Religion

अनंत चतुर्दशी 2020: क्यों बांधते हैं अनंत सूत्र, जाने अनंत सूत्र बांधने की विधि

Youthtrend Religion Desk : प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता हैं, ये पर्व भगवान श्री विष्णु को समर्पित हैं, इस पर्व को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता हैं कहा जाता हैं कि इस दिन व्रत रखकर भगवान श्रीविष्णु के अनंत रूप की पूजा का बहुत ही विशेष महत्व हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन ही 10 दिनों से चले आ रहें गणपति महोत्सव का समापन होता हैं और गणपति को विसर्जित करके उन्हें विदा किया जाता हैं। क्या आप जानते हैं कि अनंत चौदस के दिन क्यों कलाई पर बांधा जाता हैं अनंत सूत्र, आज के इस लेख में हम आपकों इसी बारें में बताएंगे।

अनंत चतुर्दशी का क्या हैं महत्व

इस वर्ष अनंत चतुर्दशी का पर्व 1 सितंबर मंगलवार के दिन हैं, शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत करने से भगवान श्रीविष्णु प्रसन्न होते हैं और अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं। पुराणों के अनुसार जो भी व्यक्ति इस व्रत को लगातार 14 वर्षों तक करता हैं उसे विष्णुलोक की प्राप्ति होती हैं, अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीविष्णु के अनंत रूपों की पूजा की जाती हैं जिससे इस व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता हैं।

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कहा जाता हैं कि सर्वप्रथम इस व्रत को पांडवों ने कौरवों के साथ जुएं में सबकुछ हारने के बाद किया था, दरअसल जब पांडव अपना सब कुछ गंवा चुके थे तो उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से इसका उपाय पूछा बात तो भगवान कृष्ण ने उनसे कहा कि हे पांडवों मां लक्ष्मी तुम लोगों से रूठ चुकी हैं इसलिए अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन करों और व्रत करों, तभी से इस दिन प्रयेक वर्ष अनंत चतुर्दशी मनाई जाती हैं।

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अनंत चतुर्दशी पर क्या हैं अनंत सूत्र पहनने का महत्व

अनंत चतुर्दशी के दिन अनंत सूत्र बांधने का रिवाज तो सदियों से चला आ रहा हैं कहा जाता हैं कि अनंत सूत्र में स्वयं भगवान विष्णु वास करते हैं, अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद ही अनंत सूत्र को धारण किया जाता हैं। अनंत सूत्र में 14 गांठे होती हैं और इन 14 गांठो को 14 लोकों से जाना जाता हैं। ये 14 लोक हैं भूर्लोक, भुवर्लोक, स्वर्लोक, महर्लोक, जनलोक, तपोलोक, ब्रह्मलोक, अतल लोक, वितल लोक, सतल लोक, रसातल लोक, तलातल लोक, महातल लोक और आखिर में पाताल लोक हैं।

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इस अनंत डोरी में हर एक गांठ हर एक लोक का प्रतिनिधित्व करती हैं एक बात का अवश्य ध्यान रखें कि अनंत सूत्र को हमेशा पुरूष अपने दायें हाथ में और महिलाएं बाएं हाथ में ही धारण करें।

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