जमा लिया लेकिन उन्हें भी कुछ हाथ नहीं लगा, बताया जाता हैं कि मंदिर में मौजूद शिवलिंग का निर्माण लंका के राजा रावण के भाई विभीषण ने करवाया था और उन्हें भी चिरंजीवी होने का वरदान मिला था तो हो सकता हैं कि खुद विभीषण अदृश्य रूप में आकर महादेव की पूजा करते हो।

आज से पहले कभी नहीं देखा होगा ऐसा नजारा, एक बार जरूर देखें

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भूलभुलैया वाला शिव मंदिर

अब हम जिस मंदिर की बात कर रहें हैं उसे भूलभुलैया वाला शिव मंदिर के नाम से जाना जाता हैं वैसे इस मंदिर का असली नाम विरूपाक्ष महादेव मंदिर हैं ये मंदिर मध्यप्रदेश के रतलाम के एक गांव में स्थित हैं। बताया जाता हैं कि इस मंदिर का निर्माण परमार वंश के राजाओं ने मध्यकालीन युग से पहले करवाया था। बताया जाता हैं कि भगवान शिव के 11 रुद्र अवतारों में से 5वें रुद्र अवतार के नाम पर इस मंदिर का नाम मंदिर विरूपाक्ष महादेव मंदिर रखा गया, इस मंदिर के चारों कोनों में चार मंडप का निर्माण किया गया हैं जिनमें भगवान शिव, मां पार्वती, भगवान गणेश और सूर्यदेव की प्रतिमा लगी हुईं हैं।

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क्यों कहा जाता हैं विरूपाक्ष मंदिर को भूलभुलैया वाला मंदिर

अब आप ये सोच रहें होंगे कि आखिर इस मंदिर को भूलभुलैया वाला मंदिर क्यों कहते हैं तो चलिए आपकों हम बताते हैं दरअसल इस मंदिर के अंदर 34 खंबो से बना एक मंडप हैं लेकिन आज तक कोई भी इन खंबो की गिनती पहलीं बार में सही से नहीं कर पाया हैं।

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