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हो जाइए सावधान, WHO की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार दुनिया का छठा सबसे प्रदूषित शहर बना वाराणसी

हो जाइए सावधान, WHO की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार दुनिया का छठा सबसे प्रदूषित शहर बना वाराणसी

विश्व भर में लगातार हो रहे नए नए आविष्कार और नयी खोज आदि के जरिये हम आगे तो बेशक बढ़ते ही जा रहे है मगर उसके पीछे हम और भी बहुत सारी ऐसे समस्याएँ छोड़ते जा रहे हैं जो यकीनन हमारे लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक है। जानकारी के लिए बता दें की जेनेवा स्थित विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताज़ा जारी रिपोर्ट के अनुसार जो की उसके कार्यालय से 2 मई 2018 को जारी हुई है ने दुनिया में वायु प्रदूषण के वर्त्तमान हालात पर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के आधार पर दुनिया के प्रदूषित शहरों का आंकड़ा जारी किया गया है।

हो जाइए सावधान, WHO की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार दुनिया का छठा सबसे प्रदूषित शहर बना वाराणसी

बेहद खतरनाक और गंभीर स्‍थिति

WHO द्वारा जारी की गयी इस रिपोर्ट में 2010 से 2016 तक तमाम शहरों में उपलब्ध पीएम् 2.5 के आंकड़ों के आधार पर एक विस्‍तारित सूची बनायी गयी है, जिस के आधार पर विश्व के प्रदूषित शहरों की क्रमवार सूची तैयार की गयी है। आपको जानकार काफी ज्यादा हैरानी होगी की इसमे प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र और धर्म व आध्‍यात्‍म की नगरी कहा जाने वाला “वाराणसी” शहर प्रदूषण के मामले में पूरी दुनिया में छठवें नंबर पर है, जबकि वहीं भारत में प्रदूषण के मामले में कानपुर से दो पायदान नीचे वाराणसी तीसरे नंबर पर है।

बताना चाहेंगे की इस लिस्ट के शीर्ष 20 शहरों में उत्तर प्रदेश के कुल 6 शहर शामिल हैं। इनमे कानपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, आगरा और फिरोजाबाद क्रमशः (विश्व में) दूसरे, चौथे, तेरहवें, पन्द्रहवें और बीसवें नंबर पर है।”

हो जाइए सावधान, WHO की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार दुनिया का छठा सबसे प्रदूषित शहर बना वाराणसी

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आपको बताना चाहेंगे की “दुनिया भर में होने वाली करीब करीब 70 लाख मौतों में ज्यादातर मौतें भारत के इन चुनिन्दा शहरों में हो रही हैं। ऐसे में, अब यह एक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति बन चुकी है। इसके अलावा WHO की तरफ से आई यह रिपोर्ट साफ तौर पर यह साबित करती है की दुनिया में उत्तर प्रदेश वायु प्रदूषण का एक बड़ा हब बन चुका है।

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रिपोर्ट से ज्‍यादा हालत खराब हैं

इस बारे में, पर्यावरण कार्यकर्ता के अनुसार भारत में हालात इस रिपोर्ट में दर्शाए गए आंकड़ों से ज्यादा खराब हैं। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नेशनल क्लीन एयर एक्शन प्लान में लक्ष्य तो बड़े बड़े रखे गएँ हैं, लेकिन उन्हें हासिल करने के लिए कोई भी कार्ययोजना नहीं बनाई गयी है, यह एक चिंताजनक तथ्य है।

वहीं अगर वाराणसी के BHU के  पूर्व प्रोफ़ेसर डॉ बीआरडी गुप्ता की माने तो वाराणसी सहित आस पास के इलाके में वायु प्रदूषण की समस्या के कई कारण हैं, लगातार हो रही सड़कों की खुदाई से उड़ती धूल और आए दिन नए नए विकास कार्यो के लिये लगातार हरे भरे पेड़ो की कटाई भी कम जिम्‍मेदार नहीं है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि लोगों में बढ़ रही गाड़ियों के प्रति शौक ने भी शहर की आबो-हवा को बुरी तरह से प्रदूषित कर दिया जो निश्चित रूप से चिंता का विषय तो बन ही चुका है।

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