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भारत-चीन सीमा पर क्यों नहीं चलती है गोलियां, जानें क्या है वजह?

भारत-चीन सीमा पर क्यों नहीं चलती है गोलियां, जानें क्या है वजह?

भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर विवाद काफी लंबे समय से चला आ रहा हैं भले ही 1962 का युद्ध हो या डोकलाम विवाद हो। भारत-चीन सीमा को LAC कहा जाता हैं जहां चीन हमेशा से ही भारत की जमीन के कुछ हिस्से को अपना कहने का दावा करता, इसके अलावा 1962 के युद्ध में चीन ने हमारें कुछ हिस्से पर अवैध कब्जा कर लिया था।

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अभी हाल में ही लद्दाख क्षेत्र में मौजूद गलवान घाटी में चीन और भारत की सेना में संघर्ष हुआ था जहां चीन के सिपाहियों ने धोखे से रात में भारत के वीर जवानों पर नुकीली तारों से बने हथियार से हमला कर दिया था जिसमे देश ने अपने 20 वीर सपूत खो दिए थे। जवाबी कार्यवाही में भारतीय फौज ने चीन के बहुत से सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था पर क्या आपको पता हैं कि भारत चीन सीमा पर गोली क्यों नही चलती ?

भारत-चीन सीमा पर नहींं चलती गोली

भारत-चीन सीमा पर क्यों नहीं चलती है गोलियां, जानें क्या है वजह?

भारत-चीन सीमा पर भले ही कितना भी विवाद हो लेकिन कभी भी वहां गोली नही चलती, हालांकि हिंसा जरूर होती हैं लेकिन किसी भी तरफ से कोई गोली नही चलाई जाती हैं। इसके पीछे भी कारण ये हैं कि दोनों देशों के बीच में समझौता हो रखा हैं कि सीमा पर कितना भी दवाब हो पर कोई भी गोली नही चलाएगा ज्यादा से ज्यादा हाथापाई हो सकती हैं या किसी अन्य हथियार से हमला कर सकते हैं।

भारत-चीन सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए हैं अलग नियम

विशेषज्ञों के अनुसार भारत और चीन के बीच आपसी सहमति के अनुसार जब दोनों देश के सिपाही भारत-चीन सीमा पर तैनात होंगे तो वो अपने साथ हथियार नही रखेंगे। इसके अलावा जो ऊंची रैंक के आर्मी ऑफिसर होंगे तो वो अपनी-अपनी बंदूकों की नोजल को जमीन की तरफ मोड़ कर रखेंगे, इन दोनों देशों के सैनिकों के बीच में जब भी हाथापाई करने की नौबत आती हैं तो वो आपस में धक्का-मुक्की ही करते हैं लेकिन कभी भी थप्पड़ नही मारते क्योंकि ऐसा करने से वो अपने गुस्से पर नियंत्रण खो सकते हैं।

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भारत-चीन सीमा पर क्यों नहीं चलती है गोलियां, जानें क्या है वजह?

भारत-चीन सीमा को लेकर होते रहते हैं समझौते

बताया जाता हैं कि दोनों देशों के बीच आखिरी बार गोली 1975 में चली थी लेकिन उसके बाद कभी भी ऐसी घटना को अंजाम नही दिया गया, इसके बाद दोनों देशों के बीच बहुत से समझौते हुए जिसमें गोली ना चलाए जाने वाली बात को भी मान लिया गया। 1993 में जब भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव चीन के दौरे पर गए थे तो उन्होंने वहां एक मेंटेनेन्स ऑफ पीस एंड ट्रांक्विलिटी (Maintenance of Peace and Tranquility) समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके अनुसार दोनों देश सीमा विवाद को बातचीत के द्वारा हल करेंगे।

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