विश्व कैंसर दिवस : कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है
विश्व में 4 फरवरी के दिन को विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता हैं और हर साल लाखो लोगों की मौत कैंसर की वजह से हो रही हैं| यह बीमारी किस एक वर्ग तक सीमित नहीं हैं बल्कि यह बीमारी सभी वर्गों में तेजी से बढ़ रही हैं और इस बीमारी से बचाने के लिए सबसे बढ़ा उपाय बचाव करना है क्योंकि यदि इस बीमारी का समय से पता चल जाता हैं तो इसका बेहतर इलाज संभव हो पाता हैं| एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल करीब सात लाख लोग कैंसर की वजह से मरते हैं| इतना ही नहीं हर साल चौदह लाख नए कैंसर के मामले भी सामने आते हैं| बता दें कि देश में लगभग 42 लाख कैंसर के मरीज हैं|
इन आकड़ों से साफ जाहीर होता हैं कि हमारे देश में कैंसर के इलाज की क्या स्थिति हैं| दरअसल लोगों के खान-पान में बदलाव, बदलती जीवनशैली कैंसर के बीमारी का प्रमुख वजह बनता हैं| बता दें कि 40 प्रतिशत कैंसर की बीमारी सिर्फ तंबाकू के सेवन से होता हैं| युवाओ में तंबाकू के सेवन की बढ़ती लत कैंसर को और भी बढ़ावा दे रही हैं और यह बीमारी किसी भी देश की सरकार के लिए चुनौती पूर्ण हैं|
कैंसर की रोकथाम कैसे हो और लोगों में इस बीमारी की जागरूकता को बढ़ाने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और आयुष मंत्रालय मिलकर काम करने वाले हैं| बता दें कि हमारे देश के पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में कैंसर से बचाव और इलाज करना संभव हैं, अब इसका वैज्ञानिक अध्ययन किया जाएगा| जिसके कारण इसका लाभ आने वाले समय में देश और दुनिया को होगा| दरअसल पुरुषों में कैंसर अमूमन फेफड़े, गले, मुंह और आमाशय में होता हैं| वहीं यह बीमारी महिलाओं में स्तन, मुंह और गर्भाशय के मुंह में होता हैं|
क्या है विश्व कैंसर दिवस का इतिहास
केन्द्रीय अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण के संरक्षण में और विभिन्न दूसरे प्रसिद्ध कैंसर समाजों, शोध संस्थानों, उपचार केन्द्रों और मरीजों के समूह की सहायता के साथ 1933 में स्वीट्ज़रलैण्ड के जेनेवा में विश्व कैंसर दिवस को मनाने की योजना की शुरुआत हुई थी। इस घातक बीमारी को नियंत्रित करने और लड़ने के लिये सभी जरुरतों को पूरा करने के लिये विश्व कैंसर दिवस के कार्यक्रम स्थापना हुई थी।
जानकारी के अनुसार यह ध्यान देने योग्य है कि 12.7 मिलीयन से अधिक लोगों की कैंसर की पहचान की गयी साथ ही हर वर्ष 7 मिलीयन लोग इस बीमारी से मरते हैं। इस संक्रामक बीमारी के खतरे से बचाने और इसके एहतियातन कदम का अनुसरण करने, लोगों को इसके लक्षणों की जाँच करने के लिये निर्देश देना साथ ही साथ कैंसर से लाखों जीवन बचाने के लिये इस दिन के वार्षिक उत्सव को मनाने की योजना की शुरुआत की गयी। 4 फरवरी की स्थापना खासतौर से सही खान-पान के बारे में उन्हें सिखाने, नियमित और उचित शारीरिक क्रियाकलाप के लिये और एक सीख कि कैसे कैंसरकारी तत्व या परिस्थिति से बचाव किया जाए आदि कैंसर के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने के लिये की गयी है।
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कैंसर के अन्य कारण
- कैंसर आनुवांशिक भी हो सकता है। कई बार कैंसर से पीडि़त माता या पिता के जीन बच्चे में भी आ जाते हैं जिससे बच्चे को भविष्य में कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है।
- किसी गंभीर बीमारी के कारण भी आपको कैंसर हो सकता है। यानी यदि आप किसी गंभीर बीमारी के लिए दवाएं ले रहे हैं तो इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण आप कैंसर के शिकार हो सकते हैं।
- कई बार उम्र के बढ़ने के साथ भी शरीर में चुस्ती-फुर्ती नहीं रहती और उम्र के पड़ाव पर व्यक्ति बीमार पड़ने लगता है, ऐसे में कई बार कैंसर भी हो जाता है।
कुछ प्रमुख कैंसर
क्या आप जानते हैं देश में सबसे अधिक होने वाली मौतों में कुछ कैंसर प्रमुख हैं
- महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाश्य कैंसर और सर्वाइकल कैंसर से सबसे अधिक मौते होते हैं।
- पुरुषों में सबसे अधिक मौत फुस्फुस, आमाशय, यकृत, कोलेस्ट्रोल और ब्रेन कैंसर से होती है।
- कैंसर से मरने वाले लोगों में महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों से अधिक है।
लक्षण
शरीर में किसी भी तरह का गांठ का अनियंत्रित बढ़ना, तिल का बढ़ना और रंग बदलना, किसी भी घाव का लंबे समय से ठीक ना होना, भूख कम लगना, वजन कम होना, थकान, आलस का बना रहना और दो हफ्ते तक लगातार खांसी आना, इस बीमारी के लक्षण हैं| इन बातों से साफ जाहीर होता हैं कि लोगों में कैंसर के प्रति जागरूकता ही सबसे बढ़ा बचाव हैं और यदि आप इस बीमारी से दूर रहना चाहते हैं तो अपने जीवनशैली को नियंत्रित करके रखे और अपने खान-पान का विशेष तौर पर ध्यान दे|