
आखिर पीला ही क्यों होता है सभी स्कूल बसों का रंग, 99% लोगों को भी नहीं पता है वजह
आपने कभी ध्यान दिया होगा तो आपके भी दिमाग में ये कौतूहल हुई होगी कि आखिर सभी स्कूल बसों रंग पीला ही क्यों होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने भी सारे प्राइवेट स्कूलों को आदेश दिए थे कि उनके स्कूल की बसों का रंग पीला होना चाहिए। क्या आपने इस बात पर गौर किया कि आखिर क्यों पीले रंग को इतनी तवज्जो दी जा रही है। ऐसा केवल हमारे देश में ही नहीं है विदेशों में भी स्कूलों कि बसों का रंग पीला होता है।
चलिए जानते हैं कि क्या है वो खास वजह जिसके कारण सारी स्कूल बसों का रंग पीला होता है। बहुत सारे लोगों को लगता है कि सबसे ज्यादा लाल रंग हमारा ध्यान आकर्षित करता है लेकिन वास्तव में पीला रंग ही अन्य रंगों की तुलना में हमारा ध्यान ज्यादा आकर्षित करता है।
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एक शोध के अनुसार वैज्ञानिकों ने ये पता लगाया कि लाल रंग की तुलना में पीला रंग 1.24 गुना बेहतर दिखाई पड़ता है। अंधेरे में भी हम पीले रंग को आसानी से देख पाते हैं। यहां तक कि कोहरे के मौसम में भी हम पीले रंग की आसानी से देख सकते हैं। सबसे पहले इस बात की पुष्टि 1930 में अमेरिका में हुई थी। आपने देखा होगा कि सुरक्षा की दृष्टि से सड़क के रास्तों पर ट्रैफिक लाइट और किसी खास चीज को निर्देशित करने के लिए पीले रंग का प्रयोग किया जाता है। कोहरे में भी जब हम कहीं यात्रा करते हैं तो पीला रंग काफी सहायता करता है।
इसीलिए सुरक्षा के लिए स्कूलों कि बसों का रंग पीला होता है ताकि कोई हादसा ना हो और नुकसान से बचा जा सके। साल 2012 में भारत में हाई कोर्ट के द्वारा जो गाइड लाइन्स जारी की गई थी उसमें कई सारे ऐसे बदलाव किए गए थे जो स्कूलों के लिए जरूरी है। उन बदलावों में ये भी कहा गया कि सारे स्कूल की बसों पर उनके प्रधानाचार्य का नाम और फोन नंबर लिखा हुआ होना चाहिए। साथ ही बस के अंदर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था भी होनी चाहिए। बसों की गति को निर्धारित करने के लिए एक गवर्नर होना अनिवार्य है। बस के ड्राइवर का वेरिफिकेशन होना जरूरी है।