क्या होता है ‘टाइम कैप्सूल’ जिसे राम मंदिर में मोदी दफनायेंगे?
Youthtrend Religion Desk जिस घड़ी की प्रतीक्षा लंबे समय से की जा रही थी आखिकार वो सुनहरी घड़ी आ ही गई हैं जब अयोध्या में श्री राम मंदिर का भूमि पूजन किया जाएगा, आगामी 5 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में ये शुभ कार्य किया जाएगा। मिल रहीं खबरों के अनुसार राम मंदिर के निर्माण से पहले भूमि के अंदर 200 फीट नीचे एक कैप्सूल यानी काल पात्र रखा जाएगा, क्या होता हैं ये टाइम कैप्सूल और क्यों रखा जा रहा हैं राम मंदिर के नीचे टाइम कैप्सूल, जानिए आज के इस लेख में।
क्यों रखा जा रहा हैं राम मंदिर के नीचे टाइम कैप्सूल
इस बारें में जानकारी देते हुए राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक टाइम कैप्सूल रखने की मुख्य वजह ये हैं कि आने वाले भविष्य में कभी भी राम मंदिर को लेकर किसी भी तरह का विवाद ना हो, टाइम कैप्सूल के जरिए भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या और उनसे जुड़ी सभी जरूरी जानकारी सुरक्षित रहेंगी ताकि भविष्य में राम जन्म भूमि को लेकर किसी भी तरह का कानूनी विवाद ना हो। ट्रस्ट के एक सदस्य के अनुसार मंदिर के नीचे टाइम कैप्सूल रखने का फैसला ट्रस्ट की मीटिंग में लिया गया हैं।
आखिर कैसा होता हैं टाइम कैप्सूल और दुनिया में कहा हुआ हैं इसका इस्तेमाल
दरसल टाइम कैप्सूल एक खास तरह का कंटेनर होता हैं जिसमें रखी सभी जानकारी सुरक्षित रहती हैं, बताया जाता हैं कि दुनिया में टाइम कैप्सूल का इतिहास तो सदियों साल पुराना हैं, स्पेन में वर्ष 2017 में एक 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल मिला था, बताया जाता हैं कि ये ईसा मसीह की मूर्ति की तरह दिखाई देता था और इसमें मिले दस्तावेजों के अनुसार वर्ष 1777 की जानकारियां दर्ज थी। कहा जाता हैं टाइम कैप्सूल को अगर हजारों साल के लिए भी दबा कर रख दिया जाए तो भी टाइम कैप्सूल को कुछ नहीं होता।
राम मंदिर से पहले इस इमारत के नीचे भी रखा गया था टाइम कैप्सूल
ऐसा नहीं हैं कि टाइम कैप्सूल पहली बार राम मंदिर में ही रखा जा रहा हैं बल्कि इससे पहले साल 1973 में उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिल्ली में मौजूद लालकिले के नीचे टाइम कैप्सूल रखवाया था, उस समय इस घटना को लेकर बहुत बवाल हुआ था, बाद में 1977 में निर्वाचित जनता दल की सरकार ने लालकिले में से वो टाइम कैप्सूल हटवा दिया था। उस कैप्सूल में क्या जानकारी मौजूद थी इसके बारें में किसी को भी आजतक पता नहीं चल सका हैं।